लखनऊः सात जनवरी देर रात हुई वकील शिशिर तिवारी की हत्या का मामला अब तूल पकड़ता जा रहा है. वकील के शव को लेकर उनके सहयोगी वकील कलेक्ट्रेट परिसर पहुंचे, जहां शव को रखकर प्रदर्शन किया. वकील की मौत के बाद वकीलों के पक्ष में शिवपाल सिंह यादव भी कलेक्ट्रेट परिसर पहुंचे. वकील कलेक्ट्रेट में कानून व्यवस्था को लेकर जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की. इस दौरान वकीलों ने पीड़ित परिवार को सरकार से 50 लाख रुपये मुआवजे की मांग की.
मंगलवार देर रात राजधानी लखनऊ के कृष्णानगर थाना क्षेत्र में 32 वर्षीय शिशिर त्रिपाठी नाम के एक अधिवक्ता की हत्या कर दी गई थी. अधिवक्ता को ईंट-पत्थरों से मारकर हत्या की गई थी. बताया जा रहा है कि शिशिर त्रिपाठी की हत्या आपसी रंजिश के चलते की गई है. शिशिर के परिजनों ने मोनू तिवारी, अधिवक्ता विनायक ठाकुर सहित तीन अन्य लोगों पर हत्या का आरोप लगाया है. वहीं एएसपी ने बताया कि एक आरोपी की गिरफ्तारी की गई है, जबकि अन्य आरोपियों की तलाश जारी है.
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मृतक के परिजनों ने आरोप लगाया है कि शिशिर ने घटना के पहले एसएचओ कृष्णानगर प्रदीप कुमार सिंह को फोन किया था. उसके बावजूद भी पुलिस मौके पर नहीं पहुंची और शिशिर की हत्या कर दी गई. इसके बाद एसएसपी ने कार्रवाई करते हुए कृष्णा नगर एसएचओ प्रदीप कुमार सिंह को निलंबित कर दिया है.