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खीरी तिकुनिया कांड: आशीष मिश्रा की जमानत के खिलाफ वादी पक्ष की बहस पूरी, अगली सुनवाई 13 जुलाई को

मामले में न्यायमूर्ति कृष्ण पहल की एकल पीठ ने 13 जुलाई को सवा तीन बजे सुनवाई शुरू करने का आदेश दिया है. इस दिन राज्य सरकार की ओर से बहस की जाएगी.

हाईकोर्ट
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Published : Jul 11, 2022, 9:56 AM IST

Updated : Jul 11, 2022, 7:36 PM IST

लखनऊ. हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में सोमवार को खीरी के तिकुनिया कांड मामले में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री के पुत्र आशीष मिश्रा उर्फ मोनू की जमानत याचिका पर सुनवाई हुई. वादी पक्ष की ओर से याचिका का विरोध करते हुए बहस पूरी की गई. मामले की अगली सुनवाई 13 जुलाई को होगी, इस दिन राज्य सरकार की ओर से बहस की जाएगी.

न्यायमूर्ति कृष्ण पहल की एकल पीठ ने 13 जुलाई को सवा तीन बजे मामले की सुनवाई शुरू करने का आदेश दिया है. सोमवार को भी वादी पक्ष की ओर से तमाम गवाहों के बयानों को उद्धत करते हुए दलील दी गई कि मामले में आशीष मिश्रा की पूरी संलिप्तता थी. कहा गया कि गवाहों के बयानों से आशीष मिश्रा पर लगे आरोपों की पुष्टि होती है. वादी पक्ष की ओर से यह भी दलील दी जा चुकी है कि मामले के सह-अभियुक्त अंकित दास व अन्य की जमानत याचिकाएं न्यायालय द्वारा खारिज की जा चुकी हैं.

यह भी दलील दी गई है कि जिस टैक्सी से अंकित दास खीरी से निकला था, उस टैक्सी ड्राइवर ने भी बयान दिया है कि रास्ते में अंकित दास घटना के बारे में फोन पर बात कर रहा था. उक्त बातचीत से भी आशीष मिश्रा पर लगे अभियोजन कथानक की पुष्टि होती है. वहीं गवाह द्वारा अंकित दास के गनर लतीफ की बातचीत का भी उल्लेख किया गया. इसके पूर्व वादी पक्ष की ओर से यह भी दलील दी जा चुकी है कि मामले में जांच के बाद कुछ धाराएं बढ़ा दी गई थीं. बढ़ी हुई धाराओं में जमानत अर्जी बिना सत्र अदालत में दाखिल किए. अभियुक्त ने सीधा हाईकोर्ट में वर्तमान याचिका दाखिल कर दी है.

लखनऊ. हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में सोमवार को खीरी के तिकुनिया कांड मामले में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री के पुत्र आशीष मिश्रा उर्फ मोनू की जमानत याचिका पर सुनवाई हुई. वादी पक्ष की ओर से याचिका का विरोध करते हुए बहस पूरी की गई. मामले की अगली सुनवाई 13 जुलाई को होगी, इस दिन राज्य सरकार की ओर से बहस की जाएगी.

न्यायमूर्ति कृष्ण पहल की एकल पीठ ने 13 जुलाई को सवा तीन बजे मामले की सुनवाई शुरू करने का आदेश दिया है. सोमवार को भी वादी पक्ष की ओर से तमाम गवाहों के बयानों को उद्धत करते हुए दलील दी गई कि मामले में आशीष मिश्रा की पूरी संलिप्तता थी. कहा गया कि गवाहों के बयानों से आशीष मिश्रा पर लगे आरोपों की पुष्टि होती है. वादी पक्ष की ओर से यह भी दलील दी जा चुकी है कि मामले के सह-अभियुक्त अंकित दास व अन्य की जमानत याचिकाएं न्यायालय द्वारा खारिज की जा चुकी हैं.

यह भी दलील दी गई है कि जिस टैक्सी से अंकित दास खीरी से निकला था, उस टैक्सी ड्राइवर ने भी बयान दिया है कि रास्ते में अंकित दास घटना के बारे में फोन पर बात कर रहा था. उक्त बातचीत से भी आशीष मिश्रा पर लगे अभियोजन कथानक की पुष्टि होती है. वहीं गवाह द्वारा अंकित दास के गनर लतीफ की बातचीत का भी उल्लेख किया गया. इसके पूर्व वादी पक्ष की ओर से यह भी दलील दी जा चुकी है कि मामले में जांच के बाद कुछ धाराएं बढ़ा दी गई थीं. बढ़ी हुई धाराओं में जमानत अर्जी बिना सत्र अदालत में दाखिल किए. अभियुक्त ने सीधा हाईकोर्ट में वर्तमान याचिका दाखिल कर दी है.

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Last Updated : Jul 11, 2022, 7:36 PM IST
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