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केजीएमयू में डेंटल विभाग के डीन डॉ. अनिल चंद्रा की कोरोना से मौत - केजीएमयू के डेंटल विभाग के डीन

राजधानी लखनऊ में कोरोना वायरस से किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी के डेंटल विभाग में डीन डॉ. अनिल चंद्रा की मौत हो गई. कोरोना वायरस से पीड़ित डॉक्टर चंद्रा को पिछले कुछ दिनों से बुखार आ रहा था, जिसकी वजह से शनिवार को उनकी मौत हो गई.

केजीएमयू के डेंटल विभाग के डीन की कोरोना से मौत
केजीएमयू के डेंटल विभाग के डीन की कोरोना से मौत
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Published : Apr 24, 2021, 10:37 PM IST

लखनऊ: कोरोना वायरस राजधानी लखनऊ में बहुत तेजी से बढ़ रहा है. राजधानी से रोजाना हजारों की संख्या में मरीज मिल रहे हैं तो वहीं सैकड़ों की तादाद में मौत भी हो रही है. शनिवार को किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी के डेंटल विभाग में डीन डॉ. अनिल चंद्रा की भी कोरोना से मौत हो गई, जिसके बाद अस्पताल प्रशासन में मातम छा गया.

सन् 1993 से शुरू हुआ था सफर

डॉ. अनिल चंद्रा ने सन् 1993 में केजीएमयू से बीडीएस की पढ़ाई की थी. 1987 में उन्होंने एमडीएस की उपाधि भी केजीएमयू से ही ली थी. जिसके बाद उन्हें केजीएमयू के डेंटल विभाग में असिस्टेंट प्रोफेसर के तौर पर नियुक्ति मिली थी. इसके बाद वह केजीएमयू के डेंटल विभाग में असिस्टेंट प्रोफेसर के तौर पर नियुक्त हुए. कड़ी मेहनत के बाद वह सन् 1999 से 2019 तक केजीएमयू के डेंटल विभाग में एक प्रोफेसर के तौर पर नियुक्त हुए. इनके कंधों पर डेंटल विभाग की तमाम जिम्मेदारी थी. इसके बाद इन्होंने साल 2019 से मौजूदा समय तक केजीएमयू के डेंटल विभाग में डीन के पद की जिम्मेदारियों को भली-भांति संभाला.

केजीएमयू प्रशासन में शोक
डॉक्टर अनिल चंद्रा की मौत के बाद पूरे अस्पताल प्रशासन में शोक की लहर छा गई. उन्होंने पढ़ाई से लेकर नौकरी तक काफी समय केजीएमयू में बिताया. कोरोना वायरस से पीड़ित डॉक्टर चंद्रा को पिछले कुछ दिनों से बुखार आ रहा था. जिसकी वजह से शनिवार को उनकी मौत हो गई.

इसे भी पढ़ें- यूपी में कोरोना वायरस के म्यूटेशन का खतरा, लखनऊ से पुणे भेजे गए सैंपल

लखनऊ: कोरोना वायरस राजधानी लखनऊ में बहुत तेजी से बढ़ रहा है. राजधानी से रोजाना हजारों की संख्या में मरीज मिल रहे हैं तो वहीं सैकड़ों की तादाद में मौत भी हो रही है. शनिवार को किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी के डेंटल विभाग में डीन डॉ. अनिल चंद्रा की भी कोरोना से मौत हो गई, जिसके बाद अस्पताल प्रशासन में मातम छा गया.

सन् 1993 से शुरू हुआ था सफर

डॉ. अनिल चंद्रा ने सन् 1993 में केजीएमयू से बीडीएस की पढ़ाई की थी. 1987 में उन्होंने एमडीएस की उपाधि भी केजीएमयू से ही ली थी. जिसके बाद उन्हें केजीएमयू के डेंटल विभाग में असिस्टेंट प्रोफेसर के तौर पर नियुक्ति मिली थी. इसके बाद वह केजीएमयू के डेंटल विभाग में असिस्टेंट प्रोफेसर के तौर पर नियुक्त हुए. कड़ी मेहनत के बाद वह सन् 1999 से 2019 तक केजीएमयू के डेंटल विभाग में एक प्रोफेसर के तौर पर नियुक्त हुए. इनके कंधों पर डेंटल विभाग की तमाम जिम्मेदारी थी. इसके बाद इन्होंने साल 2019 से मौजूदा समय तक केजीएमयू के डेंटल विभाग में डीन के पद की जिम्मेदारियों को भली-भांति संभाला.

केजीएमयू प्रशासन में शोक
डॉक्टर अनिल चंद्रा की मौत के बाद पूरे अस्पताल प्रशासन में शोक की लहर छा गई. उन्होंने पढ़ाई से लेकर नौकरी तक काफी समय केजीएमयू में बिताया. कोरोना वायरस से पीड़ित डॉक्टर चंद्रा को पिछले कुछ दिनों से बुखार आ रहा था. जिसकी वजह से शनिवार को उनकी मौत हो गई.

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