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जानिए कैसे मजदूर से गैंगस्टर बना मुकीम काला...

यूपी के चित्रकूट जिला कारागार में बदमाश मुकीम काला की गोली मारकर हत्या कर दी गई. कैराना के नजदीक जहानपुरा गांव में जन्मा महज 30 वर्ष का मुकीम काला मजदूर से कैसे गैंगस्टर बन गया, जानिए पूरी कहानी...

मुकीम काला
मुकीम काला
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Published : May 14, 2021, 3:33 PM IST

लखनऊः कैराना में हिंदुओं के कथित पलायन के जिस मुद्दे ने राष्ट्रव्यापी बहस छेड़ दी थी. इस पलायन के पीछे किसी धर्म विशेष के लोगों का हाथ न होकर कुछ अपराधी तत्वों का था, जिनकी दशहत की वजह से ही लोगों को अपना घर छोड़कर जाने को विवश होना पड़ा. स्थानीय लोगों में दहशत फैलाने वाले जिस गैंग का नाम सबसे ज्यादा चर्चा में आया, वह मुकीम काला का गैंग है. इस गैंग के सरगना का नाम मुकीम काला था. जिसकी चित्रकूट कारागार में गोली मारकर हत्या कर दी गई. आइए जानते हैं मुकीम काला और उसकी गैंग के बारे में.

19 साल की उम्र में किया था पहला अपराध
मुकीम का जन्म कैराना के ही नजदीक स्थित जहानपुरा गांव में हुआ था. मुकीम का पालन-पोषण एक गरीब परिवार में हुआ. उसके पिता जीवनयापन के लिए देसी हथियारों की स्मगलिंग करते थे. मुकीम ने पहला क्राइम 2010 में में तब किया जब वह 19 साल का था. उसने पानीपत में उसी घर के मालिक से 18 लाख रुपये लूटे थे, जहां वह मजदूर के रूप में काम करता था. हालांकि उसे इस मामले में गिरफ्तार कर लिया गया था और हरियाणा के करनाल जेल में रखा गया. यहीं से काला के गैंगस्टर बनने की शुरुआत हुई और वह अपराध की दुनिया में आगे बढ़ता चला गया.

जेल में मुस्तफा से मिलने के बाद अपराध की दुनिया में रखा कदम
करनाल जेल में काला की मुलाकात कुख्यात गैंगस्टर मुस्तफा कग्गा से हुई. काला की ठिढाई से मुस्तफा बहुत प्रभावित हुआ और उसे अपने गैंग से जोड़ लिया. जल्द ही काला मुस्तफा का दाहिना हाथ बन गया. दिसंबर 2011 में जब मुस्तफा पुलिस एनकाउंटर में मारा गया तो इस गैंग की कमान काला के हाथों में आ गई. इसके बाद तो काला ने अपराधों की झड़ी लगा दी.

हत्या, लूट, और जबरन वसूली के 61 मुकदमा पंजीकृत
काला ने अपना आतंक कैराना तक ही सीमित नहीं रखा बल्कि उसका गैंग यूपी से लेकर उत्तराखंड और हरियाणा तक आंतक मचाता रहा. काला के गैंग ने कैराना, पानीपत, करनाल, देहरादून, मुजफ्फरनगर ,सहारनपुर, मेरठ और जयपुर में भी आपराधिक घटनाओं को अंजाम दिया. काला लोगों के दिलों में अपनी दशहत भर देना चाहता था, जिसकी वजह से वह लगातार अपराध करत रहा. काला के खिलाफ शामली, देहरादून, पानीप, बागपत और अन्य जिलों में हत्या, लूट और जबरन वसूली के 61 से ज्यादा केस चल रहे हैं.

चार पुलिस वालों की हत्या का भी आरोप
मुकीम काला गैंग के आतंक के कारण कैराना में पिछले कुछ वर्षों के दौरान कई परिवार अपना घर-बार छोड़कर कहीं और जा बसे हैं. काला के ऊपर चार पुलिस वालों की भी हत्या का आरोप है. जिसमें सहारनपुर के सीओ के गनर राहुल ढाका का भी नाम शामिल है, जिन्हें रूटीन चेकिंग के दौरान काला की गाड़ी रोकने पर गोली मार दी गई थी. काला के बढ़ते आतंकों को रोकने के लिए उसे अक्टूबर 2015 में गिरफ्तार करके सहारनपुर जेल में भेज दिया गया था. हाल ही में सुरक्षा कारणों के कारण 7 मई 2021 को काला को चित्रकूट जेल में शिफ्ट किया गया था. पुलिस का दावा है कि उसने काला को अरेस्ट करके और उसके गैंग के ज्यादातर लोगों को मारकर इस गैंग को खत्म कर दिया है.

यह भी पढ़ें-चित्रकूट जेल में बदमाश मुकीम काला की गोली मारकर हत्या, दो और ढेर



पुलिस का दावा, काला गैंग खत्म
पुलिस के मुताबिक उसने इस गैंग के चार लोगों को एनकाउंटर में मार गिराया और काला समेत 25 अन्य को अरेस्ट करके जेल में डाल दिया है. लेकिन कुछ महीने पहले इस गैंग का सदस्य वजीद काला पुलिस की कस्टडी से फरार हो गया. भले ही पुलिस काला गैंग के खत्म होने का दावा कर रही हो लेकिन, स्थानीय लोगों का कहना है कि काला चित्रकूट जेल में बैठकर भी अपनी आपराधिक गतिविधियों को कंट्रोल रहा था. पिछले ही महीने सहारनपुर में एक शोरूम में हुई डकैती समेत कई अपराधों में काला का नाम आया था, जिससे लोगों को दावों की पुष्टि होती है.

