लखनऊ : उत्तर प्रदेश में हुए पंचायत चुनाव के दौरान ड्यूटी करने वाले 135 शिक्षक, शिक्षामित्र और अनुदेशकों की मृत्यु हो गई है. यह दावा राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ संगठन की ओर से किया गया है. वहीं इस संबंध में मुख्यमंत्री योगी को पत्र लिखकर पंचायत चुनाव स्थगित करने के साथ, संक्रमित शिक्षकों का निशुल्क इलाज और मृतकों के परिजनों को 50 लाख रुपए मुआवजा और अनुकंपा नियुक्ति दिए जाने की मांग उठाई गई है.
महासंघ के प्रवक्ता वीरेंद्र मिश्रा का कहना है कि कोरोना संक्रमण के बीच प्रदेश में चुनाव कराए जा रहे हैं. इनमें सोशल डिस्टेंसिंग जैसे प्रोटोकॉल की धज्जियां उड़ाई गई हैं. जिसके चलते चुनाव ड्यूटी में लगे शिक्षक और अन्य कर्मचारी संक्रमित हो रहे हैं. जहां-जहां चुनाव हुआ है वहां-वहां संक्रमण तेजी से फैल रहा है.
लखीमपुर और हरदोई में सबसे ज्यादा हादसे
प्रवक्ता वीरेंद्र मिश्रा का कहना है कि चुनाव के दौरान जरूरी एहतियात नहीं बरते गए. जिसका खामियाजा अब भुगतना पड़ रहा है. उनकी माने तो चुनाव प्रशिक्षण और ड्यूटी के बाद अब तक हरदोई और लखीमपुर खीरी में 10-10 शिक्षक, शिक्षामित्र और अनुदेशकों की असमय मृत्यु हो चुकी है. इसके अलावा बुलंदशहर, हाथरस, सीतापुर, शाहजहांपुर में 8-8 मामले सामने आए हैं. वहीं भदोही, लखनऊ और प्रतापगढ़ में 7-7 मामले सामने आए हैं.
सोनभद्र, गाजियाबाद, गोंडा, कुशीनगर, जौनपुर, देवरिया, महाराजगंज, मथुरा, गोरखपुर, बहराइच, उन्नाव समेत दूसरे जिलों से भी इस तरह की घटनाएं सामने आई हैं. उन्होंने बताया कि महासंघ ने चुनाव से पहले शिक्षकों के टीकाकरण कराए जाने की मांग की थी. इतना ही नहीं गृह मंत्रालय ने 5 राज्यों में चुनावों के मद्देनजर पोलिंग पार्टियों का टीकाकरण कराने की अनुमति भी दे दी थी. इसके बावजूद टीकाकरण नहीं कराया गया.
यह मांगे उठाई गई
- संगठन की ओर से पंचायत चुनाव तत्काल स्थगित किए जाने की मांग की गई है.
- महासंघ की मांग है कि संक्रमित शिक्षक, शिक्षामित्र और अनुदेशकों के निशुल्क इलाज की व्यवस्था की जाए.
- मृतकों के परिजनों को 50-50 लाख रुपए की आर्थिक मदद के साथ अनुकंपा नियुक्ति भी दी जाए.
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