लखनऊ: प्रदेश की राजधानी लखनऊ में राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया गया. जहां एक ही दिन में न्यायालयों में काफी समय से लंबित चल रहे फौजदारी राजस्व सहित तमाम तरह के 8236 वादों का निस्तारण आपसी सहमति के आधार पर किया गया.
जहां एक और राष्ट्रीय लोक अदालत में न्यायालय में चल रहे वादों का बड़ी संख्या में निस्तारण किया गया. तो वही बैंक व राजस्व से जुड़े 2602 मामलों का निस्तारण भी आपसी सहमति के आधार पर राष्ट्रीय लोक अदालत में किया गया.
दिन भर में 19 करोड़ का किया गया सेटलमेंट
जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के अध्यक्ष सुरेंद्र कुमार यादव ने जानकारी देते हुए बताया कि जनपद न्यायाधीश सुरेंद्र कुमार यादव के निर्देशों पर राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया गया. राष्ट्रीय लोक अदालत में लखनऊ की न्यायालय में चेक बाउंस, बैंक रिकवरी, अपराधिक, वैवाहिक, मोटर एक्सीडेंट क्लेम, किराएदार, सुखाधिकार उत्तराधिकारी, दीवानी वादों का भी निस्तारण किया गया. लोक अदालत में फौजदारी के 7213 वादों का निस्तारण किया गया, जिनमें रुपए 472430 जुर्माने के रूप में प्राप्त किए गए.
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राष्ट्रीय लोक अदालत में कुल 8236 लंबित वादों का किया गया निस्तारण
मोटर दुर्घटना प्रतिकर के 31 वादों का निस्तारण किया गया, जिसमें पक्षकारों को करोड़ों की धनराशि प्रतिकार के रूप में दिलाई गई तो वहीं 74 वैवाहिक वादों का निस्तारण किया गया. सिविल उत्तराधिकारी के कुल रुपए 46875959 की धनराशि के 222 मामलों का निस्तारण किया गया.138 एन आई एक्ट, चेक बाउंस के 699 मामलों का निस्तारण किया गया. राष्ट्रीय लोक अदालत में कुल 8236 न्यायालय में लंबित वादों का निस्तारण किया गया.
न्यायालय में लंबित वादों के साथ-साथ बैंक वसूली व फाइनेंस के प्री लिटिगेशन स्तर पर 2602 वादों का जनपद न्यायालय में निस्तारण किया गया. जिसके तहत 53526795 रुपए संबंधित पक्षकारों को दिलाए गए. कुल मिलाकर राष्ट्रीय लोक अदालत के तहत 10,838 मुकदमों का निस्तारण किया गया.
-सुरेंद्र कुमार यादव, अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण