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केस्को फर्स्ट डिवीजन में पास, मध्यांचल और दक्षिणांचल साबित हुए फिसड्डी - मध्यांचल और दक्षिणांचल साबित हुए फिसड्डी

रूरल इलेक्ट्रिफिकेशन कॉर्पोरेशन लिमिटेड (आरईसी) ने बुधवार को वर्ष 2020-21 के लिए पहली बार देश के 70 डिस्कॉम के 30 करोड़ विद्युत उपभोक्ताओं की कंज्यूमर सर्विस रेटिंग पार्ट-बी जारी कर दी. इस रेटिंग को तीन भागों सामान्य, शहरी और विशेष श्रेणी में बांटा है. आरईसी की इस रेटिंग में केस्को फर्स्ट डिवीजन पास हुआ है, जबकि दक्षिणांचल और मध्यांचल फिसड्डी साबित हुए.

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Published : Nov 10, 2022, 9:46 AM IST

लखनऊ : रूरल इलेक्ट्रिफिकेशन कॉर्पोरेशन लिमिटेड (आरईसी) ने बुधवार को वर्ष 2020-21 के लिए पहली बार देश के 70 डिस्कॉम के 30 करोड़ विद्युत उपभोक्ताओं की कंज्यूमर सर्विस रेटिंग पार्ट-बी जारी कर दी. इस रेटिंग को तीन भागों सामान्य, शहरी और विशेष श्रेणी में बांटा है. आरईसी की इस रेटिंग में केस्को फर्स्ट डिवीजन पास हुआ है, जबकि दक्षिणांचल और मध्यांचल फिसड्डी साबित हुए. मध्यांचल और दक्षिणांचल सबसे निचले पायदान डी श्रेणी में शामिल हैं, जबकि केस्को ए ग्रेड में शामिल है.


आरईसी की तरफ से जारी रेटिंग में पूरे देश के सभी राज्यों में उपभोक्ताओं को मिलने वाली सभी सेवाओं विद्युत आपूर्ति हो, विद्युत कनेक्शन देने का मामला हो, बिलिंग, मीटर, टैरिफ कैटेगरी, ट्रांसफार्मर फेल होने सहित उपभोक्ताओं से संबंधित सभी समस्याओं का निस्तारण शामिल है. आरईसी की तरफ से एक मानक तय करके उस पर 100 मार्क के आधार पर अलग-अलग श्रेणी में ग्रेडिंग किए जाने का प्रावधान किया गया. शहरी क्षेत्र के बिजली डिस्कॉम के तहत देश की राजधानी दिल्ली के बाद उत्तर प्रदेश के कानपुर की केस्को कंपनी को ‘ए‘ ग्रेड मिला है.

उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद (Uttar Pradesh State Electricity Consumer Council) के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा कहते हैं कि मध्यांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड कंपनी सबसे निचले पायदान पर ‘डी‘ ग्रेड में है. उसके बाद दक्षिणांचल विद्युत वितरण कंपनी भी ‘डी‘ ग्रेड में है जबकि पश्चिमांचल व पूर्वांचल कंपनी भी ‘सी‘ ग्रेड पाने में ही सफल हो पाई हैं. इस रेटिंग से साबित होता है कि प्रदेश की बिजली कंपनियों का ध्यान उपभोक्ता सेवाओं पर है ही नहीं.

यह भी पढ़ें : मलिहाबाद सीएचसी में टेलीमेडिसिन की सुविधा शुरू, मरीजों को घर बैठे मिलेगी विशेषज्ञ डॉक्टरों की सलाह

लखनऊ : रूरल इलेक्ट्रिफिकेशन कॉर्पोरेशन लिमिटेड (आरईसी) ने बुधवार को वर्ष 2020-21 के लिए पहली बार देश के 70 डिस्कॉम के 30 करोड़ विद्युत उपभोक्ताओं की कंज्यूमर सर्विस रेटिंग पार्ट-बी जारी कर दी. इस रेटिंग को तीन भागों सामान्य, शहरी और विशेष श्रेणी में बांटा है. आरईसी की इस रेटिंग में केस्को फर्स्ट डिवीजन पास हुआ है, जबकि दक्षिणांचल और मध्यांचल फिसड्डी साबित हुए. मध्यांचल और दक्षिणांचल सबसे निचले पायदान डी श्रेणी में शामिल हैं, जबकि केस्को ए ग्रेड में शामिल है.


आरईसी की तरफ से जारी रेटिंग में पूरे देश के सभी राज्यों में उपभोक्ताओं को मिलने वाली सभी सेवाओं विद्युत आपूर्ति हो, विद्युत कनेक्शन देने का मामला हो, बिलिंग, मीटर, टैरिफ कैटेगरी, ट्रांसफार्मर फेल होने सहित उपभोक्ताओं से संबंधित सभी समस्याओं का निस्तारण शामिल है. आरईसी की तरफ से एक मानक तय करके उस पर 100 मार्क के आधार पर अलग-अलग श्रेणी में ग्रेडिंग किए जाने का प्रावधान किया गया. शहरी क्षेत्र के बिजली डिस्कॉम के तहत देश की राजधानी दिल्ली के बाद उत्तर प्रदेश के कानपुर की केस्को कंपनी को ‘ए‘ ग्रेड मिला है.

उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद (Uttar Pradesh State Electricity Consumer Council) के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा कहते हैं कि मध्यांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड कंपनी सबसे निचले पायदान पर ‘डी‘ ग्रेड में है. उसके बाद दक्षिणांचल विद्युत वितरण कंपनी भी ‘डी‘ ग्रेड में है जबकि पश्चिमांचल व पूर्वांचल कंपनी भी ‘सी‘ ग्रेड पाने में ही सफल हो पाई हैं. इस रेटिंग से साबित होता है कि प्रदेश की बिजली कंपनियों का ध्यान उपभोक्ता सेवाओं पर है ही नहीं.

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