लखनऊ: न्याय विभाग ने उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग की भर्तियों में भ्रष्टाचार के मामले में अभियोजन दर्ज कर सीबीआई जांच कराने की अनुमति दे दी है. अब इस मामले में सीबीआई जांच के लिए मुख्यमंत्री कार्यालय से हरी झंडी मिलने का इंतजार है. केंद्रीय सतर्कता आयोग की तरफ से रिपोर्ट मांगे जाने के बाद सीबीआई ने शासन से जनवरी अंत में अभियोजन दर्ज करने की अनुमति मांगी थी.
प्रतियोगी छात्र संघर्ष समिति के अध्यक्ष अवनीश पांडेय ने प्रधानमंत्री कार्यालय को 21 दिसंबर को सीबीआई जांच में तेजी लाने की मांग करते हुए पत्र भेजा था, जिसकी प्रतिलिपि केंद्रीय सतर्कता आयोग व सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय को भी भेजी थी. केंद्रीय सतर्कता आयोग ने शिकायती पत्र की छानबीन करने के बाद सीबीआई को जांच में तेजी लाने को कहा था. इस संबंध में अवनीश पांडेय को 10 जनवरी को पत्र भेजा गया था, जो अब मिला है. अवनीश पांडेय का कहना है कि केंद्रीय सतर्कता आयोग ने सीबीआई से एक महीने में जांच की प्रगति रिपोर्ट मांगी थी, जिसका नतीजा है कि सीबीआई को अभियोजन दर्ज करने के लिए शासन से अनुमति मांगनी पड़ी.
कुछ प्रमुख तथ्य
- 1 अप्रैल 2012 से 31 मार्च 2016 तक हुई भर्तियों की जांच कर रही सीबीआई
- 31 दिसंबर 2017 को पहली बार जांच के लिए UPPSC पहुंची थी सीबीआई
- UPPSC की 598 भर्तियों में 40 हजार पदों की चल रही जांच
- अब तक पीसीएस भर्ती-2015 में भ्रष्टाचार को लेकर दर्ज है एकमात्र एफआईआर