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योगी सरकार में घटा है क्राइम, महिला अपराध में 15वें स्थान पर है उत्तर प्रदेश

उत्तर प्रदेश में लगातार हो रही आपराधिक घटनाओं के बाद विपक्षी दल सरकार को घेरने में लगे हैं. वहीं वर्ष 2018 में एनसीआरबी के आंकड़ों की स्टडी करने के बाद योगी सरकार ने एक आंकड़ा जारी किया है, जिसके मुताबिक जनसंख्या के आधार पर यूपी में अपराध नियंत्रण में है.

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Published : Aug 26, 2020, 3:26 PM IST

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डीजीपी

लखनऊः उत्तर प्रदेश में लगातार आपराधिक घटनाएं चर्चा का केंद्र बनी हुई हैं. तमाम प्रयासों के बावजूद लगातार आपराधिक घटनाएं देखने को मिल रही हैं. सोमवार को उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों में 6 हत्या की घटनाएं सामने आईं, जिसके बाद विपक्षी राजनीतिक दल लगातार योगी आदित्यनाथ की सरकार को निशाना बना रहे हैं. वर्ष 2018 के राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के आंकड़ों के तहत भी उत्तर प्रदेश अपराध के मामले में आगे रहा है. ऐसे में योगी आदित्यनाथ की सरकार की ओर से जनसंख्या के आधार पर एक स्टडी की गई है, जिसमें बताया गया है कि जनसंख्या के आधार पर अगर आंकड़ों पर ध्यान दें तो उत्तर प्रदेश में अपराध नियंत्रण में है. वहीं वर्ष 2018 में तमाम अपराधों के मामले में योगी आदित्यनाथ की सरकार ने प्रभावी कार्रवाई की है.

स्टडी में बताया गया है वर्ष 2018 में एनसीआरबी के आंकड़ों के अनुसार, पूरे देश में 31 लाख 32 हजार 954 आईपीसी के तहत मामले दर्ज किए गए हैं, जिनमें से 3 लाख 42 हजार 355 मामले उत्तर प्रदेश में दर्ज किए गए हैं. उत्तर प्रदेश में दर्ज आपराधिक मामले देश में 10.92% हैं, जबकि उत्तर प्रदेश की आबादी देश का 16.85% है. इस हिसाब से अगर एनसीआरबी के आंकड़ों का अध्ययन करें तो डकैती के मामले में उत्तर प्रदेश का क्राइम रेट 0.1 यानी कि देश में उत्तर प्रदेश का 31वां स्थान है.

  • स्टडी के आधार पर लूट के मामले में उत्तर प्रदेश का क्राइम रेट 1.4 है. देश में लूट के मामले में उत्तर प्रदेश का 20वां स्थान है.
  • हत्या के मामले में उत्तर प्रदेश का क्राइम रेट 1.8 है. वहीं देश में हत्या के मामले में उत्तर प्रदेश का 26वां स्थान है.
  • हत्या के प्रयास के मामले में उत्तर प्रदेश का क्राइम रेट 2.2 है. वहीं हत्या के प्रयास में उत्तर प्रदेश का 21वां स्थान है.
  • नकबजनी( चोरी) का क्राइम रेट उत्तर प्रदेश में 3.7 है. इस हिसाब से नकबजनी में उत्तर प्रदेश का 32वां स्थान है.
  • बलात्कार के मामले में उत्तर प्रदेश का क्राइम रेट 3.7 है. देश में बलात्कार के मामले में उत्तर प्रदेश 24वें स्थान पर है.
  • पॉस्को अधिनियम के तहत उत्तर प्रदेश में क्राइम रेट 6.1 है. वहीं देश मेंं उत्तर प्रदेश का 23वां स्थान है.
  • महिला संबंधित अपराध में उत्तर प्रदेश का क्राइम रेट 55.7 है. इस हिसाब से महिला अपराध के मामले में उत्तर प्रदेश का देश में 15वां स्थान है.


इन विभिन्न अपराधों के योग का आकलन करें तो उत्तर प्रदेश में क्राइम रेट 153.5 है. इस हिसाब से उत्तर प्रदेश की आपराधिक स्थिति 24वें स्थान पर है. वर्ष 2018 में की गई प्रभावी कार्रवाई की बात करें तो महिला अपराध, साइबर अपराध, शस्त्रों के जब्तीकरण, जाली मुद्रा के जब्तीकरण के मामले में उत्तर प्रदेश पहले स्थान पर रहा है. उत्तर प्रदेश सरकार की स्टडी के आंकड़ों की बात करें तो महिला संबंधित अपराधों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए 2,11,046 लोगों पर दोष सिद्ध किए गए हैं. वहीं साइबर अपराधों में 445 लोगों पर दोष सिद्ध किए गए.

