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पूर्व आईजी केपी सिंह को विहिप में मिली बड़ी जिम्मेदारी, बने काशी प्रान्त के अध्यक्ष - VHP Kashi Province in Varanasi

वाराणसी में विहिप काशी प्रांत के अध्यक्ष केपी सिंह को बनाया गया है. इससे पहले वह प्रयागराज और अयोध्या के आईजी रह चुके है.

पूर्व आईजी केपी सिंह
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Published : Jan 2, 2023, 6:03 PM IST

लखनऊ: मठ, महंतों और मंदिरों के करीबी रहे साल 2009 बैच के आईपीएस अफसर और 3 महीने पहले आईजी के पद से रिटायर हुए के पी सिंह को विश्व हिंदू परिषद (Vishwa Hindu Parishad) में बड़ी जिम्मेदारी मिली है. केपी सिंह (Former IG KP Singh) को इंदौर में हुई वीएचपी की केंद्रीय समिति की बैठक में काशी प्रान्त का प्रांतीय अध्यक्ष बनाया गया है. केपी सिंह प्रयागराज और अयोध्या के आईजी रह चुके है.

वीएचपी अवध प्रांत के अध्यक्ष भोलेंद्र ने बताया कि, अपनी 34 साल की नौकरी में 18 साल प्रयागराज में बिताने वाले पूर्व आईपीएस केपी सिंह को रविवार को मध्यप्रदेश के इंदौर में हुई इंदौर में वीएचपी की केंद्रीय समिति की बैठक में काशी प्रान्त की जिम्मेदारी दी गयी है. के पी सिंह को विश्व हिंदू परिषद और संत समाज के काफी करीबी माना जाता रहा है. मूल रूप से मिर्जापुर के रहने वाले केपी सिंह 1987 बैच के पीपीएस अफसर हैं. 2002 में वह स्टेट पुलिस से आईपीएस में प्रोन्नत हुए थे. साल 2012-13 के कुंभ में सफल भूमिका को देखते हुए 2019 के कुंभ में उन्हें ही कमान सौंपी गई. उन्होंने कुंभ का सफलतापूर्वक आयोजन कराकर तारीफें भी बटोरीं थी.

मठ-मंदिर और महंत से करीबी भी रही चर्चा में
दुनिया के सबसे बड़े धार्मिक आयोजन कुंभ की दो बार जिम्मेदारी संभाल चुके केपी सिंह का साधु-संतों और मठों से उनका लगाव सामान्य था. लेकिन बाघंबरी मठ, हनुमान मंदिर और महंत नरेंद्र गिरि से करीबी को लेकर वह खासा चर्चा में रहे है. मठ से उनकी करीबी का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि महंत की संदिग्ध हाल में मौत की सूचना भी शिष्यों और सेवादारों ने स्थानीय पुलिस से भी पहले उन्हें दी. यही नहीं नरेंद्र गिरी की मौत के मामले में हरिद्वार में गिरफ्तारी से पहले और फिर गिरफ्तारी के बाद भी आनंद गिरि ने तत्कालीन आईजी प्रयागराज केपी सिंह पर गंभीर आरोप लगाए और महंत की मौत को लेकर उनकी भूमिका पर भी सवाल उठाए थे.

2 बार कुंभ को कराया है सम्पन्न
साल 2012 में कुंभ आयोजन के दौरान केपी सिंह 9 महीने यानी 23 जून 2012 से 25 मार्च 2013 के लिए एसपी कुंभ रहे. 25 मार्च 2013 को कुंभ खत्म हुआ तो अगले ही दिन वापस केपी सिंह को पुलिस मुख्यालय इलाहाबाद में एसपी कार्मिक के पद पर तैनात कर दिया गया. वह 25 मार्च 2013 से 21 सितंबर 2015 तक यानी 2 साल 5 महीने 27 दिन तक एसपी इलाहाबाद पीएचयू रहे. केपी सिंह ने 2018-19 का कुम्भ बतौर एसएसपी और डीआईजी संपन्न कराया.


लखनऊ: मठ, महंतों और मंदिरों के करीबी रहे साल 2009 बैच के आईपीएस अफसर और 3 महीने पहले आईजी के पद से रिटायर हुए के पी सिंह को विश्व हिंदू परिषद (Vishwa Hindu Parishad) में बड़ी जिम्मेदारी मिली है. केपी सिंह (Former IG KP Singh) को इंदौर में हुई वीएचपी की केंद्रीय समिति की बैठक में काशी प्रान्त का प्रांतीय अध्यक्ष बनाया गया है. केपी सिंह प्रयागराज और अयोध्या के आईजी रह चुके है.

वीएचपी अवध प्रांत के अध्यक्ष भोलेंद्र ने बताया कि, अपनी 34 साल की नौकरी में 18 साल प्रयागराज में बिताने वाले पूर्व आईपीएस केपी सिंह को रविवार को मध्यप्रदेश के इंदौर में हुई इंदौर में वीएचपी की केंद्रीय समिति की बैठक में काशी प्रान्त की जिम्मेदारी दी गयी है. के पी सिंह को विश्व हिंदू परिषद और संत समाज के काफी करीबी माना जाता रहा है. मूल रूप से मिर्जापुर के रहने वाले केपी सिंह 1987 बैच के पीपीएस अफसर हैं. 2002 में वह स्टेट पुलिस से आईपीएस में प्रोन्नत हुए थे. साल 2012-13 के कुंभ में सफल भूमिका को देखते हुए 2019 के कुंभ में उन्हें ही कमान सौंपी गई. उन्होंने कुंभ का सफलतापूर्वक आयोजन कराकर तारीफें भी बटोरीं थी.

मठ-मंदिर और महंत से करीबी भी रही चर्चा में
दुनिया के सबसे बड़े धार्मिक आयोजन कुंभ की दो बार जिम्मेदारी संभाल चुके केपी सिंह का साधु-संतों और मठों से उनका लगाव सामान्य था. लेकिन बाघंबरी मठ, हनुमान मंदिर और महंत नरेंद्र गिरि से करीबी को लेकर वह खासा चर्चा में रहे है. मठ से उनकी करीबी का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि महंत की संदिग्ध हाल में मौत की सूचना भी शिष्यों और सेवादारों ने स्थानीय पुलिस से भी पहले उन्हें दी. यही नहीं नरेंद्र गिरी की मौत के मामले में हरिद्वार में गिरफ्तारी से पहले और फिर गिरफ्तारी के बाद भी आनंद गिरि ने तत्कालीन आईजी प्रयागराज केपी सिंह पर गंभीर आरोप लगाए और महंत की मौत को लेकर उनकी भूमिका पर भी सवाल उठाए थे.

2 बार कुंभ को कराया है सम्पन्न
साल 2012 में कुंभ आयोजन के दौरान केपी सिंह 9 महीने यानी 23 जून 2012 से 25 मार्च 2013 के लिए एसपी कुंभ रहे. 25 मार्च 2013 को कुंभ खत्म हुआ तो अगले ही दिन वापस केपी सिंह को पुलिस मुख्यालय इलाहाबाद में एसपी कार्मिक के पद पर तैनात कर दिया गया. वह 25 मार्च 2013 से 21 सितंबर 2015 तक यानी 2 साल 5 महीने 27 दिन तक एसपी इलाहाबाद पीएचयू रहे. केपी सिंह ने 2018-19 का कुम्भ बतौर एसएसपी और डीआईजी संपन्न कराया.


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