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हाईकोर्ट ने गोमती की सफाई के टेंडर को चुनौती देने वाली याचिका की खारिज

नमामि गंगे मिशन के तहत नेशनल मिशन फॉर क्लीन गंगा ने राजधानी में गोमती की सफाई के लिए प्रोजेक्ट पास किया था. इस कार्य का क्रियान्वयन यूपी जल निगम को करना था. जल निगम ने 31 जनवरी 2020 को टेंडर निकाला और 17 सितम्बर 2020 को प्रकिया के तहत मेसर्स आरके सेल्स को ठेका दे दिया. हाईकोर्ट ने सुनवाई करते हुए कहा कि नमामि गंगे मिशन जनहित का मिशन है.

इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच
इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच
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Published : Aug 17, 2021, 10:50 PM IST

लखनऊ: इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने एक मामले की सुनवाई के दौरान कहा कि नमामि गंगे मिशन जनहित का मिशन है. इसका काम तत्काल प्रारम्भ होना चाहिए. न्यायालय ने इस टिप्पणी के साथ राजधानी में गोमती की सफाई के लिए मेसर्स आरके सेल्स प्राइवेट लिमिटेड को दिये गए टेंडर को चुनौती देने वाली याचिका को खारिज कर दिया है. न्यायालय ने कहा कि टेंडर में असफल कम्पनी ऐसी कोई प्रकियात्मक गलती नहीं दिखा सकी है, जिससे मेसर्स आरके सेल्स को दिए गए टेंडर केा गलत ठहराया जा सके.

यह आदेश न्यायमूर्ति रितुराज अवस्थी और न्यायमूर्ति दिनेश कुमार सिंह की खंडपीठ ने मेसर्स जियो मिलर एंड कम्पनी की ओर से दाखिल याचिका को खारिज करते हुए पारित किया. याची ने मेसर्स आरके सेल्स को दिए गए टेंडर की वैधता को चुनौती दी थी. दरअसल, नमामि गंगे मिशन के तहत नेशनल मिशन फॉर क्लीन गंगा ने राजधानी में गोमती की सफाई के लिए प्रोजेक्ट पास किया था. इस कार्य का क्रियान्वयन यूपी जल निगम को करना था. जल निगम ने 31 जनवरी 2020 को टेंडर निकाला और 17 सितम्बर 2020 को प्रकिया के तहत मेसर्स आरके सेल्स को ठेका दे दिया. इसी से आहत होकर याची ने वर्तमान याचिका दायर कर दी थी. न्यायालय ने अपने आदेश में कहा कि काम में देरी से प्रोजेक्ट की कास्ट बढ़ेगी और इसलिए जरूरी है कि काम तत्काल प्रारम्भ कर दिया जाए.

लखनऊ: इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने एक मामले की सुनवाई के दौरान कहा कि नमामि गंगे मिशन जनहित का मिशन है. इसका काम तत्काल प्रारम्भ होना चाहिए. न्यायालय ने इस टिप्पणी के साथ राजधानी में गोमती की सफाई के लिए मेसर्स आरके सेल्स प्राइवेट लिमिटेड को दिये गए टेंडर को चुनौती देने वाली याचिका को खारिज कर दिया है. न्यायालय ने कहा कि टेंडर में असफल कम्पनी ऐसी कोई प्रकियात्मक गलती नहीं दिखा सकी है, जिससे मेसर्स आरके सेल्स को दिए गए टेंडर केा गलत ठहराया जा सके.

यह आदेश न्यायमूर्ति रितुराज अवस्थी और न्यायमूर्ति दिनेश कुमार सिंह की खंडपीठ ने मेसर्स जियो मिलर एंड कम्पनी की ओर से दाखिल याचिका को खारिज करते हुए पारित किया. याची ने मेसर्स आरके सेल्स को दिए गए टेंडर की वैधता को चुनौती दी थी. दरअसल, नमामि गंगे मिशन के तहत नेशनल मिशन फॉर क्लीन गंगा ने राजधानी में गोमती की सफाई के लिए प्रोजेक्ट पास किया था. इस कार्य का क्रियान्वयन यूपी जल निगम को करना था. जल निगम ने 31 जनवरी 2020 को टेंडर निकाला और 17 सितम्बर 2020 को प्रकिया के तहत मेसर्स आरके सेल्स को ठेका दे दिया. इसी से आहत होकर याची ने वर्तमान याचिका दायर कर दी थी. न्यायालय ने अपने आदेश में कहा कि काम में देरी से प्रोजेक्ट की कास्ट बढ़ेगी और इसलिए जरूरी है कि काम तत्काल प्रारम्भ कर दिया जाए.

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