लखनऊ: ईटीवी भारत से बातचीत में प्रवक्ता और मुस्लिम धर्मगुरु मौलाना सुफियान निजामी ने बताया कि दिनभर भूखा प्यासा रहने से एक शख्स के शरीर में कई जरूरी चीजों की मात्रा कम हो जाती है. इससे कुछ कमजोरी भी महसूस होती है. वहीं खजूर में भरपूर मात्रा में प्रोटीन और विटामिन पाया जाता है. इस वजह से खजूर से रोजा खोलने का यह साइंटिफिक कारण है.
उन्होंने इसका एक और कारण भी बताया. उन्होंने कहना था कि हदीस में कहा गया है कि अगर रोजा खोला जाए तो खजूर से खोला जाए और अगर किसी शख्स के पास खजूर न हो तो वह छुआरे से रोजा खोले. वहीं अगर छुआरा भी न हो तो वह पानी से रोजा खोले. हदीस हमे इस्लामिक हुक्म पर अमल करने की इजाजत देती है.
सुफियान निजामी ने बताया कि पैगम्बर मोहम्मद साहब ने खुद अपनी जिंदगी में यह बात बयान की थी कि जब इफ्तार किया जाए तो वह खजूर से किया जाए और जब खजूर न मौजूद हो तब दूसरी चीजों से रोजा खोला जाय.
मौलाना सुफियान निजामी ने आगे बताया कि खजूर की पौष्टिकता पर अगर गौर किया जाए तो उसमें इम्यून सिस्टम को बेहतर करने के साथ आयरन और कैल्शियम की बड़ी मात्रा होती है. जिसके चलते दिन भर भूखा-प्यासा रहने के बाद जब खजूर से रोजा खोला जाता है तब तमाम चीजों की कमी दूर हो जाती है.