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लखनऊ की हवाओं में फैला जहर, पटाखों ने किया सांस लेना मुश्किल

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में दिवाली की रात हुई आतिशबाजी का असर शुक्रवार सुबह साफ देखने को मिला. लखनऊ के कई इलाकों की आबोहवा इस समय सांस लेने के लायक भी नहीं है. मॉर्निंग वॉक पर निकले लोगों का परेशानी होने के साथ साथ आंखों में जलन जैसी शिकायतें भी रहीं.

पटाखों ने किया सांस लेना मुश्किल
पटाखों ने किया सांस लेना मुश्किल
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Published : Nov 5, 2021, 2:55 PM IST

Updated : Nov 5, 2021, 4:51 PM IST

लखनऊः प्रतिबंधों के बावजूद उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में दिवाली की रात शहरवासियों ने खूब पटाखे जलाए. जिसका नतीजा शुक्रवार सुबह साफ देखने को मिला. एक रात के इस जश्न ने अब सांस लेना भी दूभर कर दिया है. शुक्रवार को लखनऊ के कई इलाकों की आबोहवा में पटाखों से होने वाला प्रदूषण ऐसा फैला कि सांस लेने के लायक भी नहीं रहा. मॉर्निंग वॉक पर निकले लोगों को परेशानी हुई और आंखों में जलन जैसी शिकायतें आई.

यहां की हवा में पीएम 2.5 तत्व सबसे अधिक मात्रा में पाया गया है. विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मानकों से यह 15.9 गुना ज्यादा स्तर पर है. विशेषज्ञों की मानें तो यह बेहद हानिकारक है. सरकारी आंकड़ों पर भरोसा करें तो लखनऊ में इस समय यानी सुबह11 बजे लालबाग की हवा सबसे गंदी पाई गई. यहां का एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) 310 तक पहुंच गया है. जोकि, खतरे के निशान के ऊपर निकल गई है. लोगों के लिए सांस लेना भी मुश्किल हो रहा है. विशेषज्ञों का कहना है कि प्रदूषण स्तर में धीरे-धीरे गिरावट आएगी. स्थिति को सुधरने में कम से कम 5 से 6 दिन लगेंगे. उसके बाद ही कुछ सुधार की उम्मीद है.

लालबाग के बाद तालकटोरा इलाके की हवा सबसे ज्यादा जहरीली हुई है. गोमतीनगर के लोग भी दीपावली में पटाखे चलाने में किसी से पीछे नहीं रहे. वर्तमान आंकड़ों में लालबाग के बाद यहां की हवा को सबसे ज्यादा दूषित पाया गया. इसका एक्यूआई 280 है. बाबा साहेब भीम राव अम्बेडकर विश्वविद्यालय का इलाका हरियाली से भरा हुआ है. बड़ी संख्या में पेड़ लगे हैं इसके बावजूद यहां प्रदूषण का स्तर काफी ऊंचा है. सुबह 11 बजे यहां का एक्यूआई 272 तक मापा गया.

राजधानी का यह हाल तब है जब, त्योहार में प्रदूषण के स्तर को नियंत्रित रखने के लिए लगातार प्रयास किए गए. जिला प्रशासन की ओर से लगातार बैठकें की गई. जिला स्तर पर डीएम अभिषेक प्रकाश खुद कई बैठकों में निर्देश दे चुके हैं. इसके बावजूद न तो ट्रैफिक व्यवस्था सुधरी, न प्रदूषण ही घटा.

यह है शहर का एक्यूआई

लखनऊ209
कुकरैल258
बीआर अम्बेडकर विश्वविद्यालय272
सेंट्रल स्कूल242
गोमतीनगर280
लालबाग310
तालकटोरा289

इसे भी पढ़ें- ये हैं योगी कैबिनेट के सबसे अमीर मंत्री, जानें कितनी है इनकी कुल संपत्ति

उधर, बात प्रयागराज की करें तो दीपावली के मौके पर की गयी आतिशबाजी से शहर में वायु प्रदूषण का स्तर काफी बढ़ गया है. गुरुवार को जहां जिले का एयर क्वालिटी इंडेक्स 186 पर था, वो शुक्रवार को बढ़कर 214 तक पहुंच गया. दीपावली की रात की गयी आतिशबाजी का असर शुक्रवार के दिन शहर में बढ़े हुए वायु प्रदूषण के रूप में दिख रहा है. एक नवम्बर को शहर में एयर क्वालिटी इंडेक्स जहां 161 पर था. वही धनतेरस के दिन बढ़कर 167 तक पहुंच गया. जबकि 3 नवम्बर छोटी दीपावली के दिन ये आंकड़ा 171 तक पहुंचा था. वहीं दीपावली के दिन 4 नवम्बर को एयर क्वालिटी इंडेक्स बढ़कर 186 तक पहुंच गया था. जबकि दीपावली की रात की गयी आतिशबाजी की वजह से शुक्रवार को प्रयागराज की आबोहवा ज्यादा प्रदूषित देखने को मिली. क्योंकि एयर क्वालिटी इंडेक्स बढ़कर 214 तक पहुंच गया है.

