लखनऊ: लखनऊ की पुरानी रवायत दास्तान गोई की बानगी में 4 मार्च को किस्सा झांसी की रानी' के रूप में देखने को मिला. गोमती नगर स्थित जयपुरिया इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट के सभागार ये किस्सा गोई का कार्यक्रम हुआ.इसका आयोजन सोशल रिस्पांसिबिलिटी कमेटी की ओर से किया गया. कार्यक्रम का आयोजन महिला दिवस के उपलक्ष्य में हुआ.
श्रोता बोले खूब लड़ी मर्दानी, वो तो झांसी वाली रानी थी
किस्सा गोई करने वाले किस्सेकार हिमांशु बाजपेयी और प्रज्ञा शर्मा ने रानी लक्ष्मीबाई और अंग्रेजों के बीच हुए युद्ध के दृश्य को श्रोताओं के सामने इस तरह से चित्रांकित कि जैसे सामने ही उन्होंने युद्ध देखा हो. श्रोता भी 'किस्सा झांसी की रानी' में इस कदर डूब गए कि जब रानी शहीद हो जाती है, और रानी की मौत पर उनके सिपहसालार फूट-फूट कर रोते हैं. हर श्रोता की आंखे नम हो जाती है और हर एक के मुख से निकल पड़ता है ' खूब लड़ी मर्दानी, वो तो झांसी वाली रानी थी.
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