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पुलिस कमिश्नर को हाईकोर्ट ने किया तलब, बुधवार को होना है हाजिर

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Published : Aug 1, 2023, 10:54 PM IST

एक जनहित याचिका दाखिल कर पुलिस कमिश्नर पर आरोप लगाया है कि बिजनौर थाने का भवन अतिक्रमण करके बनाया गया है. हाईकोर्ट ने इस मामले को लेकर पुलिस कमिश्नर को तलब किया है.

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पुलिस कमिश्नर को हाईकोर्ट ने किया तलब

लखनऊ : हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने लखनऊ के पुलिस कमिश्नर को तलब किया है. एक जनहित याचिका दाखिल कर आरोप लगाया गया है कि बिजनौर थाने का भवन सड़क पर अतिक्रमण करके बनाया गया है. याचिका पर मई 2022 में ही न्यायालय ने जवाब मांगा था लेकिन, उक्त आदेश के बावजूद कोई जवाब न आने पर पुलिस कमिश्नर को तलब करते हुए बुधवार को मामले की सुनवाई नियत की गई है.

यह आदेश न्यायमूर्ति एआर मसूदी और न्यायमूर्ति ओम प्रकाश शुक्ला की खंडपीठ ने त्रिलोचन सिंह और अन्य की याचिका पर पारित किया है. याचियों के अधिवक्ता प्रशांत जायसवाल ने बताया कि बिजनौर रोड पर सीआरपीएफ चौराहे पर वर्ष 2012 से 2014 के बीच बिजनौर पुलिस चौकी बनाई गई, जो सिर्फ एक कमरे की थी. धीरे-धीरे उक्त चौकी का अतिक्रमण बढ़ने लगा और बिजनौर थाना बनने के बाद उक्त चौकी में ही थाना चलाया जाने लगा.

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अधिवक्ता का कहना है कि ठीक चौराहे पर थाना बनाए जाने से यहां भीषण जाम की समस्या हमेशा रहती है, यही नहीं पुलिस द्वारा सीज की गई गाड़ियां तथा पुलिसकर्मियों की गाड़ियां भी थाने के बाहर खड़ी होती हैं. जिसकी वजह से आने जाने वाले लोगों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. यह भी दलील दी गई है कि जानकारी के मुताबिक बिजनौर थाने के लिए उक्त चौराहे से 500 मीटर दूर जमीन प्रस्तावित है. लेकिन, चौराहे पर अतिक्रमण कर थाना चलाया जा रहा है.

मामले पर सुनवाई करते हुए, 31 मई 2022 को ही न्यायालय ने जवाब मांगा था. न्यायालय ने यह भी पूछा था कि उक्त थाने के भवन निर्माण के लिए आवश्यक अनुमति ली गई थी अथवा नहीं. काफी समय बीत जाने के बावजूद जवाब न आने पर न्यायालय ने सख्त रुख अपनाते हुए पुलिस कमिश्नर को तलब कर लिया.

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लखनऊ : हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने लखनऊ के पुलिस कमिश्नर को तलब किया है. एक जनहित याचिका दाखिल कर आरोप लगाया गया है कि बिजनौर थाने का भवन सड़क पर अतिक्रमण करके बनाया गया है. याचिका पर मई 2022 में ही न्यायालय ने जवाब मांगा था लेकिन, उक्त आदेश के बावजूद कोई जवाब न आने पर पुलिस कमिश्नर को तलब करते हुए बुधवार को मामले की सुनवाई नियत की गई है.

यह आदेश न्यायमूर्ति एआर मसूदी और न्यायमूर्ति ओम प्रकाश शुक्ला की खंडपीठ ने त्रिलोचन सिंह और अन्य की याचिका पर पारित किया है. याचियों के अधिवक्ता प्रशांत जायसवाल ने बताया कि बिजनौर रोड पर सीआरपीएफ चौराहे पर वर्ष 2012 से 2014 के बीच बिजनौर पुलिस चौकी बनाई गई, जो सिर्फ एक कमरे की थी. धीरे-धीरे उक्त चौकी का अतिक्रमण बढ़ने लगा और बिजनौर थाना बनने के बाद उक्त चौकी में ही थाना चलाया जाने लगा.

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अधिवक्ता का कहना है कि ठीक चौराहे पर थाना बनाए जाने से यहां भीषण जाम की समस्या हमेशा रहती है, यही नहीं पुलिस द्वारा सीज की गई गाड़ियां तथा पुलिसकर्मियों की गाड़ियां भी थाने के बाहर खड़ी होती हैं. जिसकी वजह से आने जाने वाले लोगों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. यह भी दलील दी गई है कि जानकारी के मुताबिक बिजनौर थाने के लिए उक्त चौराहे से 500 मीटर दूर जमीन प्रस्तावित है. लेकिन, चौराहे पर अतिक्रमण कर थाना चलाया जा रहा है.

मामले पर सुनवाई करते हुए, 31 मई 2022 को ही न्यायालय ने जवाब मांगा था. न्यायालय ने यह भी पूछा था कि उक्त थाने के भवन निर्माण के लिए आवश्यक अनुमति ली गई थी अथवा नहीं. काफी समय बीत जाने के बावजूद जवाब न आने पर न्यायालय ने सख्त रुख अपनाते हुए पुलिस कमिश्नर को तलब कर लिया.

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