सोमवार का दिन भगवान शिव की आराधना के लिए सर्वोत्तम दिन होता है. शंकर जी को आशुतोष और अवघढ़दानी कहा जाता है, जिसका अर्थ शीघ्र प्रसन्न होने वाला और उदारतापूर्वक दान देने वाला होता है. इस कारण भगवान शिव को प्रसन्न करना और उनसे मन वांक्षित फल प्राप्त करना बहुत आसान है.
पौरणिक कथाओं मे वर्णन आता है कि भगवान शिव आस्था पूर्वक चढ़ाए गए जल और बेल पत्र से ही प्रसन्न हो जाते हैं. आज हम आपको भगवान शिव के कुछ ऐसे मंत्र बताएंगे, जिनका जाप सोमवार को करने से भगवान शिव अपने भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी करते हैं तथा आरोग्य प्रदान करते हैं.
1. पंचाक्षरी मंत्र
ॐ नम: शिवाय
ये भगवान शिव का पंचाक्षरी मंत्र या मूल मंत्र भी कहलाता है। इस मंत्र का श्रद्धापूर्वक जाप करने से सभी संकटों तथा कष्टों से मुक्ति मिलती है तथा जीवन के सर्वोच्च लक्ष्य मोक्ष की भी प्राप्ति होती है.
2. महामृत्युंजय मंत्र
ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्।
उर्वारुकमिव बन्धनान मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्॥
भगवान शिव का महामृत्युंजय मंत्र अकाल मृत्यु की बाधा का नाश करने वाला है. जिस व्यक्ति की कुण्डली में अकाल मृत्य योग हो, उसे महामृत्युंजय जाप कराना चाहिए. जो भक्त इस मंत्र का जाप नियमित रूप से करता है, उसके रोग, दोष तथा सभी सकंट समाप्त हो जाते हैं.
3. लघु महामृत्युंजय मंत्र
ॐ हौं जूं सः
जिनके लिए महामृत्युंजय मंत्र का जाप करना कठिन हो, उन्हें लघु महामृत्युंजय मंत्र का जाप करना चाहिए. रात्रि में इस मंत्र का जाप करके भगवान शिव को दूध और जल चढ़ाने से असाध्य रोग भी दूर हो जाते हैं.
4. शिव गायत्री मंत्र
ॐ तत्पुरुषाय विद्महे, महादेवाय धीमहि, तन्नो रूद्र प्रचोदयात्।
शिव गायत्री मंत्र का जाप करने से सुख, समृद्धि तथा एश्वर्य की प्राप्ती होती है तथा व्यक्ति के हृदय में किसी के प्रति किसी भी प्रकार के दुर्विचार समाप्त हो जाते हैं. मानसिक शांति और संतोष की प्राप्ति होती है.
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