लखनऊ : राजधानी अपनी संस्कृति और परंपराओं के लिए देश भर में जाना जाता है, इन्हीं परंपराओं का हिस्सा है कार्तिक का मेला. लखनऊ में नवंबर महीने में पिछले कई वर्षों से कार्तिक के मेले का आयोजन (Katki fair in Lucknow) किया जाता है. इस मेले को कतकी का मेला भी कहा जाता है. कोरोना महामारी के चलते लगाए गए लॉकडाउन की वजह से इस मेले में रुकावट आई थी, लेकिन अब एक बार फिर से इस मेले का आगाज होने जा रहा है. नगर निगम ने इस मेले के लिए टेंडर प्रक्रिया को पूरा कर लिया है. गोमती नदी के किनारे हनुमान सेतु के पास मेला सजाया जा रहा है. इस बार यह मेला 13 नवंबर से शुरू हो रहा है जो 45 दिनों तक जारी रहेगा.
राजधानी में आयोजित होने वाला यह मेला लोगों के बीच में काफी प्रसिद्ध है और बड़ी संख्या में लोग यहां पर खरीदारी करने पहुंचते हैं. जहां एक ओर सस्ती दरों पर सामान मिलने की वजह से महिलाओं के बीच में यह मेला लोकप्रिय है तो वहीं दूसरी ओर इस बार मेले में कई प्रकार के झूले लगाए गए हैं. जिनका लुत्फ उठाया जा सकता है. आयोजक राहुल ने बताते हैं कि इस बार कई आधुनिक झूलों को मेले में लगाया जा रहा है, जो लोगों को काफी पसंद आएंगे. साथ ही बड़ी संख्या में मेले में दुकानों को सजाया गया है, जहां पर लोग सस्ती कीमत पर किचन का सामान खरीद सकेंगे.
लखनऊ की परंपरा में शामिल कतकी के मेले में बिकने वाले किचन का सामान काफी सस्ता मिलता है, जो चीनी मिट्टी के बने होते हैं. मेले में मिलने वाला सामान काफी फेमस है. यह माना जाता है कि यहां पर काफी सस्ती दरों पर सामान मिल जाता है. इसलिए बड़ी संख्या में महिलाएं इस मेले में खरीदारी करने के लिए पहुंचती हैं. खास बात यह है कि इस मेले में गंगा जमुनी तहजीब देखने को मिलती है. हिंदू समाज की महिलाओं के साथ बड़ी संख्या में मुस्लिम समाज की महिलाएं भी मेले में खरीदारी करने के लिए आती हैं.
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