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कोरोना का टीका नहीं लगवाने वालों की बनेगी लिस्ट, घर-घर खोजे जाएंगे बुखार के मरीज - लखनऊ का समाचार

पूरे देश में कोरोना की तीसरी लहर का खतरा मंडरा रहा है. वहीं 45 उम्र पार कई लोगों ने कोरोना वैक्सीन की पहली डोज तक नहीं ली है. ऐसे लोगों की अब लिस्ट तैयार होगी.

टीका नहीं लगवाने वालों की बनेगी लिस्ट
टीका नहीं लगवाने वालों की बनेगी लिस्ट
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Published : Sep 10, 2021, 6:22 PM IST

लखनऊः कोरोना की तीसरी लहर का खतरा पूरे देश के साथ-साथ प्रदेश में भी मंडरा रहा है. ऐसे में कोरोना वैक्सीन की दोनों डोज लेना बेहद जरूरी है. लेकिन कई लोग ऐसे है, जो 45 साल से ऊपर हैं. उन लोगों ने वैक्सीन की अभी एक भी डोज नहीं ली है. ऐसे में अब उन लोगों की लिस्ट तैयार की जाएगी. इसके साथ ही मंगलवार से राज्य भर में घर-घर बुखार के मरीज खोजे जाएंगे.

यूपी की एक्सपर्ट कमेटी ने अक्टूबर तक कोरोना की तीसरा लहर की आशंका जताई है. वहीं बारिश में मच्छरजनित बीमारियां भी भयावह हो रही हैं. मथुरा, फिरोजाबाद, लखनऊ, मैनपुरी समेत कई जगह बुखार भयावह हो रहा है. अपर मुख्य सचिव स्वास्थ अमित मोहन प्रसाद ने डेंगू- मलेरिया को लेकर अलर्ट जारी किया है. इसमें हेल्थ टीम को अन्य विभागों के साथ मिलकर बुखार के मरीजों को तलाश कर उनकी समय पर जांच करने कहा है. वहीं यूपी में फैले बुखार के मरीजों में कोरोना, मलेरिया, टायफाइड, स्क्रब टायफस, लेप्टोस्पाइरोसिस समेत अन्य बीमारी हो सकती हैं. ऐसे में मरीजों के समय पर जांच कर इलाज कराने के निर्देश दिए गए हैं. यह अभियान सात सितंबर से 15 सितम्बर तक चलेगा.

टीमें मच्छर जनित-संक्रामक रोगों पर एक साथ प्रहार करेंगी. ऐसे में 90 हजार राजस्व गांवों में करीब डेढ़ लाख सदस्यीय टीम डेंगू, मलेरिया, इंसेफ्लाइटिस, चिकनगुनिया, कोरोना, टीबी के मरीजों की पहचान करेगी. खासकर, बुखार के मरीजों का एंटीजेन टेस्ट कराया जाएगा. मलेरिया की स्लाइड बनाई जाएगी. इसके साथ ही मेडिकल किट भी दी जाएगी. वहीं गंभीर हालत देखकर मरीज को अस्पताल भेजा जाएगा.

टीका से छूटे बच्चों का भी ब्योरा

संचारी रोग निदेशक डॉक्टर जी एस बाजपेई के मुताबिक घर-घर सर्वे के दौरान रूटीन टीकाकरण से वंचित बच्चों का भी ब्योरा जुटाया जाएगा. कारण, कोरोना काल में तमाम बच्चों को टीका नहीं लग पाया था. ऐसे बच्चों की लिस्ट बनाई जाएगी. इसके बाद अभियान चलाकर उन्हें टीका लगाया जाएगा.

इसे भी पढ़ें- अब गुर्दा के मरीजों को नहीं करना पड़ेगा राजधानी का रूख, प्रदेश के 27 और जिलों में लगेंगी डायलिसिस यूनिटें


बीमारी के खिलाफ इन विभागों को कमान

1-नगर विकास विभाग: नगरीय क्षेत्र में शुद्ध पेयजल, साफ-सफाई, मच्छरों की रोकथाम, संवेदनशील क्षेत्रों को खुले में शौच से मुक्त कराना और नालियों की सफाई का काम.

2-पंचायती राज व ग्राम्य विकास विभाग: जनजागरूकता, शुद्ध पेयजल की व्यवस्था, वेक्टर कंट्रोल और स्वच्छता.

3-बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग: कुपोषित बच्चों के चिन्हांकन, पुष्टाहार वितरित करना, जनजागरूकता, दिमागी बुखार के दिव्यांग बच्चों को योजनाओं का लाभ दिलवाना.

4-शिक्षा विभाग: व्हाट्सएप ग्रुप के जरिये जनजागरूकता अभियान.

5-चिकित्सा शिक्षा विभाग: बीमारियों की जांच के लिए प्रयोगशाला प्राविधिक प्रशिक्षण.

