लखनऊ : भाई दूज का पर्व भाई-बहन के स्नेह, त्याग और समर्पण का प्रतीक है. इस दिन भाई-बहन अपने प्यार भरे रिश्ते को और प्रगाढ़ करते हैं. इस दिन बहनें अपने भाई की लंबी उम्र और उनकी समृद्धि की कामना करती हैं. भाई स्नेह का त्योहार भाई दूज 16 नवंबर को मनाया जायेगा, इसे यम द्वितीया भी कहते हैं. यह दिवाली के बाद कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को मनाया जाता है. इसका सम्बन्ध मृत्यु के देवता यम और उनकी बहन यमुना से है. इसी दिन चित्रगुप्त पूजा भी की जाती है.
विहित कार्य
धार्मिक ग्रन्थों के अनुसार इस तिथि में यमुना में स्नान, यम पूजन और बहन के घर भाई को भोजन करना बताया गया है. भाई को एक पाट पर बैठाकर तिलक करें. इसके साथ भाई की लंबी आयु, आरोग्य और सुखी जीवन की कामना करें. भाई की आरती उतारें और भोजन करवाएं.
शुभ मुहूर्त
इस दिन द्वितीया तिथि की हानि है. पंडितों के मुताबिक 2020 के लिए शुभ मुहूर्त 16 नवंबर को यम द्वितीया (भाई दूज) मनाना शुभ होगा. भारतीय नक्षत्रवाणी पंचाग के अनुसार इस दिन प्रातः 07:07 मिनट से शाम 05:15 मिनट, सूर्यास्त तक त्योहार मना सकते हैं. पंडित डाॅ एसडी मिश्रा भी बताते हैं कि जिस तिथि की महत्ता होती है, उसे मना लेना चाहिए.
पौराणिक आख्यान
यम और यमुना भगवान सूर्य की संतान हैं. दोनों भाई-बहनों में अत्यधिक प्रेम था. परन्तु यमराज यमलोक में इतने व्यस्त थे कि वह अपनी बहन के घर नहीं जा पाते थे. एक दिन यमुना भाई के घर पहुंची. बहन को आया देख कर यम बहुत प्रसन्न हुए. यम बोले, बहन बहुत प्रसन्न हूं, जो वरदान मांगना हो मांग लो. तब यमुना ने कहा, कि आज के दिन जो मुझमें स्नान करे, उसे यमलोक न जाना पड़े. यम ने कहा, ऐसा ही होगा. उस दिन कार्तिक शुक्ल द्वितीया थी. इसलिए इस तिथि में यमुना में स्नान का विशेष महत्व है.