लखनऊः लोहिया संस्थान में फिजियोलॉजी विभाग के अध्यक्ष ने इस्तीफा दे दिया. संस्थान प्रशासन ने नोटिस का वक्त पूरा होने के बाद उनका इस्तीफा कुबूल कर लिया है. वहीं इस्तीफे का कारण व्यक्तिगत बताया गया है. नए शैक्षिक सत्र से पहले विभाग अध्यक्ष के संस्थान छोड़ने से विभाग को तगड़ा झटका लगा है.
विभाग में बचे तीन ही डॉक्टर
बता दें कि एमबीबीएस प्रथम वर्ष में तीन प्रमुख विषयों की पढ़ाई होती है. इनमें एनॉटमी, फिजियोलॉजी और बायोकेमेस्ट्री प्रमुख विषय होते हैं. फिजियोलॉजी विभाग में चार डॉक्टर हैं, जिनमें से विभागाध्यक्ष प्रोफेसर डॉ. नितिन अशोक जॉन ने शनिवार को इस्तीफा दे दिया. विभाग में अब तीन डॉक्टर ही बचे हैं. वहीं एनएएमसी नियमों के मुताबिक विभाग में प्रोफेसर की तैनाती जरूरी है. बताया जा रहै कि डॉक्टर नितिन नागपुर जा रहे हैं.
फरवरी में शुरू होंगी एमबीबीएस की कक्षाएं
बताया जा रहा है कि नए शैक्षिक सत्र से पहले विभागाध्यक्ष के संस्थान छोड़ने से विभाग को तगड़ा झटका लगा है. जिसका असर पहली फरवरी से शुरू होने वाली एमबीबीएस की कक्षाओं पर साफ देखने को मिलेगा. संस्थान के निदेशक डॉ. एके सिंह के मुताबिक विभाग की प्रोफेसर जूनियर ग्रेड डॉ. रजनी बाला को वर्तमान में विभागाध्यक्ष पद की जिम्मेदारी सौंपी गई है.
लोहिया संस्थान में डॉक्टरों की कमी
लोहिया संस्थान डॉक्टर और कर्मचारियों की कमी से जूझ रहा है. हालात यह हैं कि संस्थान के कई विभाग एक-एक डॉक्टर के भरोसे ही चल रहे हैं. इनमें मेडिकल आंकोलॉजी, ईएनटी, गेस्ट्रोइंट्रोलॉजी समेत अन्य विभाग शामिल हैं. इससे पहले इंडोक्राइन विभाग के इकलौते डॉक्टर चले गए. वहीं एनस्थीसिया समेत अन्य विभागों के डॉक्टर पहले ही नौकरी छोड़कर जा चुके हैं. डॉक्टर-कर्मचारियों की कमी का खामियाजा मरीजों को भुगतना पड़ रहा है.
आउटसोर्सिंग व रिटायर कर्मचारियों के भरोसे संस्थान
संस्थान में आउटसोर्सिंग के माध्यम से करीब 2000 कर्मचारी तैनात हैं. इनमें स्टाफ नर्स, टेक्नीशियन, वार्ड ब्वॉय, आया, लिपिक समेत दूसरे संवर्ग के कर्मचारी शामिल हैं. संस्थान में ज्यादातर काम आउटसोर्सिंग कर्मचारियों के भरोसे हैं. वहीं रिटायर अधिकारी भी तैनात हैं. इन पर कई गड़बड़ियों के आरोप लगे हैं.