लखनऊ: उत्तर प्रदेश भारतीय जनता पार्टी के मीडिया विभाग में बहुत बड़े बदलाव जल्द किए जाएंगे. इस संबंध में पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष की ओर से संकेत दे दिए गए हैं. इसके बाद में मीडिया विभाग के पदाधिकारी और प्रवक्ताओं ने अपने-अपने समीकरण साधना शुरू कर दिया है.
कोई दिल्ली दरबार की शरण में है तो कोई अपने-अपने आकाओं की जी हुजूरी में लगा हुआ है. इसी वजह से उत्तर प्रदेश भाजपा के हलकों में आजकल इस बात की चर्चा बहुत चल रही है कि मीडिया विभाग का यह सन्नाटा बता रहा है कि बहुत जल्दी यहां बड़े बदलाव हो जाएंगे. उत्तर प्रदेश भारतीय जनता पार्टी में प्रदेश मीडिया प्रभारी मनीष दीक्षित के अलावा चार सह मीडिया प्रभारी हिमांशु दुबे, अभय सिंह, प्रियंक पांडेय और धर्मेंद्र राय हैं. इनके अलावा 16 प्रवक्ता और बड़ी संख्या में मीडिया पैनलिस्ट काम करते हैं.
ये लोग हैं मीडिया विभाग का हिस्सा
प्रदेश प्रवक्ता हरिश्चन्द्र श्रीवास्तव, डॉ. समीर सिंह, मनीष शुक्ला, हीरो बाजपेयी, आलोक अवस्थी, अशोक पाण्डेय, जुगल किशोर, अनिला सिंह, राकेश त्रिपाठी, प्रशान्त वशिष्ठ, संजय चौधरी, आनन्द दुबे, साक्षी दिवाकर, आलोक वर्मा, महामेधा नागर, अवनीश त्यागी, प्रदेश मीडिया पैनलिस्ट ओम प्रकाश सिंह, राजेश चौधरी, राघवेन्द्र सिंह, संजीव मिश्रा, डा. कौशल मिश्रा, अमृता, प्रशान्त कुमार उमराव, शरतेन्दु त्रिवेदी शरद, दीपक सोनकर, दीपक बघेल, कृष्णमोहन पाण्डेय, एसएन सिंह, राज कुमार, अशोक तिवारी, ओम प्रकाश श्रीवास्तव के अलावा शिव कुमार पाठक हैं.
आखिरी बार 2021 में हुआ था टीम का गठन
मीडिया प्रभारी, सह मीडिया प्रभारियों, प्रवक्ताओं और पैनलिस्टों की यह टीम लंबे समय से काम कर रही है. आखिरी बार साल 2021 में टीम का गठन हुआ था. इस मीडिया को काम करते-करते लगभग 3 साल बीत चुके हैं, ऐसे में अब बड़े बदलाव की तैयारी है. कुछ समय पहले प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी ने मीडियाकर्मियों से बातचीत में इस बात के स्पष्ट संकेत दिए थे कि मीडिया विभाग में भी बड़े बदलाव किए जाएंगे.
उत्तर प्रदेश भारतीय जनता पार्टी में मीडिया विभाग ऐसा विभाग है, जिसमें बड़ी संख्याओं में नेताओं को समायोजित किया जा सकता है. कई नेता प्रवक्ता बनना चाहते हैं और जिसको लेकर वे गणेश परिक्रमा और चरण वंदना में लगे हुए हैं. सूत्र बताते हैं कि इनमें कई ऐसे नेता भी शामिल हैं, जिनको बड़ी पोस्ट ना मिल पाने की वजह से अब प्रवक्ता पद से ही सहारा है. प्रवक्ता एक ऐसा पद है जोकि मीडिया में बना रहता है. समाचार पत्रों और टीवी मीडिया का हिस्सा रहता है. ऐसे में भाजपा नेता मीडिया विभाग में आकर चमकना चाहते हैं.
दूसरी ओर वर्तमान प्रवक्ता और पैनलिस्ट अपने जोड़-तोड़ में लगे हुए हैं. प्रत्यक्ष तौर पर तो सभी यह कहते हैं कि वह अब मीडिया विभाग में नहीं रहना चाहते हैं. लेकिन, परोक्ष रूप से सभी का मन यह बना हुआ है कि अगर उनको कोई बेहतर पोस्टिंग ना मिली तो वह मीडिया विभाग का ही हिस्सा रहेंगे. यहां से पहचान बनाने के बड़े मौके हैं और इस मौके को भुनाने से वह पीछे नहीं हटना चाहते हैं. इसको लेकर प्रवक्ता दिल्ली दरबार से लेकर अपने-अपने रहनुमाओं के दरवाजों के चक्कर काट रहे हैं, ताकि उनकी पोस्ट बनी रहे.
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