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सेवानिवृत्त हुए लेफ्टिनेंट जनरल इकरूप सिंह घुमन - lucknow lieutenant general

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में लेफ्टिनेंट जनरल इकरूप सिंह घुमन सेवानिवृत्त हो गए. लेफ्टिनेंट जनरल इकरूप सिंह घुमन ने 40 वर्ष तक सेना के विभिन्न पदों पर अपनी सेवाएं दी.

जनरल इकरूप सिंह घुमन
जनरल इकरूप सिंह घुमन
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Published : Mar 31, 2021, 7:34 PM IST

लखनऊ: जनपद में मध्य कमान के जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ लेफ्टिनेंट जनरल इकरूप सिंह घुमन सेवानिवृत्त हो गए. लेफ्टिनेंट जनरल इकरूप सिंह घुमन ने सेना में शानदार 40 साल अपनी सेवाएं दी. इकरूप सिंह घुमन सामरिक-परिचालन और रणनीतिक स्तरों पर सैन्य मामलों के व्यापक अनुभव के साथ सेना में एक सच्चे लीडर रहे.

ब्रिगेड ऑफ गॉर्ड्स में प्राप्त किया कमीशन

मध्य कमान के जनसंपर्क अधिकारी शांतनु प्रताप सिंह ने बताया कि राष्ट्रीय रक्षा अकादमी, खड़कवासला और भारतीय सैन्य अकादमी, देहरादून के एक पूर्व छात्र लेफ्टिनेंट जनरल इकरूप सिंह ने जून 1981 में ब्रिगेड ऑफ गॉर्ड्स में कमीशन प्राप्त किया था. उन्होने बताया कि शानदार सैन्य करियर के दौरान जनरल ऑफिसर ने मुश्किल इलाकों में महत्वपूर्ण कमान, स्टाफ और निर्देशात्मक नियुक्तियों के रूप में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. जनसंपर्क अधिकारी शांतनु प्रताप सिंह ने बताया कि लेफ्टिनेंट जनरल इकरूप सिंह रेगिस्तानी क्षेत्र में एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइल बटालियन और हाई एल्टीट्यूड एरिया में माउंटेन ब्रिगेड की कमान संभाली. उन्होंने अमेरिका में रणनीतिक अध्ययन के लिए नॉर्थ ईस्ट साउथ एशिया (NESA) सेंटर में काउंटर टेररिज्म कोर्ट में हिस्सा लिया. आर्मी कमांडर के रूप में पूरे कमांड थियेटर में बुनियादी ढांचे के विकास के लिए उन्होंने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. उन्होंने सभी रैंक और उनके परिवारों के जीवन स्तर के सुधार पर विशेष जोर दिया.

इसे भी पढ़ें: फायर ऑडिट के माध्यम से आग की घटनाओं में आ रही है कमी

लेफ्टिनेंट जनरल का उत्कृष्ट योगदान

मध्य कमान पीआरओ ने बताया कि सेना और वायु सेना के बीच संयुक्त कौशल प्राप्त करने में लेफ्टिनेंट जनरल इकरूप सिंह का योगदान उत्कृष्ट रहा है. उन्होने ने विशेष रूप से मानवीय सहायता और आपदा राहत कार्यों के दौरान नागरिक और सैन्य कामकाज के समन्वय को बेहतर बनाया.

लखनऊ: जनपद में मध्य कमान के जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ लेफ्टिनेंट जनरल इकरूप सिंह घुमन सेवानिवृत्त हो गए. लेफ्टिनेंट जनरल इकरूप सिंह घुमन ने सेना में शानदार 40 साल अपनी सेवाएं दी. इकरूप सिंह घुमन सामरिक-परिचालन और रणनीतिक स्तरों पर सैन्य मामलों के व्यापक अनुभव के साथ सेना में एक सच्चे लीडर रहे.

ब्रिगेड ऑफ गॉर्ड्स में प्राप्त किया कमीशन

मध्य कमान के जनसंपर्क अधिकारी शांतनु प्रताप सिंह ने बताया कि राष्ट्रीय रक्षा अकादमी, खड़कवासला और भारतीय सैन्य अकादमी, देहरादून के एक पूर्व छात्र लेफ्टिनेंट जनरल इकरूप सिंह ने जून 1981 में ब्रिगेड ऑफ गॉर्ड्स में कमीशन प्राप्त किया था. उन्होने बताया कि शानदार सैन्य करियर के दौरान जनरल ऑफिसर ने मुश्किल इलाकों में महत्वपूर्ण कमान, स्टाफ और निर्देशात्मक नियुक्तियों के रूप में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. जनसंपर्क अधिकारी शांतनु प्रताप सिंह ने बताया कि लेफ्टिनेंट जनरल इकरूप सिंह रेगिस्तानी क्षेत्र में एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइल बटालियन और हाई एल्टीट्यूड एरिया में माउंटेन ब्रिगेड की कमान संभाली. उन्होंने अमेरिका में रणनीतिक अध्ययन के लिए नॉर्थ ईस्ट साउथ एशिया (NESA) सेंटर में काउंटर टेररिज्म कोर्ट में हिस्सा लिया. आर्मी कमांडर के रूप में पूरे कमांड थियेटर में बुनियादी ढांचे के विकास के लिए उन्होंने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. उन्होंने सभी रैंक और उनके परिवारों के जीवन स्तर के सुधार पर विशेष जोर दिया.

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लेफ्टिनेंट जनरल का उत्कृष्ट योगदान

मध्य कमान पीआरओ ने बताया कि सेना और वायु सेना के बीच संयुक्त कौशल प्राप्त करने में लेफ्टिनेंट जनरल इकरूप सिंह का योगदान उत्कृष्ट रहा है. उन्होने ने विशेष रूप से मानवीय सहायता और आपदा राहत कार्यों के दौरान नागरिक और सैन्य कामकाज के समन्वय को बेहतर बनाया.

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