लखनऊ: राजधानी के केजीएमयू ट्रामा सेंटर में तमाम व्यवस्थाएं होने के बाद भी मरीजों को स्वास्थ्य सुविधाएं नहीं मिल पा रही हैं. वहीं अस्पताल के शौचालय में भी संक्रमण का खतरा बना हुआ है. व्यवस्थाएं इतनी ध्वस्त हो चुकी हैं कि व्यवस्थाओं के नाम पर ट्रामा सेंटर मे सिर्फ ढोंग रचा जा रहा है.
लखनऊ: KGMU में स्वास्थ्य सुविधाओं का अभाव, मरीज हुए परेशान
राजधानी लखनऊ के केजीएमयू में स्वास्थ्य सुविधाओं का अभाव देखने को मिल रहा है, जिससे मरीजों और उनके तामीरदारों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.
केजीएमयू में स्वास्थ्य सेवाओं का अभाव
लखनऊ: राजधानी के केजीएमयू ट्रामा सेंटर में तमाम व्यवस्थाएं होने के बाद भी मरीजों को स्वास्थ्य सुविधाएं नहीं मिल पा रही हैं. वहीं अस्पताल के शौचालय में भी संक्रमण का खतरा बना हुआ है. व्यवस्थाएं इतनी ध्वस्त हो चुकी हैं कि व्यवस्थाओं के नाम पर ट्रामा सेंटर मे सिर्फ ढोंग रचा जा रहा है.
Intro:राजस्थानी लखनऊ के केजीएमयू के ट्रामा सेंटर में यह तो तमाम सेवाओं के दावे किए जाते हैं। लेकिन ट्रॉमा सेंटर में उन सभी दावों की पोल खुलती है। ऐसा इसलिए क्योंकि तमाम व्यवस्थाएं होने के बाद भी मरीजों को कहीं गोद में तो कहीं पीठ पर अपने मरीज को तीमारदारों को ढोना पड़ रहा है। तो वहीं अस्पताल के शौचालय में भी संक्रमण का खतरा बना हुआ है। व्यवस्थाएं इतनी ध्वस्त हो चुकी हैं की व्यवस्थाओं के नाम पर ट्रामा सेंटर मे सिर्फ ढोंग रचा जा रहा है।
Body:केजीएमयू अस्पताल के ट्रामा सेंटर में गंभीर मरीजों को स्ट्रेचर और व्हीलचेयर तक नहीं मिल रहे हैं। हालात यह है कि तीमारदार अपने मरीज को पीठ पर तो कहीं गोद में लेकर इलाज के लिए अस्पताल परिसर में भटक रहे हैं। यह मामला मंगलवार का है। जब उन्नाव से आए हुए अभिभावक अपने बच्चे के नाक मैं चले गए बोल्ट को निकलाने के लिए यहां पर आए हुए थे। लेकिन इस दौरान बच्चे को उन्हें एंबुलेंस में ले जाने के लिए गोद का ही सहारा लेना पड़ा। उन्हें यहां पर स्ट्रेचर आदि की सुविधा नहीं मिल पाई हालांकि सेवाओं के तमाम वादे और दावे किए जाते हैं। लेकिन यहां पर व्यवस्था ध्वस्त रही।
शौचालय में संक्रमण का खतरा
बात करें स्वच्छता अभियान की तो केजीएमयू द्वारा तमाम बड़े बड़े दावे और वादे किए जाते हैं। लेकिन केजीएमयू के ट्रामा सेंटर के शौचालय के हालात ऐसे हैं कि वहां पर तीमारदार वह मरीज अपनी मल त्याग के लिए वहां पर जाएं तो वे संक्रमण के शिकार हो सकते हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि शौचालय में गंदगी इस कदर हावी है कि वहां पर पैर रखने तक की जगह नहीं है। शौचालय के हालात ऐसे हैं शौचालय मे लगे वाश बेसिन आदि की व्यवस्था पूरी तरह से खराब हो चुकी है। कहीं दरवाजे टूटे हुए हैं तो कहीं गंदगी का अंबार शौचालय में बना हुआ है। लेकिन इन सब की सुध लेने वाला कोई नहीं है।
बाइट- डॉ सुधीर सिंह, प्रवक्ता, केजीएमयू
Conclusion:एन्ड
शुभम पाण्डेय
7054605976
Body:केजीएमयू अस्पताल के ट्रामा सेंटर में गंभीर मरीजों को स्ट्रेचर और व्हीलचेयर तक नहीं मिल रहे हैं। हालात यह है कि तीमारदार अपने मरीज को पीठ पर तो कहीं गोद में लेकर इलाज के लिए अस्पताल परिसर में भटक रहे हैं। यह मामला मंगलवार का है। जब उन्नाव से आए हुए अभिभावक अपने बच्चे के नाक मैं चले गए बोल्ट को निकलाने के लिए यहां पर आए हुए थे। लेकिन इस दौरान बच्चे को उन्हें एंबुलेंस में ले जाने के लिए गोद का ही सहारा लेना पड़ा। उन्हें यहां पर स्ट्रेचर आदि की सुविधा नहीं मिल पाई हालांकि सेवाओं के तमाम वादे और दावे किए जाते हैं। लेकिन यहां पर व्यवस्था ध्वस्त रही।
शौचालय में संक्रमण का खतरा
बात करें स्वच्छता अभियान की तो केजीएमयू द्वारा तमाम बड़े बड़े दावे और वादे किए जाते हैं। लेकिन केजीएमयू के ट्रामा सेंटर के शौचालय के हालात ऐसे हैं कि वहां पर तीमारदार वह मरीज अपनी मल त्याग के लिए वहां पर जाएं तो वे संक्रमण के शिकार हो सकते हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि शौचालय में गंदगी इस कदर हावी है कि वहां पर पैर रखने तक की जगह नहीं है। शौचालय के हालात ऐसे हैं शौचालय मे लगे वाश बेसिन आदि की व्यवस्था पूरी तरह से खराब हो चुकी है। कहीं दरवाजे टूटे हुए हैं तो कहीं गंदगी का अंबार शौचालय में बना हुआ है। लेकिन इन सब की सुध लेने वाला कोई नहीं है।
बाइट- डॉ सुधीर सिंह, प्रवक्ता, केजीएमयू
Conclusion:एन्ड
शुभम पाण्डेय
7054605976