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गांव को 'टीबी मुक्त' बनाएंगे केजीएमयू के डॉक्टर

प्रधानमंत्री का टीबी मुक्त भारत का सपना यूपी साकार करेगा. देश में सबसे बड़ी आबादी वाले सूबे में बीमारी के सफाये के लिए राज्यपाल खास पहल कर रही हैं.

गांव को 'टीबी मुक्त' बनाएंगे केजीएमयू के डॉक्टर
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Published : Mar 23, 2021, 6:20 PM IST

Updated : Mar 23, 2021, 10:53 PM IST

लखनऊः पीएम मोदी के 'टीबी मुक्त भारत' का सपना यूपी साकार करेगा. देश के सबसे बड़ी आबादी वाले सूबे में बीमारी के सफाये के लिये राज्यपाल खास पहल कर रही हैं. इसी क्रम में केजीएमयू के पल्मोनरी एंड क्रिटिकल केयर मेडिसिन विभाग ने गांव को गोद लेकर उसे टीबी मुक्त बनाने का फैसला किया है.

गांव को 'टीबी मुक्त' बनाएंगे केजीएमयू के डॉक्टर

'24 मार्च को टीबी दिवस'

24 मार्च को टीबी दिवस है. ऐसे में राज्यपाल की अपील पर पल्मोनरी एंड क्रिटिकल केयर मेडिसिन विभाग ने उत्तर धौना गांव को गोद लिया है, और इसे टीबी मुक्त बनाने का फैसला लिया है.

'टीबी मुक्त भारत'
'टीबी मुक्त भारत'

'टीबी मुक्त बनाने के लिये तैयार प्लान'

राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने 19 मार्च को केजीएमयू में हर डॉक्टर से टीबी पीड़ित बच्चों को गोद लेने की अपील की थी. ऐसे में पल्मोनरी एंड क्रिटिकल केयर मेडिसिन के विभाध्यक्ष डॉक्टर वेद प्रकाश ने पूरा गांव गोद लेने का फैसला किया है. विश्व क्षय रोग दिवस के उपलक्ष्य पर चिनहट के 10 हजार आबादी वाले उत्तर धौना गांव को गोद लिया. इसके लिये कुलपति लेफ्टिनेंट जनरल डॉक्टर विपिन पुरी और गांव के प्रधान ने सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किये. डॉक्टर वेद प्रकाश के मुताबिक गांव में घर-घर सर्वे किया जायेगा. इसमें टीबी के संदिग्ध मरीजों को पहचान कर उनकी जांच करवायी जायेगी. इसके बाद उनका इलाज शुरू कर बीमारी से छुटकारा दिलाया जायेगा. विभाग के डॉक्टरों ने गांव को टीबी मुक्त बनाने के लिये प्लान तैयार कर लिया है.

बच्चों को दवा के साथ पोषण

डॉक्टर वेद प्रकाश के मुताबिक 25 टीबी पीड़ित बच्चों को भी गोद लिया गया. इनको मुफ्त दवा उपलब्ध कराई जाएगी. वो समय पर दवा का सेवन करते रहें, इसकी मॉनिटरिंग की जाएगी. वहीं बच्चों में बीमारी से लड़ने की क्षमता विकसित करने के लिए पोषण आहार दिया जायेगा.

कोविड से ज्यादा टीबी से मौत

विभाग में व्याख्यान का भी आयोजन किया गया. इस दौरान डॉक्टर वेद प्रकाश ने कहा कि टीबी से कोविड से भी ज्यादा मौतें हो रही हैं. कोविड से देश में साल भर में दो लाख से कम मौतें हुईं. वहीं हर साल साढ़े तीन से चार लाख लोगों की टीबी जान ले रही है.

टीबी के घट रहे मरीज, मगर लड़ाई लंबी

केजीएमयू के रेस्परेटरी विभाग के पूर्व अध्यक्ष डॉक्टर राजेन्द्र प्रसाद के मुताबिक टीबी के प्रति जागरूकता आई है. बीमारी का नोटिफिकेशन भी बढ़ा है. ऐसे में साल 2015 में जहां प्रति लाख 217 मरीज थे. वहीं एक लाख टीबी के मरीज में 44 की मौत हो जाती थी. अब डब्लूएचओ की रिपोर्ट थोड़ा राहत दे रही है. देश में टीबी की 2019 की रिपोर्ट 2020 में डब्लूएचओ ने जारी की. इसमें प्रति लाख 193 टीबी मरीज पाए गए. वहीं प्रति लाख 20-22 मरीजों की मौत हुयी है.

समय पर जांच, इलाज जरूरी

रिटायर्ड ले. जनरल डॉक्टर बीएनबीएम प्रसाद के मुताबिक टीबी मरीजों की समय पर जांच हो. इसके साथ ही मरीजों का सम्पूर्ण इलाज सुनिश्चित हो. तमाम मरीज बीच में ही दवा छोड़ रहे हैं. ऐसे में ड्रग रेजिस्टेंस के मामले बढ़ रहे हैं. देश में करीब एक करोड़ 20 लाख एमडीआर टीबी के मरीज हैं.

