लखनऊ: ब्लड एंड ट्रांसफ्यूजन मेडिसिन विभाग ने केजीएमयू में कार्यरत 2000 डॉक्टर और कर्मचारियों में एंटीबॉडी की जांच कराई है. इसमें 1400 पुरुष और 600 महिला हेल्थ वर्कर शामिल हुई हैं. जिसमें वैक्सीन की पहली और दूसरी डोज लगा चुके हेल्थ वर्कर शामिल रहे. इस स्टडी में पाया गया कि 95.71 पुरुष हेल्थ वर्कर में कोरोना एंटीबॉडी पाई गई हैं, वहीं 76.67 फीसदी महिला हेल्थ वर्कर में एंटीबॉडी मिली हैं.
90 फीसद में एंटीबॉडी मिली
विभागाध्यक्ष डॉ. तूलिका चन्द्रा के मुताबिक खून की जांच से एंटीबॉडी का पता लगाया गया है. संस्थान में 90 फीसद हेल्थ वर्कर में एंटीबॉडी पाई गई हैं. सिर्फ 10 प्रतिशत लोगों में एंटीबॉडी नहीं बनी हैं. सर्वे में शामिल 200 हेल्थ वर्कर में एंटीबॉडी नहीं पाईं गई. इसमें 140 महिलाएं और 60 पुरुष हैं. वहीं 1800 में 1340 में पुरुष और 460 महिला हेल्थ वर्कर में एंटीबॉडी मिली हैं. डॉ. तूलिका चन्द्रा के मुताबिक कोरोना की तीसरी लहर का खतरा बना हुआ है. एंटीबॉडी न बनना चिंता का विषय है.
सप्ताह में दूसरी बार कोरोना का नया मरीज नहीं
राजधानी में कोरोना का प्रकोप धीरे-धीरे कम हो रहा है. सप्ताह में दूसरी बार कोरोना का कोई नया मरीज सामने नहीं आया है. शहर में 11 मार्च 2020 को कोरोना का पहला मरीज सामने आया था. पहले छह मई 2020 को कोरोना का मरीज नहीं मिला था. इसके बाद सोमवार को नया मरीज नहीं मिला था. बुधवार को भी कोरोना का कोई नया मरीज सामने नहीं आया है. वहीं अब स्कूलों में भी जल्द ही वैक्सीन के कैम्प लगेंगे ताकि संक्रमण को काबू में रखा जा सके.