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एयरपोर्ट लिंक फ्लाईओवर निर्माण में अब आएगी तेजी, हल हुआ विवाद !

यूपी की राजधानी लखनऊ में एयरपोर्ट के लिए निर्माणाधीन लिंक फ्लाईओवर के निर्माण कार्य में अब तेजी आएगी. इसके लिए लंबे समय से चल रहा जमीन का मामला अब हल हो गया है. मुख्य सचिव राजेंद्र कुमार तिवारी (Chief Secretary Rajendra Kumar Tiwari) के आदेश पर लखनऊ विकास प्राधिकरण (Lucknow Development Authority) सेतु निगम को फ्री में जमीन देगा.

मुख्य सचिव राजेंद्र कुमार तिवारी
मुख्य सचिव राजेंद्र कुमार तिवारी
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Published : Jul 20, 2021, 5:29 AM IST

लखनऊ: राजधानी में शहीद पथ से एयरपोर्ट के लिए निर्माणाधीन लिंक फ्लाईओवर के निर्माण कार्य में अब तेजी आएगी. लखनऊ विकास प्राधिकरण, सेतु निगम को फ्री में जमीन देगा. मुख्य सचिव राजेंद्र कुमार तिवारी (Chief Secretary Rajendra Kumar Tiwari) की अध्यक्षता में पिछले दिनों हुई बैठक के बाद अब लखनऊ विकास प्राधिकरण (Lucknow Development Authority) सेतु निगम को फ्री में जमीन मुहैया कराएगा, जिससे फ्लाईओवर का निर्माण कार्य जल्द ही पूरा हो सकेगा.

पिछले काफी समय से लखनऊ विकास प्राधिकरण (Lucknow Development Authority) फ्लाईओवर के निर्माण को लेकर जमीन दिए जाने को लेकर मुआवजे की मांग पर अड़ा था. सरकारी प्रोजेक्ट होने के चलते मुख्य सचिव ने हस्तक्षेप किया और बैठक करके जमीन नि:शुल्क दिए जाने को लेकर निर्देश दिया था. इसके बाद अब जमीन निशुल्क दिए जाने का आदेश एलडीए के स्तर पर जारी किया गया है.


उल्लेखनीय है कि सेतु निगम के रिकॉर्ड के मुताबिक करीब 1125 मीटर लंबे एलीवेटेड फ्लाईओवर के निर्माण के लिए अगस्त 2018 में अनुमति मिली थी. 134.69 करोड़ रुपये लागत के इस प्रोजेक्ट पर आनन-फानन काम भी शुरू करा दिया गया. 2019 में जब काम शुरू हुआ, तब जमीन का विवाद सामने आ गया था. फ्लाईओवर बनाने का सबसे अधिक जिम्मेदारी शहर के लोक निर्माण विभाग की है.

एलडीए (Lucknow Development Authority) जमीन सेतु निगम को देने को लेकर 39.28 करोड़ की रकम मांग रहा था. जिला प्रशासन ने भी दोनों विभाग के बीच चल रहे इस विवाद को सुलझाने का प्रयास नहीं किया. प्रशासन चाहता तो वह विवाद सुलझा सकता था. तीनों विभाग एयरपोर्ट फ्लाइओवर निर्माण में हो रही देरी की जिम्मेदारी एक दूसरे पर डालते रहे. इस विवाद को हल करने के लिए चीफ सेक्रेटरी के स्तर पर बैठक आयोजित की गई थी. अब इस पर सहमति बन गई है और जमीन सेतु निगम को देने को लेकर आदेश जारी हुआ है.


