लखनऊ: राजधानी लखनऊ में फर्जी नियुक्ति पत्र देकर बेरोजगार युवकों से ठगी के मामले आए दिन सामने आ रहे हैं. ऐसा ही मामला गुरुवार की शाम को भी सामने आया है. इसमें आरोपियों ने सचिवालय में नौकरी दिलाने के नाम पर मनीष नामक युवक से 7 लाख और अरविंद नामक युवक से 9 लाख रुपये ठग लिए. रुपये देने के बाद भी पीड़ित युवक को न तो सचिवालय में नौकरी मिली और न ही उसके लाखों रुपये वापस मिले. पीड़ित ने आरोपी मोहित पर रुपये वापस करने का दबाव बनाया तो उसने एक लाख 90 हजार रुपये वापस कर दिए और पीड़ित को राम मनोहर लोहिया विश्वविद्यालय फैजाबाद का फर्जी नियुक्ति पत्र देकर अपना पल्ला झाड़ लिया. नियुक्ति पत्र फर्जी निकलने पर पीड़ित मनीष ने चिनहट थाने में और अरविंद नामक युवक ने गोमतीनगर थाने में आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज कराया है.
पीड़ितों को ऐसे लिया झांसे में
पीड़ित मनीष यादव की मुलाकात साल 2019 में शाहपुर निवासी मोहित गुप्ता से हुई थी. मोहित गुप्ता ने पीड़ित को विश्वास में लेते हुए खुद को मानवाधिकार अपराध शाखा बिजनौर का चेयरमैन बताया था. इसके साथ ही मनीष को सचिवालय में नौकरी दिलाने का झांसा देकर उसको विश्वास में लिया और उससे लगभग 7 लाख रुपये हड़प लिए.
जेल से छूटने के बाद फिर किया फर्जीवाड़ा
पीड़ित मनीष यादव की मानें तो रुपये देने के बाद भी उसको नौकरी नहीं मिली तो उसने आरोपी की तलाश शुरू कर दी. इस दौरान उसको जानकारी हुई कि मोहित गुप्ता फर्जीवाड़े के मामले में जेल में बंद है. जब मनीष को जानकारी लगी कि मोहित जेल से छूट गया है तो उसने आरोपी मोहित गुप्ता से संपर्क किया और उस पर दबाव बनाने लगा. आरोपी ने मनीष से अपना पल्ला झड़ने के लिए उसको एक लाख 90 हजार रुपये वापस कर दिए. साथ ही अन्य रुपये के बदले फैजाबाद विश्वविद्यालय का फर्जी नियुक्ति पत्र थमा दिया.
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नियुक्ति पत्र फर्जी निकलने पर दर्ज कराया केस
पीड़ित मनीष यादव की मानें तो दबाव बनाने पर मोहित गुप्ता ने एक लाख 90 हजार रुपये वापस कर दिए. साथ ही बचे रुपयों के बदले मनोहर लोहिया फैजाबाद विश्वविद्यालय का फर्जी नियुक्ति पत्र थमा दिया. फर्जी नियुक्ति पत्र लेने के बाद परेशान होकर पीड़ित ने चिनहट कोतवाली में केस दर्ज कराया है.
जालसाज के खिलाफ दर्ज हुआ केस
विरामखंड पांच गोमतीनगर निवासी अरविंद वर्मा ने बताया कि देवरिया निवासी राहुल और उनकी पत्नी मेघा ने उनकी मुलाकात बाराबंकी निवासी रमेश त्रिपाठी से कराई थी. पीड़ित का आरोप है कि रमेश त्रिपाठी ने सचिवालय में नौकरी दिलाने के नाम पर उनसे 9 लाख रुपये हड़प लिए. पीड़ित का आरोप है लाखों रुपये देने के काफी समय बाद भी न ही नौकरी मिली और न ही उसकी रकम वापस की गई. इसके बाद अरविंद वर्मा ने गोमतीनगर थाने पहुंच कर केस दर्ज कराया है.
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ये बोली पुलिस
इस मामले में पुलिस कमिश्नर डीके ठाकुर के प्रवक्ता नितिन ने बताया है कि चिनहट थाने में शाहपुर निवासी मनीष यादव ने और विरामखंड पांच निवासी अरविंद वर्मा ने गोमतीनगर थाने में नौकरी दिलाने के नाम पर फर्जीवाड़ा लाखों रुपया हड़पने का मुकदमा दर्ज कराया है. इस मामले पर पुलिस आरोपियों की तलाश कर रही है.