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इन्वेस्टर्स समिट वाली निवेशक कंपनियों की राह में बाधा से अटक रहे लखनऊ विकास प्राधिकरण के काम, कई पर लग रहे गंभीर आरोप

ग्लोबल इन्वेस्टर समिट के माध्यम से लखनऊ विकास प्राधिकरण में 31 हजार करोड़ के 116 एमओयू में से 56 परियोजनाओं पर काम शुरू हो चुका है. अब तक 2152 करोड़ रुपये का निवेश हो चुका है. वहीं कई निवेश कर्ता कंपनियों की राह में प्रशासनिक व अन्य बाधाएं आ रही हैं. इसके अलावा कई कंपनियां गंभीर आरोपों से घिरी हैं.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Aug 23, 2023, 7:45 PM IST

लखनऊ : लखनऊ विकास प्राधिकरण द्वारा ग्लोबल इन्वेस्टर समिट के अंतर्गत विभिन्न निवेशकों के साथ साइन किए गए 31 हजार करोड़ के 116 एमओयू में से 56 परियोजनाओं का काम शुरू हो गया है. इन परियोजनाओं में तेजी से काम चल रहा है. जिसमें अब तक 2152 करोड़ रुपये का निवेश किया जा चुका है तथा कार्य की प्रगति के साथ और निवेश आएगा. लखनऊ विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष डाॅ. इन्द्रमणि त्रिपाठी ने निवेशकों के साथ बैठक करके अन्य परियाजनाओं को भी शीघ्र लांच करने के निर्देश दिए हैं. फिलवक्त सामने आ रहा है कि निवेशकों के सामने कई तरह के रोड़े आ रहे हैं.

निवेशक कंपनियों की राह में बाधा.
निवेशक कंपनियों की राह में बाधा.

ग्लोबल इन्वेस्टर समिट के अंतर्गत 31 हजार करोड़ के निवेश के 116 एमओयू साइन किए गए हैं. इनमें से 16 हजार 500 करोड़ रुपये की 78 परियोजनाएं ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी के लिए तैयार हैं. इनमें से 56 परियोजनाओं का काम शुरू हो गया है. जिससे 2,152 करोड़ रुपये का निवेश हो चुका है. राजधानी में रीयल एस्टेट सेक्टर की इन परियोजनाओं के धरातल पर उतरने से लगभग 3,500 लोगों को परोक्ष रूप से जबकि 6,000 लोगों को अपरोक्ष रूप से रोजगार मिलने का दावा किया है.

निवेशक कंपनियों की राह में बाधा से अटक रहे लखनऊ विकास प्राधिकरण के काम.
निवेशक कंपनियों की राह में बाधा से अटक रहे लखनऊ विकास प्राधिकरण के काम.
निवेशक कंपनियों की राह में बाधा से अटक रहे लखनऊ विकास प्राधिकरण के काम.
निवेशक कंपनियों की राह में बाधा से अटक रहे लखनऊ विकास प्राधिकरण के काम.


इन कंपनियों का आया निवेश : मेसर्स कनक बिहारी, मेसर्स अमरावती होम्स व मेसर्स हर्षा इन्फ्रा डेवलपर्स के प्रतिनिधियों द्वारा अवगत कराया गया. नगर निगम से एनओसी न मिलने के कारण मानचित्र स्वीकृत होने में विलम्ब हो रहा है. इसी तरह मेसर्स सफायर इन्फ्रावेन्चर प्रालि की ओर से जानकारी दी गई है कि सिंचाई विभाग से एनओसी न मिलने के कारण परियोजना की लांचिंग में देरी हो रही है. मेसर्स अमरावती होम्स, मेसर्स पिन्टेल रियलिटी डेवलपर प्रालि, मेसर्स श्रीराज इन्फ्रा प्राइवेट लिमिटेड कुछ जगहों पर अवैध निर्माण/प्लाटिंग है, जिनके विरुद्ध कार्रवाई किए जाने की अवश्यकता है.

यह भी पढ़ें : Aizawl Railway Bridge Collapse : मिजोरम में बड़ा हादसा, रेलवे का निर्माणाधीन पुल ढहने से 17 लोगों की मौत

लखनऊ : लखनऊ विकास प्राधिकरण द्वारा ग्लोबल इन्वेस्टर समिट के अंतर्गत विभिन्न निवेशकों के साथ साइन किए गए 31 हजार करोड़ के 116 एमओयू में से 56 परियोजनाओं का काम शुरू हो गया है. इन परियोजनाओं में तेजी से काम चल रहा है. जिसमें अब तक 2152 करोड़ रुपये का निवेश किया जा चुका है तथा कार्य की प्रगति के साथ और निवेश आएगा. लखनऊ विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष डाॅ. इन्द्रमणि त्रिपाठी ने निवेशकों के साथ बैठक करके अन्य परियाजनाओं को भी शीघ्र लांच करने के निर्देश दिए हैं. फिलवक्त सामने आ रहा है कि निवेशकों के सामने कई तरह के रोड़े आ रहे हैं.

निवेशक कंपनियों की राह में बाधा.
निवेशक कंपनियों की राह में बाधा.

ग्लोबल इन्वेस्टर समिट के अंतर्गत 31 हजार करोड़ के निवेश के 116 एमओयू साइन किए गए हैं. इनमें से 16 हजार 500 करोड़ रुपये की 78 परियोजनाएं ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी के लिए तैयार हैं. इनमें से 56 परियोजनाओं का काम शुरू हो गया है. जिससे 2,152 करोड़ रुपये का निवेश हो चुका है. राजधानी में रीयल एस्टेट सेक्टर की इन परियोजनाओं के धरातल पर उतरने से लगभग 3,500 लोगों को परोक्ष रूप से जबकि 6,000 लोगों को अपरोक्ष रूप से रोजगार मिलने का दावा किया है.

निवेशक कंपनियों की राह में बाधा से अटक रहे लखनऊ विकास प्राधिकरण के काम.
निवेशक कंपनियों की राह में बाधा से अटक रहे लखनऊ विकास प्राधिकरण के काम.
निवेशक कंपनियों की राह में बाधा से अटक रहे लखनऊ विकास प्राधिकरण के काम.
निवेशक कंपनियों की राह में बाधा से अटक रहे लखनऊ विकास प्राधिकरण के काम.


इन कंपनियों का आया निवेश : मेसर्स कनक बिहारी, मेसर्स अमरावती होम्स व मेसर्स हर्षा इन्फ्रा डेवलपर्स के प्रतिनिधियों द्वारा अवगत कराया गया. नगर निगम से एनओसी न मिलने के कारण मानचित्र स्वीकृत होने में विलम्ब हो रहा है. इसी तरह मेसर्स सफायर इन्फ्रावेन्चर प्रालि की ओर से जानकारी दी गई है कि सिंचाई विभाग से एनओसी न मिलने के कारण परियोजना की लांचिंग में देरी हो रही है. मेसर्स अमरावती होम्स, मेसर्स पिन्टेल रियलिटी डेवलपर प्रालि, मेसर्स श्रीराज इन्फ्रा प्राइवेट लिमिटेड कुछ जगहों पर अवैध निर्माण/प्लाटिंग है, जिनके विरुद्ध कार्रवाई किए जाने की अवश्यकता है.

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