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ईटीवी भारत को डिप्टी CM ने बताया, किस तरह काम करती है 'योगी की टीम-11' - interview of deputy cm keshav prasad maurya

उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने ईटीवी भारत के साथ खास बातचीत की. इस दौरान उन्होंने सभी सवालों का बेबाकी से जवाब दिया. जब उनसे योगी की टीम-11 के बारे में सवाल पूछा तो इसका भी उन्होंने विस्तार से जानकारी दी.

उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य की ईटीवी भारत के साथ खास बातचीत.
उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य की ईटीवी भारत के साथ खास बातचीत.
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Published : May 8, 2020, 4:14 PM IST

लखनऊ: सूबे के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने ईटीवी भारत से खास बातचीत की. इस दौरान उन्होंने सीएम योगी की टीम-11 के बारे में विस्तार से जानकारी दी.

उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य की ईटीवी भारत के साथ खास बातचीत.

क्या है 'योगी की टीम-11'
टीम-11 के बारे में बातचीत करते हुए डिप्टी सीएम ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में प्रदेश सरकार ने अपना कार्यक्रम आगे बढ़ाने का काम किया है. गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में प्रधानमंत्री का काफी अनुभव रहा है. उत्तर प्रदेश में भी सीएम योगी ने टीम-11 के नाम से वरिष्ठ अफसरों की एक टीम बनाई है, जो दिन भर की सम्पूर्ण गतिविधियों पर नजर रखकर प्रतिदिन सुबह बैठती है और रिपोर्ट तैयार करती है. बीच-बीच में मंत्रिपरिषद के साथ भी बैठकर परामर्श करना और परामर्श करके जो आवश्यक निर्णय है, वह लेने का काम करती है.

डिप्टी सीएम ने कहा कि राजस्व कैसे बढ़े, कैसे स्वास्थ्य सुविधाओं में सुधार हो, निवेश कैसे बढ़े, इसके लिए ऐसी अलग-अलग टीमें और मंत्रिसमूह का भी गठन किया गया है. उसके द्वारा भी काम किया जा रहा है. सरकार अलग-अलग क्षेत्रों में बहुत ही योग्य ढंग से काम कर रही है.

टीम-11 से क्या गतिशीलता बनी है...इससे क्या लोगों तक मैसेज पहुंचाने में स्पीड बढ़ी है, इस पर उपमुख्यमंत्री ने कहा कि देखिए सरकारी तंत्र भी है, संगठन तंत्र भी है और समाज में भी एक अलग-अलग प्रकार से काम करने वालों का तंत्र है, सभी मिलकर काम कर रहे हैं. इस समय केवल सरकार काम नहीं कर रही है.

श्रमिकों को रोकने के लिए दिल्ली सरकार ने नहीं किया उचित प्रयास: केशव प्रसाद मौर्य

उन्होंने कहा कि तीसरी बात मैं कहूं तो जो समाजसेवी संगठन हैं, स्वयंसेवी संगठन हैं, व्यापारिक संगठन हैं, धार्मिक संगठन हैं, वे सभी अपने-अपने तरीके से योगदान दे रहे हैं. जिले के अंदर भी नोडल अधिकारी बैठे हैं और वहां की जो रिपोर्ट होती है, उसे संग्रह कर प्रदेश में लाना और प्रदेश के माध्यम से प्रतिदिन उसकी रिपोर्ट मीडिया के साथ भी साझा की जाती है. रिपोर्ट को शेयर कर आगे की योजना बनाने का काम किया जाता है.

'श्रमिक हैं पहली प्राथमिकता'
ईटीवी भारत के साथ बातचीत में उपमुख्यमंत्री ने बताया कि इस समय जो सबसे बड़ी चुनौती है, वह बाहर के राज्यों से जो भारी संख्या में श्रमिक भाई-बहन आ रहे हैं, उनको लाना, उनके क्वारंटाइन करने की व्यवस्था करना और उनके रोजगार की व्यवस्था करना है. यह हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता में से एक है और इस समय सरकार की सारी मशीनरी इसी काम पर लगी हुई है.

लखनऊ: सूबे के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने ईटीवी भारत से खास बातचीत की. इस दौरान उन्होंने सीएम योगी की टीम-11 के बारे में विस्तार से जानकारी दी.

उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य की ईटीवी भारत के साथ खास बातचीत.

क्या है 'योगी की टीम-11'
टीम-11 के बारे में बातचीत करते हुए डिप्टी सीएम ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में प्रदेश सरकार ने अपना कार्यक्रम आगे बढ़ाने का काम किया है. गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में प्रधानमंत्री का काफी अनुभव रहा है. उत्तर प्रदेश में भी सीएम योगी ने टीम-11 के नाम से वरिष्ठ अफसरों की एक टीम बनाई है, जो दिन भर की सम्पूर्ण गतिविधियों पर नजर रखकर प्रतिदिन सुबह बैठती है और रिपोर्ट तैयार करती है. बीच-बीच में मंत्रिपरिषद के साथ भी बैठकर परामर्श करना और परामर्श करके जो आवश्यक निर्णय है, वह लेने का काम करती है.

डिप्टी सीएम ने कहा कि राजस्व कैसे बढ़े, कैसे स्वास्थ्य सुविधाओं में सुधार हो, निवेश कैसे बढ़े, इसके लिए ऐसी अलग-अलग टीमें और मंत्रिसमूह का भी गठन किया गया है. उसके द्वारा भी काम किया जा रहा है. सरकार अलग-अलग क्षेत्रों में बहुत ही योग्य ढंग से काम कर रही है.

टीम-11 से क्या गतिशीलता बनी है...इससे क्या लोगों तक मैसेज पहुंचाने में स्पीड बढ़ी है, इस पर उपमुख्यमंत्री ने कहा कि देखिए सरकारी तंत्र भी है, संगठन तंत्र भी है और समाज में भी एक अलग-अलग प्रकार से काम करने वालों का तंत्र है, सभी मिलकर काम कर रहे हैं. इस समय केवल सरकार काम नहीं कर रही है.

श्रमिकों को रोकने के लिए दिल्ली सरकार ने नहीं किया उचित प्रयास: केशव प्रसाद मौर्य

उन्होंने कहा कि तीसरी बात मैं कहूं तो जो समाजसेवी संगठन हैं, स्वयंसेवी संगठन हैं, व्यापारिक संगठन हैं, धार्मिक संगठन हैं, वे सभी अपने-अपने तरीके से योगदान दे रहे हैं. जिले के अंदर भी नोडल अधिकारी बैठे हैं और वहां की जो रिपोर्ट होती है, उसे संग्रह कर प्रदेश में लाना और प्रदेश के माध्यम से प्रतिदिन उसकी रिपोर्ट मीडिया के साथ भी साझा की जाती है. रिपोर्ट को शेयर कर आगे की योजना बनाने का काम किया जाता है.

'श्रमिक हैं पहली प्राथमिकता'
ईटीवी भारत के साथ बातचीत में उपमुख्यमंत्री ने बताया कि इस समय जो सबसे बड़ी चुनौती है, वह बाहर के राज्यों से जो भारी संख्या में श्रमिक भाई-बहन आ रहे हैं, उनको लाना, उनके क्वारंटाइन करने की व्यवस्था करना और उनके रोजगार की व्यवस्था करना है. यह हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता में से एक है और इस समय सरकार की सारी मशीनरी इसी काम पर लगी हुई है.

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