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Viral Fever In Patients : वायरल फीवर के बाद मरीजों में जोड़ों में दर्द की समस्या, जानिए कब मिलेगा आराम - वायरल फीवर

राजधानी में इन दिनों वायरल बुखार से पीड़ित (Viral Fever In Patients) मरीज बढ़े हैं. वायरल बुखार आने के बाद मरीजों में जोड़ों व हड्डियों में दर्द की समस्या काफी देखी जा रही है. इसको लेकर चिकित्सकों ने जानकारी दी.

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Published : Jan 30, 2023, 8:07 PM IST

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लखनऊ : वायरल बुखार से पीड़ित मरीज हड्डियों के दर्द से परेशान हैं. ज्यादातर मरीजों को घुटने व पैर की एड़ी में सूजन होकर दर्द बना हुआ है. दरअसल, डॉक्टरों का कहना है कि 'जिस वक्त वायरल बुखार फैला था उस समय तमाम संचारी बीमारी एक साथ हो गई थीं. जिसके बाद सर्दियों में मरीजों को हड्डियों में दर्द की समस्या होने लगी.' डॉक्टरों का कहना है कि 'अस्पताल आने की जरूरत नहीं है, मार्च तक खुद-ब-खुद आप ठीक हो जाएंगे.'

सिविल अस्पताल के वरिष्ठ परामर्शदाता फिजीशियन डॉ. एससी मौर्या ने बताया कि 'अस्पताल की ओपीडी में इस समय 50 फ़ीसदी मरीज वायरल बुखार से पीड़ित आ रहे हैं.' उन्होंने बताया कि 'मौजूदा समय में जोड़ों से परेशान मरीज अस्पताल में अधिक आ रहे हैं. लगभग सभी मरीजों में एक ही लक्षण देखने को मिल रहे हैं. सभी के जोड़ों में सूजन के साथ दर्द बना है. ऐसा इसलिए भी है क्योंकि वायरल बुखार इस बार काफी इफेक्टिव रहा है.' उन्होंने कहा कि 'सर्दियों का मौसम जाते ही मरीजों को जोड़ों के दर्द से छुटकारा मिलेगा.' डॉक्टर ने बताया कि 'मार्च का महीना काफी हेल्थी मौसम माना जाता है और इस मौसम में कोई भी मौसमीय बीमारी नहीं होती है. सर्दी से गर्मी की तरफ मौसम रुख करता है और इस मौसम को सबसे अच्छा माना जाता है. अभी जिन लोगों को जोड़ों में समस्या है या हड्डियों में सूजन हो रही है यह तमाम दिक्कत परेशानी मार्च तक समाप्त हो जाएंगी.'



उन्होंने कहा कि 'सर्दियों के मौसम में पुराने दर्द भी उभर आते हैं, वहीं लोग भी लापरवाही करते हैं कि खाना खाते हैं रजाई में बैठ जाते हैं, सुबह उठने में लेट लतीफी करते हैं, एक्सरसाइज-योगा से दूर-दराज तक नाता नहीं रखते हैं, खान-पान का भी यही हाल रहता है. दैनिक दिनचर्या बुरी तरह से प्रभावित रहती है. यही कारण है कि लोगों को तमाम दिक्कतें परेशानी होने लगती है, वहीं ठंडक कम होते ही मौसम गर्म होता है और मौसम शरीर के तापमान के अनुकूल रहेगा, उस समय लोग बाहर की तरफ भागते हैं. एक्सरसाइज, योगा, खानपान सब चीजें समय के अनुसार करते हैं. उस समय एक दैनिक दिनचर्या अच्छी रहती है, जिस वजह से नॉर्मल मौसम में लोग स्वस्थ रहते हैं.'

उन्होंने बताया कि 'सिर्फ ओपीडी में रोजाना 150 से 250 के बीच में मरीज आते हैं. सिविल अस्पताल में चार फिजिशियन डॉक्टरों की ओपीडी चलती है, सभी को जोड़ते हुए 1000 से अधिक मरीज सिर्फ फिजिशियन डॉक्टर को दिखाने के लिए इस समय आ रहे हैं. इस समय मरीजों की इम्युनिटी सिस्टम पहले की तरह मजबूत नहीं है, यही कारण है कि वायरल बुखार काफी ज्यादा असर मरीज के शरीर पर डाल रहा है. कोरोना वायरस ने पहले ही मरीजों के शरीर को तोड़ रखा है और अब यह वायरल भी काफी ज्यादा भयानक है और इसका असर भी काफी ज्यादा हो रहा है. सभी मरीजों में एक जैसे लक्षण हैं, वहीं जो मरीज डायबिटीज, गैस या फिर किसी अन्य बीमारी से पीड़ित हैं और उनको वायरल बुखार पकड़ रहा है तो उनके सीने में दर्द हो रहा है. साथ ही सांस लेने में भी समस्या हो रही है, ऐसे मरीजों की संख्या ओपीडी में अधिक है.