लखनऊः प्रतिबंधों के बावजूद उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में दिवाली की रात शहरवासियों ने खूब पटाखे जलाए. जिसका नतीजा शुक्रवार सुबह साफ देखने को मिला. एक रात के इस जश्न ने अब सांस लेना भी दूभर कर दिया है. शुक्रवार को लखनऊ के कई इलाकों की आबोहवा में पटाखों से होने वाला प्रदूषण ऐसा फैला कि सांस लेने के लायक भी नहीं रहा. मॉर्निंग वॉक पर निकले लोगों को परेशानी हुई और आंखों में जलन जैसी शिकायतें आई.

यहां की हवा में पीएम 2.5 तत्व सबसे अधिक मात्रा में पाया गया है. विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मानकों से यह 15.9 गुना ज्यादा स्तर पर है. विशेषज्ञों की मानें तो यह बेहद हानिकारक है. सरकारी आंकड़ों पर भरोसा करें तो लखनऊ में इस समय यानी सुबह11 बजे लालबाग की हवा सबसे गंदी पाई गई. यहां का एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) 310 तक पहुंच गया है. जोकि, खतरे के निशान के ऊपर निकल गई है. लोगों के लिए सांस लेना भी मुश्किल हो रहा है. विशेषज्ञों का कहना है कि प्रदूषण स्तर में धीरे-धीरे गिरावट आएगी. स्थिति को सुधरने में कम से कम 5 से 6 दिन लगेंगे. उसके बाद ही कुछ सुधार की उम्मीद है.

लालबाग के बाद तालकटोरा इलाके की हवा सबसे ज्यादा जहरीली हुई है. गोमतीनगर के लोग भी दीपावली में पटाखे चलाने में किसी से पीछे नहीं रहे. वर्तमान आंकड़ों में लालबाग के बाद यहां की हवा को सबसे ज्यादा दूषित पाया गया. इसका एक्यूआई 280 है. बाबा साहेब भीम राव अम्बेडकर विश्वविद्यालय का इलाका हरियाली से भरा हुआ है. बड़ी संख्या में पेड़ लगे हैं इसके बावजूद यहां प्रदूषण का स्तर काफी ऊंचा है. सुबह 11 बजे यहां का एक्यूआई 272 तक मापा गया.

राजधानी का यह हाल तब है जब, त्योहार में प्रदूषण के स्तर को नियंत्रित रखने के लिए लगातार प्रयास किए गए. जिला प्रशासन की ओर से लगातार बैठकें की गई. जिला स्तर पर डीएम अभिषेक प्रकाश खुद कई बैठकों में निर्देश दे चुके हैं. इसके बावजूद न तो ट्रैफिक व्यवस्था सुधरी, न प्रदूषण ही घटा.

यह है शहर का एक्यूआई

लखनऊ209
कुकरैल258
बीआर अम्बेडकर विश्वविद्यालय272
सेंट्रल स्कूल242
गोमतीनगर280
लालबाग310
तालकटोरा289

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उधर, बात प्रयागराज की करें तो दीपावली के मौके पर की गयी आतिशबाजी से शहर में वायु प्रदूषण का स्तर काफी बढ़ गया है. गुरुवार को जहां जिले का एयर क्वालिटी इंडेक्स 186 पर था, वो शुक्रवार को बढ़कर 214 तक पहुंच गया. दीपावली की रात की गयी आतिशबाजी का असर शुक्रवार के दिन शहर में बढ़े हुए वायु प्रदूषण के रूप में दिख रहा है. एक नवम्बर को शहर में एयर क्वालिटी इंडेक्स जहां 161 पर था. वही धनतेरस के दिन बढ़कर 167 तक पहुंच गया. जबकि 3 नवम्बर छोटी दीपावली के दिन ये आंकड़ा 171 तक पहुंचा था. वहीं दीपावली के दिन 4 नवम्बर को एयर क्वालिटी इंडेक्स बढ़कर 186 तक पहुंच गया था. जबकि दीपावली की रात की गयी आतिशबाजी की वजह से शुक्रवार को प्रयागराज की आबोहवा ज्यादा प्रदूषित देखने को मिली. क्योंकि एयर क्वालिटी इंडेक्स बढ़कर 214 तक पहुंच गया है.

Last Updated : Nov 5, 2021, 4:51 PM IST
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