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स्मार्ट खेती की ओर बढ़ रहे किसान, इस फल ने खींचा सबका ध्यान - kinna fruit is beneficial for health

लखनऊ के मलिहाबाद क्षेत्र के जागरूक किसान स्मार्ट खेती की तरफ आकर्षित हो रहे हैं. किसान अलग-अलग प्रकार की खेती को अपनाकर आमदनी को बढ़ाने के लिए निरंतर प्रयासरत हैं. आम, अमरूद और लीची के बाद अब किन्नू की खेती किसानों को काफी पसंद आ रही है.

kinnow cultivation in lucknow
स्मार्ट खेती की तरफ बढ़ रहे किसान
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Published : Dec 1, 2020, 6:13 PM IST

लखनऊः मलिहाबाद क्षेत्र के जागरूक किसान स्मार्ट खेती की तरफ आकर्षित हो रहे हैं. किसान अलग-अलग प्रकार की खेती को अपनाकर आमदनी को बढ़ाने के लिए निरंतर प्रयासरत हैं. आम, अमरूद और लीची के बाद अब किन्नू की खेती किसानों को काफी पसंद आ रही है.

किसानों की पहली पसंद बन रही किन्नू की खेती
किन्नू की बागवानी वैसे तो पूरे भारत में सफलतापूर्वक की जाती है. लेकिन देश में सबसे ज्यादा किन्नू की खेती पंजाब में की जाती है. जिसके बाद यह राजस्थान, हिमाचल प्रदेश, मध्यप्रदेश, उत्तर प्रदेश में किन्नू की अच्छी खेती होती है.

वैज्ञानिक दृष्टि से काफी महत्वपूर्ण है किन्नू की खेती
किन्नू फल में मैग्नीशियम भरपूर मात्रा मे होता है. जो हमारे हाई और लो दोनों तरह के ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करता है. डेली डाइट में किन्नू को शामिल करने पर शरीर को भरपूर एनर्जी मिलती है.
किन्नू स्वाद और सूरत में संतरे की तरह ही दिखने वाला फल है. इसमें विटामिन सी के अलावा विटामिन ए, बी और खनिज तत्व अच्छी तरह से पाये जाते है.

हड्डियों को मजबूत करता है किन्नू का रस

किन्नू का रस खून बढ़ाने के साथ हड्डियों को भी मजबूत करता है. इसके अलावा पाचन के लिए भी लाभकारी होता है. इसमें खटास और मिठास का अच्छा संतुलन होता है. इस फल का छिलका न तो संतरे की तरह बहुत ढीला, ना ही माल्टा की तरह बहुत ही सख्त होता है. किन्नू को खाने से शरीर में आयरन की कमी नहीं होती है.

किन्नू के पेड़ में बहुत जल्द लगते हैं फल
नर्सरी लगाने वाली समूह की महिला नई बस्ती निवासी उर्मिला मौर्या बताती है कि उन्होंने अपनी नर्सरी में पहले सजावटी पेड़ पौधे लगाए थे. जो सीजनल होते थे. लेकिन अब पिछले कुछ सालों से फलदार पेड़ भी नर्सरी में लगाया जा रहा है. जिसमें मौसमी, संतरा, किन्नू लगाए गये हैं. उर्मिला ने बताया कुछ दिनों पहले ही किन्नू के पेड़ लगाए थे, जो कि लगाने के 3 साल बाद ही फल देने लगे. और इसकी फलंत भी बहुत अच्छी है. तीन साल का छोटा से पेड़, फलों से लदा है. यह फल देखने में जितना सुंदर है, उतना ही सेहत के लिए भी फायदेमंद है.

मलिहाबाद में किन्नू का बागवानी
केंद्रीय उपोषण बगवानी संस्थान के डॉ एस के शुक्ल ने बताया कि किन्नू सेहत के लिए तो बहुत ही अच्छा फल है. यह फल गर्म स्थानों पर अच्छी पैदावार देता है. किन्नू बुंदेलखंड इलाके का खास फल है. लेकिन अब मलिहाबाद के किसान भी किन्नू की खेती करने लगे हैं. यहां पर किन्नू को उपयुक्त मौसम न मिलने के कारण यह फल पूरी तरह से पक नहीं पाता. किन्नू फल जनवरी महीने में टूटने के लिए तैयार हो जाता है. डॉ. शुक्ल ने बताया कि अगर किन्नू के फलों को उपयुक्त मौसम मिल जाए और तो यहां भी किन्नू की भरपूर मात्रा मे पैदावार हो सकती है. यही नहीं किन्नू का फल आम,अमरूद के बाद बहुत उपयुक्त फल साबित हो सकता है.

