लखनऊ: उत्तर प्रदेश के लघु एवं सूक्ष्म उद्योग मंत्री और सरकार के प्रवक्ता सिद्धार्थ नाथ सिंह ने मंगलवार को पत्रकारों से बातचीत में कहा कि कोई कितना भी जोर लगा ले. अयोध्या में राम मंदिर बन रहा है और बनता रहेगा. यहां किसी और निर्माण की बात करना बेमानी है. जेएनयू में एक छात्र संगठन की ओर से विवादित ढांचे के पुनर्निर्माण की मांग उठाने और राम मंदिर निर्माण को गलत बताने के सवाल पर सिद्धार्थ नाथ सिंह ने यह जवाब दिया.
भारतीय जनता पार्टी प्रदेश मुख्यालय पर उन्होंने कहा कि अखिलेश यादव अगर राष्ट्रीय लोक दल से मिल रहे हैं तो उनको 2019 में बसपा के साथ हुए गठबंधन को भी याद करना चाहिए कि तब उनका क्या हाल हुआ था. छोटे-छोटे दलों की क्या बात करें. उनको इस बार एक बार फिर सभी दलों के साथ मिल जाना चाहिए.
उन्होंने कहा कि योगी आर्थिक मॉडल में ग्रामीण आर्थिक व्यवस्था को बेहतर बनाया गया. एक जनपद एक उत्पाद की घोषणा की गई. पूरी दुनिया में ओडीओपी की चर्चा है. 2017 में 88967 करोड़ का निर्यात था, जो अब 1.20 लाख करोड़ का है. परम्परागत उद्योगों को बढ़ाया गया. सरकार ने इनको बढ़ाया है. विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना बनाई गई हैं. विश्वकर्मा के नाम पर वोट बटोरे पर काम नहीं किया है. यह सब योजनाएं हैं.
मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने कहा कि पिछले साढ़े चार साल में ढाई लाख करोड़ का ऋण दिया गया है. 2.60 हजार करोड़ का रोजगार दिया गया है. युवाओं को नौकरी देने को लेकर कोई चिंता नहीं की गई है. उन्होंने कहा कि स्टार्टअप की बात की गई है. स्टार्टअप में पांच लाख की शुरुआत की गई है. दो हजार 35 करोड़ रुपये उपलब्ध करवाए गए हैं. महिला सशक्तिकरण की योजना लाई गई हैं.
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उन्होंने कहा कि दिव्यांगजनों को सशक्त बनाने के लिए काम किया गया है. एमएसएमई रीढ़ की हड्डी होती है. प्रदेश का आर्थिक विकास इसी के जरिए होता है. यही कारण है उत्तर प्रदेश में पिछले साढ़े चार साल में 85 हजार नई यूनिट को शुरू किया गया था. चार लाख यूनिट को फायदा दिलवाया गया. 18 हजार करोड़ की मदद की गई. मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने कहा कि समाजवादी पार्टी से पूछना चाहिए कि नीति बनाकर कितने लोगों की मदद की. उन्होंने कहा कि सपा की साइकिल की हवा निकल चुकी है.
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