6-दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग: दिमागी बुखार के दिव्यांग रोगियों के कल्याण की योजनाओं का लाभ दिलवाने का काम.

7-कृषि एवं सिंचाई विभाग: मच्छरों के प्रजनन पर रोक लगाने का काम.

8-सूचना विभाग: बीमारी से बचाव के लिए प्रचार-प्रसार.

9-उद्यान विभाग: मच्छर रोधी पौधों के रोपण जैसी गतिविधियां करना.

लखनऊः कोरोना की तीसरी लहर का खतरा पूरे देश के साथ-साथ प्रदेश में भी मंडरा रहा है. ऐसे में कोरोना वैक्सीन की दोनों डोज लेना बेहद जरूरी है. लेकिन कई लोग ऐसे है, जो 45 साल से ऊपर हैं. उन लोगों ने वैक्सीन की अभी एक भी डोज नहीं ली है. ऐसे में अब उन लोगों की लिस्ट तैयार की जाएगी. इसके साथ ही मंगलवार से राज्य भर में घर-घर बुखार के मरीज खोजे जाएंगे.

यूपी की एक्सपर्ट कमेटी ने अक्टूबर तक कोरोना की तीसरा लहर की आशंका जताई है. वहीं बारिश में मच्छरजनित बीमारियां भी भयावह हो रही हैं. मथुरा, फिरोजाबाद, लखनऊ, मैनपुरी समेत कई जगह बुखार भयावह हो रहा है. अपर मुख्य सचिव स्वास्थ अमित मोहन प्रसाद ने डेंगू- मलेरिया को लेकर अलर्ट जारी किया है. इसमें हेल्थ टीम को अन्य विभागों के साथ मिलकर बुखार के मरीजों को तलाश कर उनकी समय पर जांच करने कहा है. वहीं यूपी में फैले बुखार के मरीजों में कोरोना, मलेरिया, टायफाइड, स्क्रब टायफस, लेप्टोस्पाइरोसिस समेत अन्य बीमारी हो सकती हैं. ऐसे में मरीजों के समय पर जांच कर इलाज कराने के निर्देश दिए गए हैं. यह अभियान सात सितंबर से 15 सितम्बर तक चलेगा.

टीमें मच्छर जनित-संक्रामक रोगों पर एक साथ प्रहार करेंगी. ऐसे में 90 हजार राजस्व गांवों में करीब डेढ़ लाख सदस्यीय टीम डेंगू, मलेरिया, इंसेफ्लाइटिस, चिकनगुनिया, कोरोना, टीबी के मरीजों की पहचान करेगी. खासकर, बुखार के मरीजों का एंटीजेन टेस्ट कराया जाएगा. मलेरिया की स्लाइड बनाई जाएगी. इसके साथ ही मेडिकल किट भी दी जाएगी. वहीं गंभीर हालत देखकर मरीज को अस्पताल भेजा जाएगा.

टीका से छूटे बच्चों का भी ब्योरा

संचारी रोग निदेशक डॉक्टर जी एस बाजपेई के मुताबिक घर-घर सर्वे के दौरान रूटीन टीकाकरण से वंचित बच्चों का भी ब्योरा जुटाया जाएगा. कारण, कोरोना काल में तमाम बच्चों को टीका नहीं लग पाया था. ऐसे बच्चों की लिस्ट बनाई जाएगी. इसके बाद अभियान चलाकर उन्हें टीका लगाया जाएगा.

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बीमारी के खिलाफ इन विभागों को कमान

1-नगर विकास विभाग: नगरीय क्षेत्र में शुद्ध पेयजल, साफ-सफाई, मच्छरों की रोकथाम, संवेदनशील क्षेत्रों को खुले में शौच से मुक्त कराना और नालियों की सफाई का काम.

2-पंचायती राज व ग्राम्य विकास विभाग: जनजागरूकता, शुद्ध पेयजल की व्यवस्था, वेक्टर कंट्रोल और स्वच्छता.

3-बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग: कुपोषित बच्चों के चिन्हांकन, पुष्टाहार वितरित करना, जनजागरूकता, दिमागी बुखार के दिव्यांग बच्चों को योजनाओं का लाभ दिलवाना.

4-शिक्षा विभाग: व्हाट्सएप ग्रुप के जरिये जनजागरूकता अभियान.

5-चिकित्सा शिक्षा विभाग: बीमारियों की जांच के लिए प्रयोगशाला प्राविधिक प्रशिक्षण.

6-दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग: दिमागी बुखार के दिव्यांग रोगियों के कल्याण की योजनाओं का लाभ दिलवाने का काम.

7-कृषि एवं सिंचाई विभाग: मच्छरों के प्रजनन पर रोक लगाने का काम.

8-सूचना विभाग: बीमारी से बचाव के लिए प्रचार-प्रसार.

9-उद्यान विभाग: मच्छर रोधी पौधों के रोपण जैसी गतिविधियां करना.

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