लखनऊ : जालसाजों ने मुंबई पुलिस कर्मचारी बन लोहिया संस्थान की कर्मचारी को पहले एक मुकदमे में नामजद बता गिरफ्तारी का डर दिखाया. कर्मचारी ने गिरफ्तारी के डर से बचने का उपाय पूछा तो जालसाजों ने 10 लाख रुपये अपने बैंक खाते में ट्रांसफर करवा लिए. ठगी होने का एहसास होने पर पीड़िता ने साइबर क्राइम थाने में एफआईआर दर्ज कराई है.
राजधानी के लोहिया संस्थान में तैनात महिला कर्मचारी के मुताबिक 9 दिसंबर को उन्हें एक कॉल आया और उन्हें बताया गया कि उनके आधार कार्ड का इस्तेमाल गैर कानूनी रूप से मुंबई से ताइवान पार्सल डिलीवर करने के लिए हुआ है. कॉल करने वाले ने खुद को मुंबई पुलिस का इंस्पेक्टर बताते हुए उनकी गिरफ्तारी की बात कहने लगा. पीड़िता के मुताबिक कॉल करने वाले ने उनके व्हाट्सएप पर अपनी पुलिस आईडी व एक एफआईआर कॉपी भी भेजी जिसमें पीड़िता नामजद थी. पीड़िता डर गई और उसने कॉल करने वाले का व्हाट्सएप मैसेज डिलीट कर दिया.
पीड़िता के अनुसार दूसरे दिन उनके पास एक अन्य नंबर से व्हाट्सएप कॉल आई, जिसने खुद का नाम प्रकाश कुमार बताया और उन्हें उनकी आईडी का गैर कानूनी इस्तेमाल किया गया है. इसकी जानकारी दी. यही नहीं उससे जुड़े कई दस्तावेज भी उन्हें भेजे. पीड़ित के मुताबिक, कॉल करने वाले युवक ने गिरफ्तारी का डर दिखा पहले तो कई बार धमकी दी और फिर इसे बचने के एवज में 10 लाख रुपये की मांग की गई. गिरफ्तारी और किसी भी मुसीबत से बचने के लिए पीड़िता ने 10 लाख रुपये जालसाजों के बताए अकाउंट में ट्रांसफर कर दिए. हालांकि कुछ दिनों बाद पीड़िता को ठगी का एहसास होने पर साइबर क्राइम थाने में एफआईआर दर्ज कराई है. प्रभारी निरीक्षक साइबर क्राइम थाना लखनऊ मुस्लिम खान ने बताया कि पीड़िता की तहरीर पर मुकदमा दर्ज कर लिया गया है. उनकी टीम इस पर काम कर रही है, जल्द ही गिरफ्तारी की जाएगी.
Lohia Institute Lucknow : फर्जी पुलिस अधिकार बन कर लोहिया संस्थान की कर्मचारी को दिखाया डर, वसूल लिए 10 लाख रुपये
नकली पुलिस अधिकारी बनकर ठग घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं. कुछ घटनाओं के बाद सक्रिय हुई पुलिस ने कई मामलों के खुलासे किए हैं, लेकिन घटनाएं थम नहीं रही हैं. इस बार जालसाजों ने राजधानी के लोहिया संस्थान (Lohia Institute Lucknow) में तैनात महिला कर्मचारी को जेल भेजने की धमकी देकर 10 लाख रुपये ठग लिए.
लखनऊ : जालसाजों ने मुंबई पुलिस कर्मचारी बन लोहिया संस्थान की कर्मचारी को पहले एक मुकदमे में नामजद बता गिरफ्तारी का डर दिखाया. कर्मचारी ने गिरफ्तारी के डर से बचने का उपाय पूछा तो जालसाजों ने 10 लाख रुपये अपने बैंक खाते में ट्रांसफर करवा लिए. ठगी होने का एहसास होने पर पीड़िता ने साइबर क्राइम थाने में एफआईआर दर्ज कराई है.
राजधानी के लोहिया संस्थान में तैनात महिला कर्मचारी के मुताबिक 9 दिसंबर को उन्हें एक कॉल आया और उन्हें बताया गया कि उनके आधार कार्ड का इस्तेमाल गैर कानूनी रूप से मुंबई से ताइवान पार्सल डिलीवर करने के लिए हुआ है. कॉल करने वाले ने खुद को मुंबई पुलिस का इंस्पेक्टर बताते हुए उनकी गिरफ्तारी की बात कहने लगा. पीड़िता के मुताबिक कॉल करने वाले ने उनके व्हाट्सएप पर अपनी पुलिस आईडी व एक एफआईआर कॉपी भी भेजी जिसमें पीड़िता नामजद थी. पीड़िता डर गई और उसने कॉल करने वाले का व्हाट्सएप मैसेज डिलीट कर दिया.
पीड़िता के अनुसार दूसरे दिन उनके पास एक अन्य नंबर से व्हाट्सएप कॉल आई, जिसने खुद का नाम प्रकाश कुमार बताया और उन्हें उनकी आईडी का गैर कानूनी इस्तेमाल किया गया है. इसकी जानकारी दी. यही नहीं उससे जुड़े कई दस्तावेज भी उन्हें भेजे. पीड़ित के मुताबिक, कॉल करने वाले युवक ने गिरफ्तारी का डर दिखा पहले तो कई बार धमकी दी और फिर इसे बचने के एवज में 10 लाख रुपये की मांग की गई. गिरफ्तारी और किसी भी मुसीबत से बचने के लिए पीड़िता ने 10 लाख रुपये जालसाजों के बताए अकाउंट में ट्रांसफर कर दिए. हालांकि कुछ दिनों बाद पीड़िता को ठगी का एहसास होने पर साइबर क्राइम थाने में एफआईआर दर्ज कराई है. प्रभारी निरीक्षक साइबर क्राइम थाना लखनऊ मुस्लिम खान ने बताया कि पीड़िता की तहरीर पर मुकदमा दर्ज कर लिया गया है. उनकी टीम इस पर काम कर रही है, जल्द ही गिरफ्तारी की जाएगी.