लखनऊ: कोरोना से सब परेशान हैं. कोरोना के कारण जहां लॉकडाउन की अवधि बढ़ाई गई है वहीं कुछ ढील भी दी गई है. हर किसी के मन में कोरोना को लेकर डर बना हुआ है. ऐसे में रसोई गैस की डिलीवरी करने वाले लोग भी डरे हुए हैं. उनका कहना है कि इस लॉकडाउन में उनकी कमाई भी कम हो गई है.
'एलपीजी गैस की डिलीवरी करने वालों ने बयां किया दर्द'
लॉकडाउन के दौरान सभी को कई दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. ऐसे में ईटीवी भारत के संवाददाता ने एलपीजी सिलेंडर की डिलीवरी करने वालों की हालत का जायजा लिया. ग्रामीण इलाकों में तो इस समय गैस की डिलीवरी करने वालों के लिए मुश्किल भरा समय है. एलपीजी गैस की डिलीवरी करने वाले लोगों ने बताया कि वह 18-20 साल से यही काम कर रहे हैं. उनका कहना है कि जहां लॉकडाउन से पहले 25 से 30 सिलेंडर लगते थे वहीं अब मात्र 15 से 18 सिलेंडर ही लग रहे हैं. ऐसा पहली बार हुआ है.
'डरे हुए हैं एलपीजी गैस की डिलीवरी करने वाले'
एलपीजी गैस की डिलीवरी करने वाले सुरेंद्र ने बताया, कि हमें गैस सिलेंडर कस्टमर के घर तक पहुंचाना पड़ता है. कभी-कभी गैस तीसरी मंजिल तक भी पहुंचाना पड़ता है. मन में हमेशा कोरोना का डर बना रहता है कि पता नहीं परिवार किसके संपर्क में आया होगा. ऐसे में उन्हें कोरोना जैसी खतरनाक बीमारी के होने का डर बना रहता है.
'आधे दिन करना पड़ रहा काम'
गैस डिलीवरी मैन का कहना है, कि कोरोना काल में उनकी कमाई भी प्रभावित हुई है. लॉकडाउन में काम आधा हो गया है. पहले जहां वह 20 से 25 सिलेंडरों की सप्लाई करते थे, वहीं अब 15 से 18 सिलेंडरों की ही सप्लाई हो रही है. होटल, रेस्टोरेंट सब बंद हैं तो कामर्शियल सिलेंडरों की सप्लाई भी ठप है. बता दें कि एलपीजी गैस की डिलीवरी करने वालों को प्रति सिलेंडर की सप्लाई पर कमीशन मिलता है. ऐसे में अब उनका कमीशन भी कम हो गया है.
'लगातार बढ़ रही मरीजों की संख्या'
प्रदेश में रविवार को कोरोना वायरस से संक्रमित 121 नए मामले आए. कोरोना पॉजिटिव संक्रमितों की संख्या बढ़कर 2766 से ऊपर पहुंच गई है. वहीं मौतों का आंकड़ा भी 45 के ऊपर चला गया है.
संकट के इस समय में जहां सभी लोग घर पर रह रहे हैं. वहीं गैस डिलीवरी करने वाले बिना छुट्टी लिए लगातार काम कर रहे हैं. ऐसे में डिलीवरी करने वालों के मन में भी कोरोना को लेकर डर बना हुआ है.