लखनऊः पीएम मोदी के 'टीबी मुक्त भारत' का सपना यूपी साकार करेगा. देश के सबसे बड़ी आबादी वाले सूबे में बीमारी के सफाये के लिये राज्यपाल खास पहल कर रही हैं. इसी क्रम में केजीएमयू के पल्मोनरी एंड क्रिटिकल केयर मेडिसिन विभाग ने गांव को गोद लेकर उसे टीबी मुक्त बनाने का फैसला किया है.

गांव को 'टीबी मुक्त' बनाएंगे केजीएमयू के डॉक्टर

'24 मार्च को टीबी दिवस'

24 मार्च को टीबी दिवस है. ऐसे में राज्यपाल की अपील पर पल्मोनरी एंड क्रिटिकल केयर मेडिसिन विभाग ने उत्तर धौना गांव को गोद लिया है, और इसे टीबी मुक्त बनाने का फैसला लिया है.

'टीबी मुक्त भारत'
'टीबी मुक्त भारत'

'टीबी मुक्त बनाने के लिये तैयार प्लान'

राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने 19 मार्च को केजीएमयू में हर डॉक्टर से टीबी पीड़ित बच्चों को गोद लेने की अपील की थी. ऐसे में पल्मोनरी एंड क्रिटिकल केयर मेडिसिन के विभाध्यक्ष डॉक्टर वेद प्रकाश ने पूरा गांव गोद लेने का फैसला किया है. विश्व क्षय रोग दिवस के उपलक्ष्य पर चिनहट के 10 हजार आबादी वाले उत्तर धौना गांव को गोद लिया. इसके लिये कुलपति लेफ्टिनेंट जनरल डॉक्टर विपिन पुरी और गांव के प्रधान ने सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किये. डॉक्टर वेद प्रकाश के मुताबिक गांव में घर-घर सर्वे किया जायेगा. इसमें टीबी के संदिग्ध मरीजों को पहचान कर उनकी जांच करवायी जायेगी. इसके बाद उनका इलाज शुरू कर बीमारी से छुटकारा दिलाया जायेगा. विभाग के डॉक्टरों ने गांव को टीबी मुक्त बनाने के लिये प्लान तैयार कर लिया है.

बच्चों को दवा के साथ पोषण

डॉक्टर वेद प्रकाश के मुताबिक 25 टीबी पीड़ित बच्चों को भी गोद लिया गया. इनको मुफ्त दवा उपलब्ध कराई जाएगी. वो समय पर दवा का सेवन करते रहें, इसकी मॉनिटरिंग की जाएगी. वहीं बच्चों में बीमारी से लड़ने की क्षमता विकसित करने के लिए पोषण आहार दिया जायेगा.

कोविड से ज्यादा टीबी से मौत

विभाग में व्याख्यान का भी आयोजन किया गया. इस दौरान डॉक्टर वेद प्रकाश ने कहा कि टीबी से कोविड से भी ज्यादा मौतें हो रही हैं. कोविड से देश में साल भर में दो लाख से कम मौतें हुईं. वहीं हर साल साढ़े तीन से चार लाख लोगों की टीबी जान ले रही है.

टीबी के घट रहे मरीज, मगर लड़ाई लंबी

केजीएमयू के रेस्परेटरी विभाग के पूर्व अध्यक्ष डॉक्टर राजेन्द्र प्रसाद के मुताबिक टीबी के प्रति जागरूकता आई है. बीमारी का नोटिफिकेशन भी बढ़ा है. ऐसे में साल 2015 में जहां प्रति लाख 217 मरीज थे. वहीं एक लाख टीबी के मरीज में 44 की मौत हो जाती थी. अब डब्लूएचओ की रिपोर्ट थोड़ा राहत दे रही है. देश में टीबी की 2019 की रिपोर्ट 2020 में डब्लूएचओ ने जारी की. इसमें प्रति लाख 193 टीबी मरीज पाए गए. वहीं प्रति लाख 20-22 मरीजों की मौत हुयी है.

समय पर जांच, इलाज जरूरी

रिटायर्ड ले. जनरल डॉक्टर बीएनबीएम प्रसाद के मुताबिक टीबी मरीजों की समय पर जांच हो. इसके साथ ही मरीजों का सम्पूर्ण इलाज सुनिश्चित हो. तमाम मरीज बीच में ही दवा छोड़ रहे हैं. ऐसे में ड्रग रेजिस्टेंस के मामले बढ़ रहे हैं. देश में करीब एक करोड़ 20 लाख एमडीआर टीबी के मरीज हैं.

Last Updated : Mar 23, 2021, 10:53 PM IST
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