चीफ सेक्रेटरी के आदेश के बाद लखनऊ विकास प्राधिकरण (Lucknow Development Authority के स्तर पर 14 आवासीय प्लाट और एक ग्रुप हाउसिंग का प्लाट इस प्रोजेक्ट को लेकर फ्री में दिया जाएगा. यही नहीं जिन लोगों को आवासीय प्लाट अलाट कर दिए गए थे, उन्हें कहीं दूसरी जगह पर भी समायोजित किए जाने की व्यवस्था कराई जाएगी. इसके अलावा पहले जो तालाब की जमीन पर प्लॉटिंग की गई थी, उसको लेकर भी जांच कराने के निर्देश दिए गए हैं. लखनऊ विकास प्राधिकरण के नियंत्रण वाले जो पार्क या अन्य जमीन प्रोजेक्ट के बीच में आ रही है, वह भी नि:शुल्क दिए जाने की बात कही गई है.
पढ़ें- चीफ सेक्रेटरी ने JPNIC की जांच रिपोर्ट पर जताई नाराजगी

लखनऊ: राजधानी में शहीद पथ से एयरपोर्ट के लिए निर्माणाधीन लिंक फ्लाईओवर के निर्माण कार्य में अब तेजी आएगी. लखनऊ विकास प्राधिकरण, सेतु निगम को फ्री में जमीन देगा. मुख्य सचिव राजेंद्र कुमार तिवारी (Chief Secretary Rajendra Kumar Tiwari) की अध्यक्षता में पिछले दिनों हुई बैठक के बाद अब लखनऊ विकास प्राधिकरण (Lucknow Development Authority) सेतु निगम को फ्री में जमीन मुहैया कराएगा, जिससे फ्लाईओवर का निर्माण कार्य जल्द ही पूरा हो सकेगा.

पिछले काफी समय से लखनऊ विकास प्राधिकरण (Lucknow Development Authority) फ्लाईओवर के निर्माण को लेकर जमीन दिए जाने को लेकर मुआवजे की मांग पर अड़ा था. सरकारी प्रोजेक्ट होने के चलते मुख्य सचिव ने हस्तक्षेप किया और बैठक करके जमीन नि:शुल्क दिए जाने को लेकर निर्देश दिया था. इसके बाद अब जमीन निशुल्क दिए जाने का आदेश एलडीए के स्तर पर जारी किया गया है.


उल्लेखनीय है कि सेतु निगम के रिकॉर्ड के मुताबिक करीब 1125 मीटर लंबे एलीवेटेड फ्लाईओवर के निर्माण के लिए अगस्त 2018 में अनुमति मिली थी. 134.69 करोड़ रुपये लागत के इस प्रोजेक्ट पर आनन-फानन काम भी शुरू करा दिया गया. 2019 में जब काम शुरू हुआ, तब जमीन का विवाद सामने आ गया था. फ्लाईओवर बनाने का सबसे अधिक जिम्मेदारी शहर के लोक निर्माण विभाग की है.

एलडीए (Lucknow Development Authority) जमीन सेतु निगम को देने को लेकर 39.28 करोड़ की रकम मांग रहा था. जिला प्रशासन ने भी दोनों विभाग के बीच चल रहे इस विवाद को सुलझाने का प्रयास नहीं किया. प्रशासन चाहता तो वह विवाद सुलझा सकता था. तीनों विभाग एयरपोर्ट फ्लाइओवर निर्माण में हो रही देरी की जिम्मेदारी एक दूसरे पर डालते रहे. इस विवाद को हल करने के लिए चीफ सेक्रेटरी के स्तर पर बैठक आयोजित की गई थी. अब इस पर सहमति बन गई है और जमीन सेतु निगम को देने को लेकर आदेश जारी हुआ है.


चीफ सेक्रेटरी के आदेश के बाद लखनऊ विकास प्राधिकरण (Lucknow Development Authority के स्तर पर 14 आवासीय प्लाट और एक ग्रुप हाउसिंग का प्लाट इस प्रोजेक्ट को लेकर फ्री में दिया जाएगा. यही नहीं जिन लोगों को आवासीय प्लाट अलाट कर दिए गए थे, उन्हें कहीं दूसरी जगह पर भी समायोजित किए जाने की व्यवस्था कराई जाएगी. इसके अलावा पहले जो तालाब की जमीन पर प्लॉटिंग की गई थी, उसको लेकर भी जांच कराने के निर्देश दिए गए हैं. लखनऊ विकास प्राधिकरण के नियंत्रण वाले जो पार्क या अन्य जमीन प्रोजेक्ट के बीच में आ रही है, वह भी नि:शुल्क दिए जाने की बात कही गई है.
पढ़ें- चीफ सेक्रेटरी ने JPNIC की जांच रिपोर्ट पर जताई नाराजगी

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