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KGMU Lucknow News : 80 फीसदी कैंसर पीड़ित इलाज के बाद जी सकते हैं सामान्य जिंदगी

किंग जार्ज मेडिकल विश्वविद्यालय (KGMU Lucknow News) में कैंसर से पीड़ितों के इलाज के समुचित संशाधन और चिकित्सक है. केजीएमयू रेडियोथेरेपी विभाग के अध्यक्ष डॉ. एमएलबी भट्ट के अनुसार शुरुआती स्टेज के 80 फीसदी कैंसर पीड़ित ठीक हो जाते हैं. दूसरे और तीसरे स्टेज में भी स्वस्थ होने की संभावना रहती है. ऐसे में जरूरी है कि कैंसर के लक्षण दिखाई देते ही इलाज शुरू कर देना चाहिए.

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Published : Feb 4, 2023, 11:36 AM IST

लखनऊ : किंग जार्ज मेडिकल विश्वविद्यालय (केजीएमयू) रेडियोथेरेपी विभाग के अध्यक्ष डॉ. एमएलबी भट्ट ने बताया कि शुरुआती स्टेज का कैंसर का इलाज आसान होता है. इलाज से बीमारी पूरी तरह से काबू पाई जा सकती है. 80 फीसदी मरीज इलाज पूरा होने के बाद सामान्य जीवन जी सकते हैं. दूसरी स्टेज के 50 फीसदी मरीज इलाज से ठीक हो जाते हैं. तीसरी व चौथी स्टेज के मरीज 30 फीसदी ही ठीक हो पाते हैं.

केजीएमयू दंत संकाय के डॉ. हरीराम ने बताया कि मुंह का कैंसर तेजी से बढ़ रहा है. तम्बाकू बीमारी की अहम वजह है. पहले दंत संकाय की ओपीडी में दो से तीन मरीज प्रत्येक ओपीडी में आते थे. अब यह संख्या बढ़कर पांच से छह हो गई है. समय पर इलाज से मर्ज पर काफी हद तक काबू पाया जा सकता है. हरी पत्तेदार सब्जियां खाएं. फलों का अधिक से अधिक सेवन करें.

कल्याण सिंह कैंसर संस्थान में रेडियोथेरेपी विभाग के अध्यक्ष डॉ. शरद सिंह ने बताया कि आधुनिक जीवनशैली से कैंसर बढ़ रहा है. कैंसर से बचने के लिए फास्ट फूड से तौबा करें. मैदा से बनी वस्तुओं के सेवन से परहेज करें. शरीर में किसी भी प्रकार की गांठ या रक्तस्राव होने पर डॉक्टर की सलाह लें. लंबे समय तक आ रहे बुखार को भी नजरअंदाज न करें. कैंसर संस्थान के डॉ. प्रमोद गुप्ता ने बताया कि कैंसर के मरीज झाड़-फूंक के फेर में न फंसें, समय पर इलाज कराएं. इलाज में देरी से मर्ज गंभीर हो जाता है. ऐसे में इलाज कठिन हो जाता है. कैंसर संस्थान में आधुनिक मशीनों से मरीजों को इलाज मुहैया कराया जा रहा है.

लखनऊ : किंग जार्ज मेडिकल विश्वविद्यालय (केजीएमयू) रेडियोथेरेपी विभाग के अध्यक्ष डॉ. एमएलबी भट्ट ने बताया कि शुरुआती स्टेज का कैंसर का इलाज आसान होता है. इलाज से बीमारी पूरी तरह से काबू पाई जा सकती है. 80 फीसदी मरीज इलाज पूरा होने के बाद सामान्य जीवन जी सकते हैं. दूसरी स्टेज के 50 फीसदी मरीज इलाज से ठीक हो जाते हैं. तीसरी व चौथी स्टेज के मरीज 30 फीसदी ही ठीक हो पाते हैं.

केजीएमयू दंत संकाय के डॉ. हरीराम ने बताया कि मुंह का कैंसर तेजी से बढ़ रहा है. तम्बाकू बीमारी की अहम वजह है. पहले दंत संकाय की ओपीडी में दो से तीन मरीज प्रत्येक ओपीडी में आते थे. अब यह संख्या बढ़कर पांच से छह हो गई है. समय पर इलाज से मर्ज पर काफी हद तक काबू पाया जा सकता है. हरी पत्तेदार सब्जियां खाएं. फलों का अधिक से अधिक सेवन करें.

कल्याण सिंह कैंसर संस्थान में रेडियोथेरेपी विभाग के अध्यक्ष डॉ. शरद सिंह ने बताया कि आधुनिक जीवनशैली से कैंसर बढ़ रहा है. कैंसर से बचने के लिए फास्ट फूड से तौबा करें. मैदा से बनी वस्तुओं के सेवन से परहेज करें. शरीर में किसी भी प्रकार की गांठ या रक्तस्राव होने पर डॉक्टर की सलाह लें. लंबे समय तक आ रहे बुखार को भी नजरअंदाज न करें. कैंसर संस्थान के डॉ. प्रमोद गुप्ता ने बताया कि कैंसर के मरीज झाड़-फूंक के फेर में न फंसें, समय पर इलाज कराएं. इलाज में देरी से मर्ज गंभीर हो जाता है. ऐसे में इलाज कठिन हो जाता है. कैंसर संस्थान में आधुनिक मशीनों से मरीजों को इलाज मुहैया कराया जा रहा है.

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