लखनऊ: राजधानी के मलिहाबाद तहसील क्षेत्र के रहीमाबाद और माल थाना क्षेत्र के अंतर्गत कई गांवों में अवैध शराब का धंधा चल रहा है. आबकारी विभाग की लापरवाही के कारण अभी तक इस पर लगाम नहीं लग सकी है.
अवैध शराब के कारोबार पर अंकुश लगाने के बजाय आबकारी विभाग मौन है. गांवों में चल रहे अवैध शराब कारोबार पर अंकुश लगाने के लिए आबकारी विभाग का कोई भी अधिकारी आगे नहीं आया है. न ही कोई छापेमारी की गई है.
बड़े पैमाने पर होता है शराब का कारोबार
विभाग की निष्क्रियता की वजह से अवैध शराब के कारोबार पर लगाम नहीं लग पा रही है. क्षेत्र में रामनगर, जानकीनगर, रुसेना, बेलवारखेड़ा, मोहज्जिनगर, सरैया, कैलाखेड़ा, तिलकखेड़ा, जानकी खेड़ा, घोला आदि गांवों में अवैध शराब बनाने का कारोबार होता है.
कई क्षेत्रों में पहुंचती है शराब
गांवो में बनी शराब क्षेत्र के अन्य हिस्सों में भी पहुंचाई जाती है. जनवरी में स्थानीय पुलिस प्रशासन की सख्ती के चलते कुछ दिन तक अवैध शराब के कारोबार में कमी आई थी. इसके बाद से इस धंधे में लिप्त लोग फिर से शराब बनाकर क्षेत्र के अन्य हिस्सों में पहुंचाने लगे हैं.
क्षेत्र के दतली गांव में 11 जनवरी 2015 को जहरीली शराब पीने से कई लोगों की मौत हो गई थी. घटना के बाद कुछ दिनों तक क्षेत्र में अवैध शराब के कारोबार पर पुलिस ने ताबड़तोड़ छापेमारी की. लेकिन समय बीतने के साथ ही अवैध शराब का कारोबार फिर शुरू हो गया.
एसडीएम अजय कुमार राय ने बताया कि लगभग 2 माह में मलिहाबाद और माल पुलिस ने कई जगह छापेमारी की है. इस दौरान अवैध शराब कारोबारियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया है. अवैध शराब कारोबार को पनपने नहीं दिया जाएगा. बीते कुछ माह में पुलिस की साक्रियता के कारण अवैध शराब के कारोबारियों की नींद उड़ गई हैं.