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सीपीए सम्मेलन में हुई चर्चा से लोकतांत्रिक प्रणाली को मिलेगी मजबूती: लोकसभा अध्यक्ष - लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला

लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने कहा कि लखनऊ में राष्ट्रमंडल संसदीय संघ (सीपीए) भारत क्षेत्र के दो दिवसीय सम्मेलन में बहुत सारी चर्चाएं हुई हैं. उन्होंने उम्मीद जताई कि इससे देश की लोकतांत्रिक प्रणाली और मजबूत होगी.

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लखनऊ में ओम बिड़ला की प्रेस कॉन्फ्रेंस.
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Published : Jan 17, 2020, 11:15 PM IST

लखनऊ: लोकसभा अध्यक्ष ओम प्रकाश बिड़ला ने कहा कि लोकतंत्र को उच्च मापदंड पर स्थापित करने के लिए राष्ट्रमंडल संसदीय संघ (सीपीए) भारत क्षेत्र की स्थापना हुई. दो दिवसीय सातवां सम्मेलन समाप्त हुआ. इससे पहले दिल्ली में बैठक हुई थी, जिसमें एजेंडा तय हुआ था. उससे भी पहले देहरादून में बैठक हुई थी. लखनऊ में हुए इस दो दिवसीय सम्मेलन में बहुत सारी चर्चाएं हुई हैं. मै उम्मीद करता हूं कि इससे देश की लोकतांत्रिक प्रणाली और मजबूत होगी.

प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते लोकसभा अध्यक्ष.

दो विषयों पर हुई चर्चा
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने कहा कि लखनऊ में दो विषय पर विशेष रूप से चर्चा हुई. पहला बजट प्रस्तावों की समीक्षा और जनप्रतिनिधियों की क्षमता बढ़ाने पर विचार. दूसरा विधायी कार्य में विधायक की भूमिका.

विधायकों और कर्मचारियों को दिया जाएगा प्रशिक्षण
उन्होंने कहा कि इस दो दिवसीय अधिवेशन में हमने कुछ निर्णय भी किया. 15 जनवरी को कार्यकारिणी की बैठक में हमने फैसला किया कि हमारी प्राइड संस्था समय-समय पर तीन वर्ष तक विधायकों और कर्मचारियों को प्रशिक्षण देगी. ताकि विधायी कार्य हो, बजट हो या विधायक की भूमिका हो, इन सब पर हम वाद-विवाद और चर्चाओं को उच्च स्तर का बना सकें.

डिबेट को किया गया डिजिटल
लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि हमने 40 लाख से अधिक डिबेट को डिजिटल कर दिया है. इसी तरीके से राज्य के अंदर भी विधानमंडल कार्यवाहियों को डिजिटल करने के लिए सहयोग करेंगे. ताकि वहां की भी लाइब्रेरी वहां की भी विधानमंडल की कार्यवाही डिजिटल हो जाएंगे तो दोनों को एक प्लेटफार्म पर देख सकेंगे.

पब्लिक अकाउंट्स कमेटी को होगा सम्मेलन
उन्होंने कहा कि इसी के साथ समय-समय पर बजटीय प्रावधानों के अंदर, जैसा कि आज चर्चा हुई, उसके लिए जो पब्लिक अकाउंट्स कमेटी है, उस कमिटी के 2021 में 100 साल होने वाले हैं. उसका एक सम्मेलन आयोजित करेंगे, जिसमें सभी राज्यों के पब्लिक अकाउंट कमेटी के चेयरमैन, वहां के सदस्य आपस में चर्चा करेंगे कि किस तरीके से उस समिति के माध्यम से बजटीय प्रावधानों, कार्यपालिका और सरकार के प्रदर्शन पर नियंत्रण हो सके.

ये भी पढ़ें CPA सम्मेलन में ब्यूरोक्रेसी पर करारा प्रहार, कैग रिपोर्ट से IAS की परफॉर्मेंस जोड़ने की मांग

लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने कहा कि देहरादून में पीठासीन अधिकारियों के अधिकार को सीमित करते हुए सदन को चलाने पर चर्चा हुई थी. लखनऊ में इन दो दिनों तक व्यापक चर्चा हुई है और इसके सकारात्मक परिणाम आएंगे. हम ऐसा चाहेंगे कि ग्राम पंचायत से लेकर संसद तक जितने भी जनप्रतिनिधियों की चुनी हुई संस्थाएं हैं, उनका प्रशिक्षण समय-समय पर होते रहना चाहिए. इनमें संवाद का स्तर कम होता जा रहा है. नगर निगम, नगर पालिका से लेकर विधानमंडल और लोकसभा तक सदन ठीक से चले, इस पर भी विचार विमर्श हुआ है.