यह भी पढ़ें : Gorakhnath Temple Attack : कौन है मुर्तजा, जिसके खौफनाक इरादों ने सुरक्षा एजेंसियों की उड़ाई थी नींद

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लखनऊ : वायरल बुखार से पीड़ित मरीज हड्डियों के दर्द से परेशान हैं. ज्यादातर मरीजों को घुटने व पैर की एड़ी में सूजन होकर दर्द बना हुआ है. दरअसल, डॉक्टरों का कहना है कि 'जिस वक्त वायरल बुखार फैला था उस समय तमाम संचारी बीमारी एक साथ हो गई थीं. जिसके बाद सर्दियों में मरीजों को हड्डियों में दर्द की समस्या होने लगी.' डॉक्टरों का कहना है कि 'अस्पताल आने की जरूरत नहीं है, मार्च तक खुद-ब-खुद आप ठीक हो जाएंगे.'

सिविल अस्पताल के वरिष्ठ परामर्शदाता फिजीशियन डॉ. एससी मौर्या ने बताया कि 'अस्पताल की ओपीडी में इस समय 50 फ़ीसदी मरीज वायरल बुखार से पीड़ित आ रहे हैं.' उन्होंने बताया कि 'मौजूदा समय में जोड़ों से परेशान मरीज अस्पताल में अधिक आ रहे हैं. लगभग सभी मरीजों में एक ही लक्षण देखने को मिल रहे हैं. सभी के जोड़ों में सूजन के साथ दर्द बना है. ऐसा इसलिए भी है क्योंकि वायरल बुखार इस बार काफी इफेक्टिव रहा है.' उन्होंने कहा कि 'सर्दियों का मौसम जाते ही मरीजों को जोड़ों के दर्द से छुटकारा मिलेगा.' डॉक्टर ने बताया कि 'मार्च का महीना काफी हेल्थी मौसम माना जाता है और इस मौसम में कोई भी मौसमीय बीमारी नहीं होती है. सर्दी से गर्मी की तरफ मौसम रुख करता है और इस मौसम को सबसे अच्छा माना जाता है. अभी जिन लोगों को जोड़ों में समस्या है या हड्डियों में सूजन हो रही है यह तमाम दिक्कत परेशानी मार्च तक समाप्त हो जाएंगी.'



उन्होंने कहा कि 'सर्दियों के मौसम में पुराने दर्द भी उभर आते हैं, वहीं लोग भी लापरवाही करते हैं कि खाना खाते हैं रजाई में बैठ जाते हैं, सुबह उठने में लेट लतीफी करते हैं, एक्सरसाइज-योगा से दूर-दराज तक नाता नहीं रखते हैं, खान-पान का भी यही हाल रहता है. दैनिक दिनचर्या बुरी तरह से प्रभावित रहती है. यही कारण है कि लोगों को तमाम दिक्कतें परेशानी होने लगती है, वहीं ठंडक कम होते ही मौसम गर्म होता है और मौसम शरीर के तापमान के अनुकूल रहेगा, उस समय लोग बाहर की तरफ भागते हैं. एक्सरसाइज, योगा, खानपान सब चीजें समय के अनुसार करते हैं. उस समय एक दैनिक दिनचर्या अच्छी रहती है, जिस वजह से नॉर्मल मौसम में लोग स्वस्थ रहते हैं.'

उन्होंने बताया कि 'सिर्फ ओपीडी में रोजाना 150 से 250 के बीच में मरीज आते हैं. सिविल अस्पताल में चार फिजिशियन डॉक्टरों की ओपीडी चलती है, सभी को जोड़ते हुए 1000 से अधिक मरीज सिर्फ फिजिशियन डॉक्टर को दिखाने के लिए इस समय आ रहे हैं. इस समय मरीजों की इम्युनिटी सिस्टम पहले की तरह मजबूत नहीं है, यही कारण है कि वायरल बुखार काफी ज्यादा असर मरीज के शरीर पर डाल रहा है. कोरोना वायरस ने पहले ही मरीजों के शरीर को तोड़ रखा है और अब यह वायरल भी काफी ज्यादा भयानक है और इसका असर भी काफी ज्यादा हो रहा है. सभी मरीजों में एक जैसे लक्षण हैं, वहीं जो मरीज डायबिटीज, गैस या फिर किसी अन्य बीमारी से पीड़ित हैं और उनको वायरल बुखार पकड़ रहा है तो उनके सीने में दर्द हो रहा है. साथ ही सांस लेने में भी समस्या हो रही है, ऐसे मरीजों की संख्या ओपीडी में अधिक है.

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