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भाषाई गरिमा ठीक हो रही, कई बार उत्तेजना में कुछ निकल जाता है: हृदय नारायण दीक्षित

उत्तर प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित शनिवार को बाराबंकी पहुंचे. ईटीवी भारत से खास बातचीत में उन्होंने कहा कि अगर लोगों के अंदर यह भावना आ जाए कि हम भारत के लोग हैं तो सब ठीक हो जाएगा.

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विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित ने की ईटीवी भारत से खास बातचीत.
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Published : Mar 2, 2020, 12:44 AM IST

बाराबंकी: उत्तर प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित ने ईटीवी भारत से खास बातचीत की. उन्होंने कहा कि राजनीतिक मर्यादाओं और मूल्यों में गिरावट नहीं आई है, बल्कि पिछले कुछ दिनों से इसमें निरंतर सुधार हो रहा है.

विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित ने की ईटीवी भारत से बातचीत.

आने वाले समय में यह बेहतर हो जाएगा कि हमें आशावादी रहना चाहिए. आज के माहौल में हम सभी को यह ध्यान रखना चाहिए कि हमारा संविधान "हम भारत के लोग" से शुरू होता है, और इसलिए शांति व्यवस्था कायम रखने में हमारी सर्वाधिक जिम्मेदारी है.

पत्रकारिता में चल रही गला काट प्रतियोगिता
पत्रकारिता में आजकल गला काट प्रतियोगिता है, इसलिए पत्रकारों को पढ़ना चाहिए और स्वस्थ प्रतियोगिता में हिस्सा लेते हुए समाज के हित के कार्य करने चाहिए. वेदों में भी सभा और समितियों का वर्णन है. वर्तमान राजनीतिक प्रणाली ब्रिटिश संसदीय प्रणाली से ली गई है.

इसमें परिवर्तन की गुंजाइश और संवाद है, लेकिन कोई भी व्यवस्था अपने आप में अंतिम नहीं होती है. नागरिकता संशोधन कानून के बारे में संसद में पर्याप्त चर्चा हुई है. प्रधानमंत्री और गृहमंत्री ने स्पष्ट रूप से कहा है कि कहीं भी किसी भी प्रकार से भ्रम की स्थिति नहीं है.

इसे भी पढ़ें:- योगी सरकार ने किए 12 IPS अफसरों के तबादले

बाराबंकी: उत्तर प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित ने ईटीवी भारत से खास बातचीत की. उन्होंने कहा कि राजनीतिक मर्यादाओं और मूल्यों में गिरावट नहीं आई है, बल्कि पिछले कुछ दिनों से इसमें निरंतर सुधार हो रहा है.

विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित ने की ईटीवी भारत से बातचीत.

आने वाले समय में यह बेहतर हो जाएगा कि हमें आशावादी रहना चाहिए. आज के माहौल में हम सभी को यह ध्यान रखना चाहिए कि हमारा संविधान "हम भारत के लोग" से शुरू होता है, और इसलिए शांति व्यवस्था कायम रखने में हमारी सर्वाधिक जिम्मेदारी है.

पत्रकारिता में चल रही गला काट प्रतियोगिता
पत्रकारिता में आजकल गला काट प्रतियोगिता है, इसलिए पत्रकारों को पढ़ना चाहिए और स्वस्थ प्रतियोगिता में हिस्सा लेते हुए समाज के हित के कार्य करने चाहिए. वेदों में भी सभा और समितियों का वर्णन है. वर्तमान राजनीतिक प्रणाली ब्रिटिश संसदीय प्रणाली से ली गई है.

इसमें परिवर्तन की गुंजाइश और संवाद है, लेकिन कोई भी व्यवस्था अपने आप में अंतिम नहीं होती है. नागरिकता संशोधन कानून के बारे में संसद में पर्याप्त चर्चा हुई है. प्रधानमंत्री और गृहमंत्री ने स्पष्ट रूप से कहा है कि कहीं भी किसी भी प्रकार से भ्रम की स्थिति नहीं है.

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