लखनऊः कैराना में हिंदुओं के कथित पलायन के जिस मुद्दे ने राष्ट्रव्यापी बहस छेड़ दी थी. इस पलायन के पीछे किसी धर्म विशेष के लोगों का हाथ न होकर कुछ अपराधी तत्वों का था, जिनकी दशहत की वजह से ही लोगों को अपना घर छोड़कर जाने को विवश होना पड़ा. स्थानीय लोगों में दहशत फैलाने वाले जिस गैंग का नाम सबसे ज्यादा चर्चा में आया, वह मुकीम काला का गैंग है. इस गैंग के सरगना का नाम मुकीम काला था. जिसकी चित्रकूट कारागार में गोली मारकर हत्या कर दी गई. आइए जानते हैं मुकीम काला और उसकी गैंग के बारे में.

19 साल की उम्र में किया था पहला अपराध
मुकीम का जन्म कैराना के ही नजदीक स्थित जहानपुरा गांव में हुआ था. मुकीम का पालन-पोषण एक गरीब परिवार में हुआ. उसके पिता जीवनयापन के लिए देसी हथियारों की स्मगलिंग करते थे. मुकीम ने पहला क्राइम 2010 में में तब किया जब वह 19 साल का था. उसने पानीपत में उसी घर के मालिक से 18 लाख रुपये लूटे थे, जहां वह मजदूर के रूप में काम करता था. हालांकि उसे इस मामले में गिरफ्तार कर लिया गया था और हरियाणा के करनाल जेल में रखा गया. यहीं से काला के गैंगस्टर बनने की शुरुआत हुई और वह अपराध की दुनिया में आगे बढ़ता चला गया.

जेल में मुस्तफा से मिलने के बाद अपराध की दुनिया में रखा कदम
करनाल जेल में काला की मुलाकात कुख्यात गैंगस्टर मुस्तफा कग्गा से हुई. काला की ठिढाई से मुस्तफा बहुत प्रभावित हुआ और उसे अपने गैंग से जोड़ लिया. जल्द ही काला मुस्तफा का दाहिना हाथ बन गया. दिसंबर 2011 में जब मुस्तफा पुलिस एनकाउंटर में मारा गया तो इस गैंग की कमान काला के हाथों में आ गई. इसके बाद तो काला ने अपराधों की झड़ी लगा दी.

हत्या, लूट, और जबरन वसूली के 61 मुकदमा पंजीकृत
काला ने अपना आतंक कैराना तक ही सीमित नहीं रखा बल्कि उसका गैंग यूपी से लेकर उत्तराखंड और हरियाणा तक आंतक मचाता रहा. काला के गैंग ने कैराना, पानीपत, करनाल, देहरादून, मुजफ्फरनगर ,सहारनपुर, मेरठ और जयपुर में भी आपराधिक घटनाओं को अंजाम दिया. काला लोगों के दिलों में अपनी दशहत भर देना चाहता था, जिसकी वजह से वह लगातार अपराध करत रहा. काला के खिलाफ शामली, देहरादून, पानीप, बागपत और अन्य जिलों में हत्या, लूट और जबरन वसूली के 61 से ज्यादा केस चल रहे हैं.

चार पुलिस वालों की हत्या का भी आरोप
मुकीम काला गैंग के आतंक के कारण कैराना में पिछले कुछ वर्षों के दौरान कई परिवार अपना घर-बार छोड़कर कहीं और जा बसे हैं. काला के ऊपर चार पुलिस वालों की भी हत्या का आरोप है. जिसमें सहारनपुर के सीओ के गनर राहुल ढाका का भी नाम शामिल है, जिन्हें रूटीन चेकिंग के दौरान काला की गाड़ी रोकने पर गोली मार दी गई थी. काला के बढ़ते आतंकों को रोकने के लिए उसे अक्टूबर 2015 में गिरफ्तार करके सहारनपुर जेल में भेज दिया गया था. हाल ही में सुरक्षा कारणों के कारण 7 मई 2021 को काला को चित्रकूट जेल में शिफ्ट किया गया था. पुलिस का दावा है कि उसने काला को अरेस्ट करके और उसके गैंग के ज्यादातर लोगों को मारकर इस गैंग को खत्म कर दिया है.

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पुलिस का दावा, काला गैंग खत्म
पुलिस के मुताबिक उसने इस गैंग के चार लोगों को एनकाउंटर में मार गिराया और काला समेत 25 अन्य को अरेस्ट करके जेल में डाल दिया है. लेकिन कुछ महीने पहले इस गैंग का सदस्य वजीद काला पुलिस की कस्टडी से फरार हो गया. भले ही पुलिस काला गैंग के खत्म होने का दावा कर रही हो लेकिन, स्थानीय लोगों का कहना है कि काला चित्रकूट जेल में बैठकर भी अपनी आपराधिक गतिविधियों को कंट्रोल रहा था. पिछले ही महीने सहारनपुर में एक शोरूम में हुई डकैती समेत कई अपराधों में काला का नाम आया था, जिससे लोगों को दावों की पुष्टि होती है.

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