वर्ष 2018 में उत्तर प्रदेश में 34,105 शस्त्रों का जब्तीकरण किया गया. जाली मुद्रा की जब्तीकरण को लेकर 237 कार्यवाही की गई हैं. वहीं वर्ष 2018 में गिरफ्तारी के मामले में उत्तर प्रदेश दूसरे स्थान पर रहा है. वर्ष 2018 में 4 लाख 14 हजार 112 गिरफ्तारियां की गईं. संपत्ति की बरामदगी के मामले में उत्तर प्रदेश छठे स्थान पर रहा है. वर्ष 2018 में 94.1 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की गई.

लखनऊः उत्तर प्रदेश में लगातार आपराधिक घटनाएं चर्चा का केंद्र बनी हुई हैं. तमाम प्रयासों के बावजूद लगातार आपराधिक घटनाएं देखने को मिल रही हैं. सोमवार को उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों में 6 हत्या की घटनाएं सामने आईं, जिसके बाद विपक्षी राजनीतिक दल लगातार योगी आदित्यनाथ की सरकार को निशाना बना रहे हैं. वर्ष 2018 के राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के आंकड़ों के तहत भी उत्तर प्रदेश अपराध के मामले में आगे रहा है. ऐसे में योगी आदित्यनाथ की सरकार की ओर से जनसंख्या के आधार पर एक स्टडी की गई है, जिसमें बताया गया है कि जनसंख्या के आधार पर अगर आंकड़ों पर ध्यान दें तो उत्तर प्रदेश में अपराध नियंत्रण में है. वहीं वर्ष 2018 में तमाम अपराधों के मामले में योगी आदित्यनाथ की सरकार ने प्रभावी कार्रवाई की है.

स्टडी में बताया गया है वर्ष 2018 में एनसीआरबी के आंकड़ों के अनुसार, पूरे देश में 31 लाख 32 हजार 954 आईपीसी के तहत मामले दर्ज किए गए हैं, जिनमें से 3 लाख 42 हजार 355 मामले उत्तर प्रदेश में दर्ज किए गए हैं. उत्तर प्रदेश में दर्ज आपराधिक मामले देश में 10.92% हैं, जबकि उत्तर प्रदेश की आबादी देश का 16.85% है. इस हिसाब से अगर एनसीआरबी के आंकड़ों का अध्ययन करें तो डकैती के मामले में उत्तर प्रदेश का क्राइम रेट 0.1 यानी कि देश में उत्तर प्रदेश का 31वां स्थान है.

  • स्टडी के आधार पर लूट के मामले में उत्तर प्रदेश का क्राइम रेट 1.4 है. देश में लूट के मामले में उत्तर प्रदेश का 20वां स्थान है.
  • हत्या के मामले में उत्तर प्रदेश का क्राइम रेट 1.8 है. वहीं देश में हत्या के मामले में उत्तर प्रदेश का 26वां स्थान है.
  • हत्या के प्रयास के मामले में उत्तर प्रदेश का क्राइम रेट 2.2 है. वहीं हत्या के प्रयास में उत्तर प्रदेश का 21वां स्थान है.
  • नकबजनी( चोरी) का क्राइम रेट उत्तर प्रदेश में 3.7 है. इस हिसाब से नकबजनी में उत्तर प्रदेश का 32वां स्थान है.
  • बलात्कार के मामले में उत्तर प्रदेश का क्राइम रेट 3.7 है. देश में बलात्कार के मामले में उत्तर प्रदेश 24वें स्थान पर है.
  • पॉस्को अधिनियम के तहत उत्तर प्रदेश में क्राइम रेट 6.1 है. वहीं देश मेंं उत्तर प्रदेश का 23वां स्थान है.
  • महिला संबंधित अपराध में उत्तर प्रदेश का क्राइम रेट 55.7 है. इस हिसाब से महिला अपराध के मामले में उत्तर प्रदेश का देश में 15वां स्थान है.


इन विभिन्न अपराधों के योग का आकलन करें तो उत्तर प्रदेश में क्राइम रेट 153.5 है. इस हिसाब से उत्तर प्रदेश की आपराधिक स्थिति 24वें स्थान पर है. वर्ष 2018 में की गई प्रभावी कार्रवाई की बात करें तो महिला अपराध, साइबर अपराध, शस्त्रों के जब्तीकरण, जाली मुद्रा के जब्तीकरण के मामले में उत्तर प्रदेश पहले स्थान पर रहा है. उत्तर प्रदेश सरकार की स्टडी के आंकड़ों की बात करें तो महिला संबंधित अपराधों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए 2,11,046 लोगों पर दोष सिद्ध किए गए हैं. वहीं साइबर अपराधों में 445 लोगों पर दोष सिद्ध किए गए.

वर्ष 2018 में उत्तर प्रदेश में 34,105 शस्त्रों का जब्तीकरण किया गया. जाली मुद्रा की जब्तीकरण को लेकर 237 कार्यवाही की गई हैं. वहीं वर्ष 2018 में गिरफ्तारी के मामले में उत्तर प्रदेश दूसरे स्थान पर रहा है. वर्ष 2018 में 4 लाख 14 हजार 112 गिरफ्तारियां की गईं. संपत्ति की बरामदगी के मामले में उत्तर प्रदेश छठे स्थान पर रहा है. वर्ष 2018 में 94.1 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की गई.

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