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लखनऊः 26 दिसंबर को साल का आखिरी सूर्य ग्रहण, यहां लगेंगे टेलीस्कोप

वर्ष 2019 का आखिरी सूर्य ग्रहण 26 दिसंबर को पड़ने वाला है. इसके लिए राजधानी लखनऊ में नक्षत्रशालाएं कई तरह से तैयारियों में जुटी हुई हैं.

टेलीस्कोप
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Published : Dec 24, 2019, 11:39 AM IST

लखनऊः राजधानी में स्थित उत्तर प्रदेश विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद के तहत इंदिरा गांधी नक्षत्रशाला में भी टेलिस्कोप और खगोलीय गतिविधियों से जुड़े हुई तमाम तैयारियां शुरू कर दी गई हैं. इस बार 26 दिसंबर को वर्ष का आखरी सूर्य ग्रहण पड़ने वाला है. सूर्य ग्रहण को देखने के लिए इंदिरा गांधी नक्षत्रशाला के तहत काम करने वाली यूपैक संस्था से जुड़े सदस्य भी काफी उत्साहित हैं.

देखें स्पेशल रिपोर्ट.

उत्तर प्रदेश विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद के निदेशक डॉ. वेदपति मिश्रा ने बताया कि विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद विज्ञान से जुड़ी हुई घटनाओं को प्रोत्साहित करने और उसके बारे में लोगों को बताने के लिए हमेशा से ही उत्सुक रहा है. इस बार भी 26 दिसंबर को हमने आठ टेलीस्कोप कुड़िया घाट पर लगाने का निश्चय किया है. हालांकि धारा 144 के लागू होने की वजह से इसमें कुछ व्यवधान आ सकते हैं. इसके लिए हमने जिलाधिकारी को पत्र लिखा है, क्योंकि यह खगोलीय घटना है और इससे किसी भी तरह के अप्रिय घटना होने का कोई खतरा नहीं है.

2009 के बाद सूर्य को नजदीक से देखने का पहला मौका
इंदिरा गांधी नक्षत्रशाला के वैज्ञानिक अधिकारी सुमित श्रीवास्तव कहते हैं कि साल का आखिरी सूर्य ग्रहण काफी महत्वपूर्ण होने वाला है. 2009 के बाद यह पहला ऐसा मौका होगा जब सूर्य की खगोलीय घटनाओं को हम बेहद नजदीक से देख पाएंगे और हमारे छात्रों और अन्य लोगों को भी इसकी महत्ता के बारे में बता पाएंगे.

छात्र-छात्राओं में सूर्य ग्रहण के प्रति काफी उत्साह
यूपैक संस्था के सदस्य बने कुछ छात्र-छात्राओं में सूर्य ग्रहण के प्रति काफी उत्साह है. वह इसकी तैयारियों में अभी से लग गए हैं. उनके अनुसार सूर्य ग्रहण से उन्हें काफी कुछ सीखने को मिलेगा. ग्रहण के दौरान कई तरह की फोटोग्राफी कर सकते हैं और समाज में फैली भ्रांतियों को कम करने की कोशिश भी करेंगे.

लखनऊः राजधानी में स्थित उत्तर प्रदेश विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद के तहत इंदिरा गांधी नक्षत्रशाला में भी टेलिस्कोप और खगोलीय गतिविधियों से जुड़े हुई तमाम तैयारियां शुरू कर दी गई हैं. इस बार 26 दिसंबर को वर्ष का आखरी सूर्य ग्रहण पड़ने वाला है. सूर्य ग्रहण को देखने के लिए इंदिरा गांधी नक्षत्रशाला के तहत काम करने वाली यूपैक संस्था से जुड़े सदस्य भी काफी उत्साहित हैं.

देखें स्पेशल रिपोर्ट.

उत्तर प्रदेश विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद के निदेशक डॉ. वेदपति मिश्रा ने बताया कि विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद विज्ञान से जुड़ी हुई घटनाओं को प्रोत्साहित करने और उसके बारे में लोगों को बताने के लिए हमेशा से ही उत्सुक रहा है. इस बार भी 26 दिसंबर को हमने आठ टेलीस्कोप कुड़िया घाट पर लगाने का निश्चय किया है. हालांकि धारा 144 के लागू होने की वजह से इसमें कुछ व्यवधान आ सकते हैं. इसके लिए हमने जिलाधिकारी को पत्र लिखा है, क्योंकि यह खगोलीय घटना है और इससे किसी भी तरह के अप्रिय घटना होने का कोई खतरा नहीं है.

