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लखनऊ पुलिस ने दिखाया दम, अपराधियों के हौसले हुए पस्त

लखनऊ जोन के 11 जिलों में भी अपराध के ग्राफ में हर क्षेत्र में कमी देखने को मिली है. यह सब बेहतर पुलिसिंग की वजह से हो पाया है. लखनऊ जोन में साल 2020 में डकैती के मामलों में 40 फ़ीसदी की कमी तो लूट के मामले में 36 फीसदी की कमी देखने को मिली है. वहीं चोरी की घटनाओं में 29 फ़ीसदी की कमी आई है तो नकबजनी में 34 फ़ीसदी की कमी पाई गई है. पिछले दो सालों में अपराध के आंकड़ों पर एक नजर...

लखनऊ जोन में अपराध में आई कमी
लखनऊ जोन में अपराध में आई कमी
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Published : Feb 18, 2021, 10:09 AM IST

Updated : Feb 18, 2021, 12:12 PM IST

लखनऊः उत्तर प्रदेश में कानून-व्यवस्था के सुधार को लेकर पुलिस प्रशासन प्रयासरत है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सख्त निर्देशों का असर भी अब दिखने लगा है. यूपी पुलिस प्रदेश में संगठित अपराध पर काफी हद तक काबू पाया है. वहीं उत्तर प्रदेश की सरकार को जीरो टॉलरेंस की नीति पर काम करने से जहां भ्रष्टाचार के खिलाफ अंकुश लग रहा है तो बढ़ते अपराध में भी कमी आई है. साल 2019 के मुकाबले 2020 में अपराध के ग्रॉफ में कमी देखने को मिली है.

लखनऊ जोन में अपराध के मामले में आई कमी, देखें रिपोर्ट...

लखनऊ जोन के 11 जिले की बात करें तो इन जिलों में भी अपराध के ग्राफ में हर क्षेत्र में कमी देखने को मिली है. यह सब बेहतर पुलिसिंग की वजह से हो पाया है. लखनऊ जोन में साल 2020 में डकैती के मामलों में 40 फ़ीसदी की कमी तो लूट के मामले में 36 फीसदी की कमी देखने को मिली है. वहीं चोरी की घटनाओं में 29 फ़ीसदी की कमी आई है तो नकबजनी में 34 फ़ीसदी की कमी पाई गई है. वहीं महिला अपराध में भी यह कमी देखी गई है. सबसे ज्यादा कमी बलात्कार और शीलभंग के मामले में रही है. इसकी वजह से अब लोग पहले से ज्यादा सुरक्षित महसूस कर रहे हैं. वहीं इन अपराधों में कमी से महिलाओं को भी काफी ज्यादा फायदा हुआ है.

उत्तर प्रदेश पुलिस मुख्यालय
उत्तर प्रदेश पुलिस मुख्यालय
बेहतर पुलिसिंग से अपराध में आई कमी
उत्तर प्रदेश में सरकार के प्रयास अगर रंग ला रहे हैं तो वहीं इसके पीछे पुलिस और प्रशासन का बेहतर समन्वय भी है. उत्तर प्रदेश के अपराध के ग्राफ में साल 2019 के मुकाबले 2020 में कमी दर्ज की गई तो वहीं लखनऊ जोन 11 जनपदों में अपराध के ग्राफ में काफी ज्यादा गिरावट दर्ज की गई है. यह सब पिछले 10 वर्षों में अपराध में लिप्त लोगों पर होने वाली कार्रवाई, पैदल गश्त, चेकिंग और पुलिस पेट्रोलिंग के चलते हुआ है.
लखनऊ जोन में कैसे कम हुआ अपराध
राजधानी लखनऊ से सटे हुए 11 जनपदों को लखनऊ जोन में शामिल किया गया है. यह जनपद अपराध के दृष्टिगत काफी संवेदनशील थे, लेकिन बीते 2 सालों में यहां पर बेहतर पुलिसिंग की वजह से अपराध के आंकड़ों में लगातार कमी दर्ज की जा रही है. वहीं डकैती, लूट, हत्या, वाहन चोरी, अपहरण, बलवा जैसे प्रमुख श्रेणियों में कमी दर्ज की गई है. लखनऊ जोन के एडीजी एस.एन. साबत ने बताया कि जून के 11 जनपदों में पिछले 10 वर्षों में अपराध में लिप्त लोगों पर कार्रवाई हुई, जिसमें बड़ी संख्या में इनामी और अपराधी प्रवृत्ति के लोगों की गिरफ्तारी हुई हैं. पैदल गस्त, पुलिस की चेकिंग को बढ़ाया गया है, इससे भी अपराधियों में भय कायम हुआ है.
संगठित अपराधों में आई कमी
संगठित अपराधों में आई कमी
महिला अपराध में कमी
लखनऊ जोन के 11 जनपदों में महिला अपराध की सभी श्रेणियों में 2019 के मुकाबले 2020 में कमी दर्ज की गई है. यह सब पुलिस की प्रभावी कार्रवाई और महिलाओं के मामले में प्रभावी कार्रवाई करने से हुआ है. इस वजह से महिलाएं पहले के मुकाबले काफी ज्यादा सुरक्षित भी हुई है. एडीजी एसएन साबत ने बताया कि महिला अपराध में एंटी रोमियो के द्वारा 12 लाख से ज्यादा चेकिंग की गई जिसमें 1199000 लोगों को चेतावनी देकर छोड़ा गया है. 1704 पंजीकृत मामले में 1960 गिरफ्तारी की गई है.
महिला अपराध में आई कमी
महिला अपराध में आई कमी
अभियुक्तों के विरुद्ध हुई कार्रवाई
लखनऊ जून में अपराधियों के खिलाफ पुलिस कहर बनकर टूटी है, जिसका असर अपराध के ग्राफ में देखने को मिलता है. बड़ी संख्या में हत्या, लूट, डकैती और बलात्कार जैसे गंभीर अपराध की श्रेणी में गिरफ्तारियां हुई है, जिसके चलते गिरफ्तारी का प्रतिशत भी काफी ज्यादा है.
अपराधियों पर हुई कार्रवाई
अपराधियों पर हुई कार्रवाई

