लखनऊ : राजधानी में अकबर नगर अवैध बस्ती के कब्जेदारों को लखनऊ विकास प्राधिकरण की ओर से प्रधानमंत्री आवास का प्रमाण पत्र दिया जा रहा है, ताकि 21 जनवरी को होने वाली सुनवाई में कोर्ट के सामने समायोजन के प्रमाण रखे जा सकें. प्राधिकरण इस बड़ी कार्रवाई से पहले लगातार कब्जेदारों को प्रधानमंत्री आवासों का एलाटमेंट लेटर दे रहा है.
प्रधानमंत्री आवास के सौंपे गए थे आवंटन पत्र : लखनऊ विकास प्राधिकरण द्वारा अकबरनगर प्रथम व द्वितीय में कुकरैल नदी व बंधे के विस्थापितों के लिए प्रधानमंत्री आवास का आवंटन शुरू कर दिया गया है. मंडलायुक्त डाॅ रोशन जैकब ने अकबरनगर में लगे विशेष शिविर में पहुंचकर विस्थापितों को आवंटन पत्र दिए हैं. उन्होंने कहा है कि सिंगल विंडो सिस्टम के तहत आवास व दुकानों का आवंटन किया जा रहा है. इसे लेकर लोगों के मन में कोई भी संदेह हो तो वह शिविर में आकर सही जानकारी प्राप्त कर सकते हैं. विस्थापितों में अगर कोई दिव्यांगजन है तो उन्हें प्राथमिकता व उपलब्धता के आधार पर भूतल पर भवन आवंटित किया जाए. आवंटन की प्रक्रिया शुरू करने के पहले दिन 33 विस्थापितों को बसन्त कुंज योजना स्थित प्रधानमंत्री आवास के आवंटन पत्र सौंपे गये.
आवास व दुकानें की जा रही हैं आवंटित : लखनऊ विकास प्राधिकरण के अपर सचिव ज्ञानेन्द्र वर्मा ने बताया कि 'अकबरनगर प्रथम व द्वितीय के विस्थापितों को आवास व दुकानें आवंटित की जा रही हैं. विस्थापितों को आवास व दुकान के लिए पंजीकरण कराने में किसी तरह की असुविधा न हो, इसके लिए प्राधिकरण द्वारा अकबरनगर पुलिस चौकी के निकट ही विशेष पंजीकरण शिविर लगाया गया है, जो 21 जनवरी, 2024 तक आयोजित किया जाएगा. इस शिविर में डूडा की आसरा आवास योजना के लिए भी पंजीकरण कराया जा सकता है. उन्होंने बताया कि अभी तक अकबरनगर प्रथम व द्वितीय के कुल 82 विस्थापितों ने प्रधानमंत्री आवास के लिए पंजीकरण कराया है, जिसमें से डूडा द्वारा 46 विस्थापितों का सत्यापन कर लिया गया है, जबकि शेष लोगों का सत्यापन प्रक्रियाधीन है. पात्र विस्थापितों को प्राधिकरण द्वारा आवंटन पत्र प्राप्त करने के सम्बंध में सूचना भेजी गई थी, जिनमें से सोमवार को कैंप में आये 33 विस्थापितों को भवनों के आवंटन पत्र सौंप दिये गए हैं.'
पंजीकरण की धनराशि पांच हजार रुपये : उपाध्यक्ष डाॅ इन्द्रमणि त्रिपाठी ने बताया कि 'प्राधिकरण द्वारा विस्थापितों को कई सहूलियतें दी जा रही हैं. इसमें एक तरफ प्रधानमंत्री आवास की पंजीकरण धनराशि 10 हजार रुपये से घटाकर पांच हजार रुपये कर दी गई है, वहीं, दूसरी तरफ व्यावसायिक श्रेणी में 25 प्रतिशत के स्थान पर मात्र 15 प्रतिशत धनराशि के अग्रिम भुगतान पर ही दुकानों का कब्जा दिया जा रहा है. इसके अलावा जिनके परिवार बड़े हैं या फिर जो अधिक क्षेत्रफल के आवास लेना चाहते हैं तो वह प्राधिकरण की योजनाओं में रिक्त फ्लैटों को 15 प्रतिशत के अग्रिम भुगतान पर लेकर निवास कर सकते हैं. इन सभी श्रेणियों में हायर पर्चेज एग्रीमेंट के तहत विस्थापितों को आवास व दुकान का कब्जा दे दिया जाएगा, जबकि शेष धनराशि 10 वर्षों की आसान किस्तों में जमा करने की सुविधा दी जा रही है.'
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