लखनऊः मलिहाबाद क्षेत्र के जागरूक किसान स्मार्ट खेती की तरफ आकर्षित हो रहे हैं. किसान अलग-अलग प्रकार की खेती को अपनाकर आमदनी को बढ़ाने के लिए निरंतर प्रयासरत हैं. आम, अमरूद और लीची के बाद अब किन्नू की खेती किसानों को काफी पसंद आ रही है.

किसानों की पहली पसंद बन रही किन्नू की खेती
किन्नू की बागवानी वैसे तो पूरे भारत में सफलतापूर्वक की जाती है. लेकिन देश में सबसे ज्यादा किन्नू की खेती पंजाब में की जाती है. जिसके बाद यह राजस्थान, हिमाचल प्रदेश, मध्यप्रदेश, उत्तर प्रदेश में किन्नू की अच्छी खेती होती है.

वैज्ञानिक दृष्टि से काफी महत्वपूर्ण है किन्नू की खेती
किन्नू फल में मैग्नीशियम भरपूर मात्रा मे होता है. जो हमारे हाई और लो दोनों तरह के ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करता है. डेली डाइट में किन्नू को शामिल करने पर शरीर को भरपूर एनर्जी मिलती है.
किन्नू स्वाद और सूरत में संतरे की तरह ही दिखने वाला फल है. इसमें विटामिन सी के अलावा विटामिन ए, बी और खनिज तत्व अच्छी तरह से पाये जाते है.

हड्डियों को मजबूत करता है किन्नू का रस

किन्नू का रस खून बढ़ाने के साथ हड्डियों को भी मजबूत करता है. इसके अलावा पाचन के लिए भी लाभकारी होता है. इसमें खटास और मिठास का अच्छा संतुलन होता है. इस फल का छिलका न तो संतरे की तरह बहुत ढीला, ना ही माल्टा की तरह बहुत ही सख्त होता है. किन्नू को खाने से शरीर में आयरन की कमी नहीं होती है.

किन्नू के पेड़ में बहुत जल्द लगते हैं फल
नर्सरी लगाने वाली समूह की महिला नई बस्ती निवासी उर्मिला मौर्या बताती है कि उन्होंने अपनी नर्सरी में पहले सजावटी पेड़ पौधे लगाए थे. जो सीजनल होते थे. लेकिन अब पिछले कुछ सालों से फलदार पेड़ भी नर्सरी में लगाया जा रहा है. जिसमें मौसमी, संतरा, किन्नू लगाए गये हैं. उर्मिला ने बताया कुछ दिनों पहले ही किन्नू के पेड़ लगाए थे, जो कि लगाने के 3 साल बाद ही फल देने लगे. और इसकी फलंत भी बहुत अच्छी है. तीन साल का छोटा से पेड़, फलों से लदा है. यह फल देखने में जितना सुंदर है, उतना ही सेहत के लिए भी फायदेमंद है.

मलिहाबाद में किन्नू का बागवानी
केंद्रीय उपोषण बगवानी संस्थान के डॉ एस के शुक्ल ने बताया कि किन्नू सेहत के लिए तो बहुत ही अच्छा फल है. यह फल गर्म स्थानों पर अच्छी पैदावार देता है. किन्नू बुंदेलखंड इलाके का खास फल है. लेकिन अब मलिहाबाद के किसान भी किन्नू की खेती करने लगे हैं. यहां पर किन्नू को उपयुक्त मौसम न मिलने के कारण यह फल पूरी तरह से पक नहीं पाता. किन्नू फल जनवरी महीने में टूटने के लिए तैयार हो जाता है. डॉ. शुक्ल ने बताया कि अगर किन्नू के फलों को उपयुक्त मौसम मिल जाए और तो यहां भी किन्नू की भरपूर मात्रा मे पैदावार हो सकती है. यही नहीं किन्नू का फल आम,अमरूद के बाद बहुत उपयुक्त फल साबित हो सकता है.

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