लखनऊ: हिंदी कथा साहित्य पर केंद्रित प्रतिष्ठित आयोजन कथाक्रम का 28वां कार्यक्रम रविवार (13 दिसंबर) को कैफी आजमी सभागार में संपन्न हुआ है. प्रोग्राम में वरिष्ठ कथाकार और पत्रकार नवीन जोशी को आनंद सागर स्मृति कथाक्रम सम्मान से पुरस्कृत किया है. यह सम्मान हर साल एक कथाकार को प्रतिष्ठित सम्मान दिया जाता है. इस प्रतिष्ठित सम्मान में 15000 रुपये, स्मृति चि से नवीन जोशी को सम्मान स्वरूप भेंट किया गया है.
आनंद सागर के नाम पर दिया जाता है यह पुरस्कार
उपन्यासकार और कथा लेखन में अपनी छाप छोड़ने वाले आनंद सागर की याद में यह सम्मान उनके पुत्र शैलेंद्र सागर की तरफ से चयनित कथाकार को भेंट किया जाता है. शुरुआती दौर में आनंद सागर की याद में संगोष्ठी का आयोजन किया जाता था. पहली संगोष्ठी सन 1990 में की गई थी. उसके बाद सन 1997 से आनंद सागर स्मृति कथाक्रम सम्मान पुरस्कार भी दिए जाने लगा. इस पुरस्कार में चयनित कथा लेखन सम्मानित कवि को 15 हजार नगद आनंद सागर स्मृति चिन्ह से सम्मान पूर्वक भेंट किया जाता है.
यह है उपन्यासकार आनंद सागर की संक्षिप्त कहानी
आनंद सागर का जन्म जनपद मेरठ में सन 1930 में हुआ था. आनंद सागर का लेखन 22 साल की उम्र से ही उनके जीवन में जुड़ गया था. आनंद सागर ने पहला उपन्यास वाजिद अली शाह लिखा हिंदी में इतिहास को कथा में रूपांतरित करके एक बड़े सत्य को प्रस्तुत करने की परंपरा रही है. आनंद सागर ने अपनी पहली रचनात्मकता और आख्यान की समृद्ध परंपरा हासिल की थी. आनंद सागर का 38 साल की अल्पायु में ही दिल का दौरा पड़ जाने की वजह से उनका निधन हो गया था.
इस मौके पर मुख्य अतिथि प्रोफेसर बिसारिया, सुभाष राय सहित तमाम साहित्य प्रेमी मौजूद रहे. इसी के साथ तमाम कवियों ने स्वर्गीय आनंद सागर के बारे में व्याख्यान दिया, तो वहीं पुरस्कार से सम्मानित कथा लेखक नवीन जोशी के बारे में बहुचर्चित जानकारियां भी दी.