लखनऊ: लोकसभा अध्यक्ष ओम प्रकाश बिड़ला ने कहा कि लोकतंत्र को उच्च मापदंड पर स्थापित करने के लिए राष्ट्रमंडल संसदीय संघ (सीपीए) भारत क्षेत्र की स्थापना हुई. दो दिवसीय सातवां सम्मेलन समाप्त हुआ. इससे पहले दिल्ली में बैठक हुई थी, जिसमें एजेंडा तय हुआ था. उससे भी पहले देहरादून में बैठक हुई थी. लखनऊ में हुए इस दो दिवसीय सम्मेलन में बहुत सारी चर्चाएं हुई हैं. मै उम्मीद करता हूं कि इससे देश की लोकतांत्रिक प्रणाली और मजबूत होगी.

प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते लोकसभा अध्यक्ष.

दो विषयों पर हुई चर्चा
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने कहा कि लखनऊ में दो विषय पर विशेष रूप से चर्चा हुई. पहला बजट प्रस्तावों की समीक्षा और जनप्रतिनिधियों की क्षमता बढ़ाने पर विचार. दूसरा विधायी कार्य में विधायक की भूमिका.

विधायकों और कर्मचारियों को दिया जाएगा प्रशिक्षण
उन्होंने कहा कि इस दो दिवसीय अधिवेशन में हमने कुछ निर्णय भी किया. 15 जनवरी को कार्यकारिणी की बैठक में हमने फैसला किया कि हमारी प्राइड संस्था समय-समय पर तीन वर्ष तक विधायकों और कर्मचारियों को प्रशिक्षण देगी. ताकि विधायी कार्य हो, बजट हो या विधायक की भूमिका हो, इन सब पर हम वाद-विवाद और चर्चाओं को उच्च स्तर का बना सकें.

डिबेट को किया गया डिजिटल
लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि हमने 40 लाख से अधिक डिबेट को डिजिटल कर दिया है. इसी तरीके से राज्य के अंदर भी विधानमंडल कार्यवाहियों को डिजिटल करने के लिए सहयोग करेंगे. ताकि वहां की भी लाइब्रेरी वहां की भी विधानमंडल की कार्यवाही डिजिटल हो जाएंगे तो दोनों को एक प्लेटफार्म पर देख सकेंगे.

पब्लिक अकाउंट्स कमेटी को होगा सम्मेलन
उन्होंने कहा कि इसी के साथ समय-समय पर बजटीय प्रावधानों के अंदर, जैसा कि आज चर्चा हुई, उसके लिए जो पब्लिक अकाउंट्स कमेटी है, उस कमिटी के 2021 में 100 साल होने वाले हैं. उसका एक सम्मेलन आयोजित करेंगे, जिसमें सभी राज्यों के पब्लिक अकाउंट कमेटी के चेयरमैन, वहां के सदस्य आपस में चर्चा करेंगे कि किस तरीके से उस समिति के माध्यम से बजटीय प्रावधानों, कार्यपालिका और सरकार के प्रदर्शन पर नियंत्रण हो सके.

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लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने कहा कि देहरादून में पीठासीन अधिकारियों के अधिकार को सीमित करते हुए सदन को चलाने पर चर्चा हुई थी. लखनऊ में इन दो दिनों तक व्यापक चर्चा हुई है और इसके सकारात्मक परिणाम आएंगे. हम ऐसा चाहेंगे कि ग्राम पंचायत से लेकर संसद तक जितने भी जनप्रतिनिधियों की चुनी हुई संस्थाएं हैं, उनका प्रशिक्षण समय-समय पर होते रहना चाहिए. इनमें संवाद का स्तर कम होता जा रहा है. नगर निगम, नगर पालिका से लेकर विधानमंडल और लोकसभा तक सदन ठीक से चले, इस पर भी विचार विमर्श हुआ है.

Intro:लखनऊ: सीपीए सम्मेलन में हुई चर्चा से लोकतांत्रिक प्रणाली को मजबूती मिलेगी: लोकसभा अध्यक्ष

लखनऊ। लोकतंत्र को उच्च मापदंड पर स्थापित करने के लिए इस संघ की स्थापना हुई। सातवाँ सम्मेलन समाप्त हुआ। दो दिवसीय सम्मेलन हुआ इससे पहले दिल्ली में बैठक हुई थी जिसमें एजेंडा तय हुआ था उससे भी पहले देहरादून में बैठक हुई थी। लखनऊ में हुए इस दो दिवसीय सम्मेलन में बहुत सारी चर्चाएं हुई हैं। सकारात्मक चर्चाएं हुई हैं। मै उम्मीद करता हूं कि इससे देश की लोकतांत्रिक प्रणाली और मजबूत होगी।