2009 के बाद सूर्य को नजदीक से देखने का पहला मौका
इंदिरा गांधी नक्षत्रशाला के वैज्ञानिक अधिकारी सुमित श्रीवास्तव कहते हैं कि साल का आखिरी सूर्य ग्रहण काफी महत्वपूर्ण होने वाला है. 2009 के बाद यह पहला ऐसा मौका होगा जब सूर्य की खगोलीय घटनाओं को हम बेहद नजदीक से देख पाएंगे और हमारे छात्रों और अन्य लोगों को भी इसकी महत्ता के बारे में बता पाएंगे.

छात्र-छात्राओं में सूर्य ग्रहण के प्रति काफी उत्साह
यूपैक संस्था के सदस्य बने कुछ छात्र-छात्राओं में सूर्य ग्रहण के प्रति काफी उत्साह है. वह इसकी तैयारियों में अभी से लग गए हैं. उनके अनुसार सूर्य ग्रहण से उन्हें काफी कुछ सीखने को मिलेगा. ग्रहण के दौरान कई तरह की फोटोग्राफी कर सकते हैं और समाज में फैली भ्रांतियों को कम करने की कोशिश भी करेंगे.

Intro:लखनऊ। वर्ष 2019 का आखिरी सूर्य ग्रहण 26 दिसंबर को पड़ने वाला है। इसके लिए नक्षत्र शालायें कई तरह से तैयारियों में जुटी हुई हैं। इस सिलसिले में राजधानी स्थित उत्तर प्रदेश विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद के तहत आने वाले इंदिरा गांधी नक्षत्रशाला में भी टेलिस्कोप और खगोलीय गतिविधियों से जुड़े हुए तमाम तैयारियां शुरू कर दी गई है।


Body:वीओ1 सूर्य ग्रहण को देखने और उसके बारे में तमाम तरह की जानकारियां साझा करने के लिए इंदिरा गांधी नक्षत्र शाला के तहत काम करने वाली यूपैक संस्था से जुड़े सदस्य भी काफी उत्साहित नजर आ रहे हैं। उत्तर प्रदेश विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद के निदेशक डॉ वेदपति मिश्रा ने बताया कि विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद विज्ञान से जुड़ी हुई घटनाओं को प्रोत्साहित करने और उसके बारे में लोगों को बताने के लिए हमेशा से ही उत्सुक रहा है। इस बार भी 26 दिसंबर को हमने 8 टेलीस्कोप कुड़िया घाट पर लगाने का निश्चय किया है। हालांकि धारा 144 के लागू होने की वजह से इसमें कुछ व्यवधान आ सकते हैं लेकिन इसके लिए हमने जिलाधिकारी को पत्र लिखा है क्योंकि यह खगोलीय घटना है और इससे किसी भी तरह के अप्रिय घटना होने का कोई खतरा नहीं है। इंदिरा गांधी नक्षत्र शाला के वैज्ञानिक अधिकारी सुमित श्रीवास्तव कहते हैं कि साल का यह आखिरी सूर्य ग्रहण काफी महत्वपूर्ण होने वाला है। क्योंकि यह 2009 के बाद यह पहला ऐसा मौका होगा जब सूर्य की खगोलीय घटनाओं को हम बेहद नजदीक से देख पाएंगे और हमारे छात्रों और अन्य लोगों को भी इसकी महत्ता के बारे में बता पाएंगे।


Conclusion:यूपैक संस्था के सदस्य बने कुछ छात्र छात्राओं में सूर्य ग्रहण के प्रति काफी उत्साह देखने को मिल रहा है। वह इसकी तैयारियों में अभी से लग गए हैं। उनके अनुसार सूर्य ग्रहण से उन्हें काफी कुछ सीखने को मिलेगा। ग्रहण के दौरान कई तरह की वह फोटोग्राफी कर सकते हैं और समाज में फैली भ्रांतियों को कम करने की कोशिश भी करेंगे। बाइट- डॉ वेदपति मिश्रा, डायरेक्टर, उत्तर प्रदेश विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद बाइट- सुमित श्रीवास्तव, वैज्ञानिक अधिकारी इंदिरा गांधी नक्षत्रशाला बाइट- उत्कर्ष ,छात्र, यूपैक सदस्य बाइट- श्रुति तिवारी, यूपैक सदस्य रामांशी मिश्रा
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