लखनऊः उत्तर प्रदेश में कानून-व्यवस्था के सुधार को लेकर पुलिस प्रशासन प्रयासरत है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सख्त निर्देशों का असर भी अब दिखने लगा है. यूपी पुलिस प्रदेश में संगठित अपराध पर काफी हद तक काबू पाया है. वहीं उत्तर प्रदेश की सरकार को जीरो टॉलरेंस की नीति पर काम करने से जहां भ्रष्टाचार के खिलाफ अंकुश लग रहा है तो बढ़ते अपराध में भी कमी आई है. साल 2019 के मुकाबले 2020 में अपराध के ग्रॉफ में कमी देखने को मिली है.

लखनऊ जोन में अपराध के मामले में आई कमी, देखें रिपोर्ट...

लखनऊ जोन के 11 जिले की बात करें तो इन जिलों में भी अपराध के ग्राफ में हर क्षेत्र में कमी देखने को मिली है. यह सब बेहतर पुलिसिंग की वजह से हो पाया है. लखनऊ जोन में साल 2020 में डकैती के मामलों में 40 फ़ीसदी की कमी तो लूट के मामले में 36 फीसदी की कमी देखने को मिली है. वहीं चोरी की घटनाओं में 29 फ़ीसदी की कमी आई है तो नकबजनी में 34 फ़ीसदी की कमी पाई गई है. वहीं महिला अपराध में भी यह कमी देखी गई है. सबसे ज्यादा कमी बलात्कार और शीलभंग के मामले में रही है. इसकी वजह से अब लोग पहले से ज्यादा सुरक्षित महसूस कर रहे हैं. वहीं इन अपराधों में कमी से महिलाओं को भी काफी ज्यादा फायदा हुआ है.

उत्तर प्रदेश पुलिस मुख्यालय
उत्तर प्रदेश पुलिस मुख्यालय
बेहतर पुलिसिंग से अपराध में आई कमी
उत्तर प्रदेश में सरकार के प्रयास अगर रंग ला रहे हैं तो वहीं इसके पीछे पुलिस और प्रशासन का बेहतर समन्वय भी है. उत्तर प्रदेश के अपराध के ग्राफ में साल 2019 के मुकाबले 2020 में कमी दर्ज की गई तो वहीं लखनऊ जोन 11 जनपदों में अपराध के ग्राफ में काफी ज्यादा गिरावट दर्ज की गई है. यह सब पिछले 10 वर्षों में अपराध में लिप्त लोगों पर होने वाली कार्रवाई, पैदल गश्त, चेकिंग और पुलिस पेट्रोलिंग के चलते हुआ है.
लखनऊ जोन में कैसे कम हुआ अपराध
राजधानी लखनऊ से सटे हुए 11 जनपदों को लखनऊ जोन में शामिल किया गया है. यह जनपद अपराध के दृष्टिगत काफी संवेदनशील थे, लेकिन बीते 2 सालों में यहां पर बेहतर पुलिसिंग की वजह से अपराध के आंकड़ों में लगातार कमी दर्ज की जा रही है. वहीं डकैती, लूट, हत्या, वाहन चोरी, अपहरण, बलवा जैसे प्रमुख श्रेणियों में कमी दर्ज की गई है. लखनऊ जोन के एडीजी एस.एन. साबत ने बताया कि जून के 11 जनपदों में पिछले 10 वर्षों में अपराध में लिप्त लोगों पर कार्रवाई हुई, जिसमें बड़ी संख्या में इनामी और अपराधी प्रवृत्ति के लोगों की गिरफ्तारी हुई हैं. पैदल गस्त, पुलिस की चेकिंग को बढ़ाया गया है, इससे भी अपराधियों में भय कायम हुआ है.
संगठित अपराधों में आई कमी
संगठित अपराधों में आई कमी
महिला अपराध में कमी
लखनऊ जोन के 11 जनपदों में महिला अपराध की सभी श्रेणियों में 2019 के मुकाबले 2020 में कमी दर्ज की गई है. यह सब पुलिस की प्रभावी कार्रवाई और महिलाओं के मामले में प्रभावी कार्रवाई करने से हुआ है. इस वजह से महिलाएं पहले के मुकाबले काफी ज्यादा सुरक्षित भी हुई है. एडीजी एसएन साबत ने बताया कि महिला अपराध में एंटी रोमियो के द्वारा 12 लाख से ज्यादा चेकिंग की गई जिसमें 1199000 लोगों को चेतावनी देकर छोड़ा गया है. 1704 पंजीकृत मामले में 1960 गिरफ्तारी की गई है.
महिला अपराध में आई कमी
महिला अपराध में आई कमी
अभियुक्तों के विरुद्ध हुई कार्रवाई
लखनऊ जून में अपराधियों के खिलाफ पुलिस कहर बनकर टूटी है, जिसका असर अपराध के ग्राफ में देखने को मिलता है. बड़ी संख्या में हत्या, लूट, डकैती और बलात्कार जैसे गंभीर अपराध की श्रेणी में गिरफ्तारियां हुई है, जिसके चलते गिरफ्तारी का प्रतिशत भी काफी ज्यादा है.
अपराधियों पर हुई कार्रवाई
अपराधियों पर हुई कार्रवाई
Last Updated : Feb 18, 2021, 12:12 PM IST
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