Body:लखनऊ में दो विषय पर विशेष रूप से चर्चा हुई बजट प्रस्तावों की समीक्षा और जनप्रतिनिधियों की क्षमता बढ़ाने पर विचार। दूसरा भी सही विधाई कार्य में विधायक की भूमिका।

राज्य विधान मंडल की और संसद की परिपाटी को किस प्रकार से और अधिक मजबूत की जाए जिससे सदन की कार्यवाही ठीक से चल सके। विधायक कार्य और बजट जैसे विषय पर भी सारगर्भित तरह से चर्चा हो सके।

इस दो दिवसीय अधिवेशन में हमने कुछ निर्णय भी किया 15 जनवरी को कार्यकारिणी की बैठक में हमने फैसला किया कि राज्य की सभी विधानसभाओं को वहां के जनप्रतिनिधियों की क्षमता निर्माण के लिए हमारी प्राइड संस्था है। जो समय-समय पर विधायकों का कर्मचारियों का प्रशिक्षण देगी। ताकि विधायी कार्य हो, बजट हो विधायक की भूमिका हो, इन इन सब पर हमारे वाद-विवाद और चर्चाओं को उच्च स्तर का बना सकें।

इसी तरह से हमारे संसद की रिसर्च विंग, संदर्भ शाखा और राज्य विधान मंडल की इसी तरीके की अलग-अलग उन सबको हम एक तंत्र में जोड़ने का काम कर रहे हैं। ताकि संपूर्ण देश का व्यक्ति एक प्लेटफार्म पर संसद और विधानमंडल की सारी कार्यवाही को डिजिटली देख सके। हमने 40 लाख से अधिक डिबेट को डिजिटल कर दिया है। इसी तरीके से राज्य के अंदर भी विधानमंडल कार्यवाहीयों को डिजिटल करने के लिए सहयोग करेंगे। ताकि वहां की भी लाइब्रेरी वहां की भी विधानमंडल की कार्यवाही डिजिटल हो जाएंगे। तो दोनों को एक प्लेटफार्म पर देख सकेंगे।

इसी के साथ समय-समय पर बजटीय प्रावधानों के अंदर जैसा कि आज चर्चा हुई। उसके लिए जो पब्लिक अकाउंट्स कमिटी है। उस पब्लिक अकाउंट कमिटी के 2021 में 100 साल होने वाले हैं। उसका एक सम्मेलन आयोजित करेंगे। जिसमें सभी राज्यों के पब्लिक अकाउंट कमिटी के चेयरमैन, वहां के सदस्य आपस में चर्चा कर लें किस तरीके से उस समिति के माध्यम से बजटीय प्रावधानों पर कार्यपालिका पर भी और सरकार के प्रदर्शन पर भी नियंत्रण हो सके। इसके लिए भी इस सम्मेलन के माध्यम से व्यापक विचार-विमर्श करके जिसमें कई आर्थिक विशेषज्ञ भी होंगे। समितियों को जवाबदेही बना सके। ताकि बजट का इस्तेमाल ठीक से हो सके।

इसी तरीके से सभी राज्यों के विधान मंडलों के पीठासीन अधिकारी सभी दलों के नेताओं मिलकर एक सम्मेलन होगा। जिसमें जो तीन कमेटी बनी है। उन कमेटियों के निर्णय को उच्च सदन के पटल पर रखा जाएगा और फिर जब सहमति बनेगी तो सभी विधानमंडल के अंदर एक जैसी नियम प्रक्रियाओं को बनाने का काम किया जाएगा। ताकि संसद निर्बाध रूप से चल सके विधानमंडल निर्बाध रूप से चल सके। उसमें व्यापक चर्चा हो सके विचार विमर्श हो सके।

इस सम्मेलन के दौरान एक और फैसला हुआ जिसके अंतर्गत सभी शिष्ट विधायकों को सम्मान करने का फैसला किया गया।

लोकतांत्रिक संस्थाएं मजबूत हों। देहरादून में पीठासीन अधिकारियों के अधिकार को सीमित करते हुए सदन को चलाने पर चर्चा हुई थी। इन दो दिनों तक व्यापक चर्चा हुई है और इसके सकारात्मक परिणाम आएंगे। हम ऐसा चाहेंगे कि ग्राम पंचायत से लेकर संसद तक जितने भी जनप्रतिनिधियों की संस्थाएं हैं। चुनी हुई संस्थाएं हैं। उनका प्रशिक्षण समय-समय पर होते रहना चाहिए। इनमें संवाद का स्तर कम होता जा रहा है। नगर निगम, नगर पालिका से लेकर विधानमंडल और लोकसभा तक सदन ठीक से चले। इस पर भी विचार विमर्श हुआ है।

दिलीप शुक्ला, 9450663213

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