लखनऊ: हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने पंचायत चुनाव में कथित गड़बड़ी को लेकर दाखिल एक याचिका को खारिज कर दिया है. याचिका खारिज करते समय न्यायालय ने कहा कि इस प्रकार के मामलों में सिर्फ निर्वाचन याचिका ही पोषणीय हो सकती है. यह आदेश न्यायमूर्ति रितुराज अवस्थी और न्यायमूर्ति मनीष माथुर की खंडपीठ ने सुरेंद्र विक्रम सिंह और एक अन्य की ओर से दाखिल याचिका पर पारित किया.
प्रधान पद का चुनाव पुनः कराए जाने की थी मांग
याचिका में उन्नाव जनपद के बरौकी ग्राम पंचायत के प्रधान पद का चुनाव पुनः कराए जाने की मांग की गई थी. याची सुरेंद्र विक्रम सिंह का कहना था कि वोटर लिस्ट से उसका नाम गलत तरीके से काट दिया गया, जिसके बाद प्रधान पद की उम्मीदवारी के लिए किया गया उसका नामांकन भी निरस्त कर दिया गया. वहीं याचिका का विरोध करते हुए राज्य चुनाव आयोग के अधिवक्ता ने दलील दी है कि चुनाव पूर्ण हो चुके हैं और परिणाम भी घोषित किये जा चुके हैं. ऐसे में वर्तमान याचिका पर सुनवाई नहीं हो सकती है.
न्यायालय ने याचिका खारिज की
न्यायालय ने दोनों पक्षों की बहस सुनने के पश्चात अपने आदेश में कहा कि पंचायती राज अधिनियम के प्रावधानों के अनुसार ऐसे मामलों में सिर्फ निर्वाचन याचिका ही दाखिल की जा सकती है, जबकि याची ने रिट याचिका दाखिल की है. न्यायालय ने इस टिप्पणी के साथ याचिका को खारिज कर दिया. हालांकि न्यायालय ने याचियों को कानून के तहत उपलब्ध अन्य उपचार प्राप्त करने के लिए कदम उठाने की छूट भी दी है.