लखनऊ: राजधानी के लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान में नया अस्पताल बनेगा. इसकी क्षमता 500 बेड की होगी. मल्टी स्टोरी बिल्डिंग में हॉस्पिटल ब्लॉक की सभी ओपीडी शिफ्ट होंगी. वहीं मरीजों की भर्ती की भी व्यवस्था होगी.
लोहिया अयुर्विज्ञान संस्थान पहले एसजीपीजीआई की तर्ज पर विकसित किया गया. यहां सिर्फ सुपर स्पेशयलिटी सेवाओं को रन किया गया. वहीं वर्ष 2017 में एमबीबीएस की पढ़ाई को हरी झंडी दे दी गई. साथ ही यूनिवर्सिटी का भी दर्जा प्रदान कर दिया गया. ऐसे में एमबीबीएस के मानकों को पूरा करने के लिए बगल में बने लोहिया संयुक्त अस्पताल (हॉस्पिटल ब्लॉक) का विलय कर दिया गया. इसके विलय का आदेश 27 अगस्त 2019 को जारी हुआ था. वहीं, लोहिया संस्थान प्रशासन ने छह सितंबर 2019 को अस्पताल को हैंडओवर किया. विलय के बाद स्वास्थ्य विभाग का अस्पताल चिकित्सा शिक्षा विभाग का हो गया है. वहीं हॉस्पिटल ब्लॉक का भवन पुराने आधार पर बना. ऐसे में उसमें विस्तार की गुंजाइश नहीं है. लिहाजा संस्थान प्रशासन ने नया 500 बेड का हॉस्पिटल बनाने का फैसला किया है.
कैंपस में पार्क वाली जमीन पर बनेगा भवन
संस्थान के सीएमएस राजन भटनागर के मुताबिक नया अस्पताल हॉस्पिटल ब्लॉक परिसर के पार्क और बगल की जमीन पर बनेगा. इसके लिए राजकीय निर्माण निगम को प्रोजेक्ट का खाका तैयार करने का निर्देश दिया गया है. ड्राइंग कंप्लीट होने पर शासन को प्रस्ताव बनाकर भेजा जाएगा.
नए अस्पताल में होंगे यह विभाग
नए अस्पताल में मेडिसिन, जनरल सर्जरी, ऑर्थोपेडिक, ईएनटी, नेत्र रोग विभाग, टीबी एंड चेस्ट, त्वचा रोग विभाग, मानसिक रोग विभाग, बाल रोग विभाग, ऑब्स एंड गाइनी, डेंटल आदि विभाग होंगे. इसमें ओपीडी के साथ वार्ड भी बनेंगे. इसके अलावा रेडियोलॉजी, पैथोलॉजी व ब्लड बैंक भी होंगी. मरीजों को भटकना न पड़े इसके लिए पंजीकरण, बिलिंग काउंटर, कैश काउंटर भी होंगे.
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अभी 1000 बेड में 467 पर मुफ्त इलाज
लोहिया अस्पताल में 467 बेड हैं. वहीं लोहिया संस्थान में 350 बेड का मुख्य कैंपस व शहीद पथ पर 200 बेड का मातृ-शिशु अस्पताल संचालित है. ऐसे में विलय के बाद बेडों की संख्या 1017 हो जाएगी. वहीं इनमें से हॉस्पिटल ब्लॉक के 467 बेड पर मुफ्त इलाज है. यदि मरीज को संस्थान के मुख्य कैम्पस के विभागों में शिफ्ट किया जाता है तो पीजीआई की दर पर तय संस्थान का शुल्क अदा करना होता है.