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सनातन धर्म में भी प्यार न मिलने पर जितेंद्र नारायण त्यागी ने जताई खुदकुशी की इच्छा

जितेंद्र नारायण त्यागी (पूर्व नाम वसीम रिजवी) ने वीडियो जारी कर कहा है कि सनातन धर्म में प्यार न मिलने से मैं डिप्रेशन में हूं. मैं अकेला महसूस कर रहा हूं. उन्होंने आत्महत्या की बात कही है.

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जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी
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Published : Sep 1, 2022, 7:47 PM IST

Updated : Sep 1, 2022, 8:01 PM IST

लखनऊ: विवादित बयानों से अक्सर सुर्खियों में बने रहने वाले जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी (Jitendra Narayan Singh Tyagi) ने आत्महत्या की बात कही है. सुप्रीम कोर्ट से मिले झटके के बाद वह दोबारा जेल जाने वाले हैं लेकिन उससे पहले जितेंद्र त्यागी (पूर्व नाम वसीम रिजवी) (Wasim Rizvi) ने कहा कि बहुत सोचने के बाद वह सनातन धर्म में आए थे लेकिन यहां भी उनको मोहब्बत और प्रेम नहीं मिला. इससे वह डिप्रेशन में हैं.

जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी (पूर्व नाम वसीम रिजवी) ने अफसोस जताते हुए कहा कि 14 सौ साल पहले कई नस्लों के बाद हम अपने घर वापस हुए और सनातन धर्म को कुबूल किया. सनातन धर्म से हम पहले से ही प्रभावित थे लेकिन, मेरे साथ एक ऐसा रवैया अपनाया गया जैसे कि कोई बहुत पुराना रिश्तेदार घर वापस आया हो. मुझे नहीं लगता की घर में हमें वह मोहब्बत मिली जो मिलनी चाहिए थी. त्यागी ने कहा कि आज मैं बहुत खुलकर इसलिए बात कर रहा हूं, क्योंकि मैं डिप्रेशन में भी हूं और मेरी जिंदगी में अब कुछ ठीक नहीं है. आगे बोलते हुए त्यागी ने कहा कि हो सकता है अपने दुश्मनों के हाथों मरने से पहले मैं खुद अपना जीवन समाप्त कर लूं. मैं सनातन धर्म में हूं और मरते दम तक सनातन में ही रहूंगा.

यह बोले जितेंद्र नारायण त्यागी.

हिंदू धर्म में आने के बाद बहुत से लोगों ने मेरा साथ दिया, लेकिन बहुत से लोगों ने शुरू में साथ दिया और बाद में अकेला छोड़ कर चले भी गए. आज मैं सबका शुक्रगुजार हूं जिन्होंने मेरा साथ दिया और जिन्होंने मेरा साथ छोड़ दिया. त्यागी ने कहा कि सनातन धर्म को मानने वाले लोग आपसी फूट का शिकार है. कुछ सियासी पार्टियां एक वोट बैंक को हासिल करने के लिए उनका साथ देती है. त्यागी ने कहा कि आपसी फूट अगर हमारे धर्म में नहीं होती तो एक हजार वर्ष तक हम गुलाम नहीं होते.


यह भी पढ़ें:जितेंद्र त्यागी को सुप्रीम कोर्ट का झटका, दो सितंबर तक सरेंडर करने का आदेश


गौरतलब है कि पिछले तीन महीनों से मेडिकल ग्राउंड पर मिली बेल पर बाहर रह रहे त्यागी को सुप्रीम कोर्ट ने दोबारा जेल का रास्ता दिखा दिया है. जितेन्द्र नारायण सिंह त्यागी ने बाहर आने पर हिंदू संगठन के नेता शिशिर चतुर्वेदी के साथ लखनऊ के हनुमान सेतु पर लेटकर अपने घर छीने जाने का विरोध भी दर्ज कराया था. हालांकि उनके बाहर रहने की मियाद अब पूरी हो चुकी है. वह खुद को अकेला महसूस कर रहे हैं.

यह भी पढ़ें:अजान की आवाज से बिगड़ रही जितेंद्र नारायण त्यागी उर्फ वसीम रिजवी की सेहत, सीएम योगी को लिखा खत

लखनऊ: विवादित बयानों से अक्सर सुर्खियों में बने रहने वाले जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी (Jitendra Narayan Singh Tyagi) ने आत्महत्या की बात कही है. सुप्रीम कोर्ट से मिले झटके के बाद वह दोबारा जेल जाने वाले हैं लेकिन उससे पहले जितेंद्र त्यागी (पूर्व नाम वसीम रिजवी) (Wasim Rizvi) ने कहा कि बहुत सोचने के बाद वह सनातन धर्म में आए थे लेकिन यहां भी उनको मोहब्बत और प्रेम नहीं मिला. इससे वह डिप्रेशन में हैं.

जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी (पूर्व नाम वसीम रिजवी) ने अफसोस जताते हुए कहा कि 14 सौ साल पहले कई नस्लों के बाद हम अपने घर वापस हुए और सनातन धर्म को कुबूल किया. सनातन धर्म से हम पहले से ही प्रभावित थे लेकिन, मेरे साथ एक ऐसा रवैया अपनाया गया जैसे कि कोई बहुत पुराना रिश्तेदार घर वापस आया हो. मुझे नहीं लगता की घर में हमें वह मोहब्बत मिली जो मिलनी चाहिए थी. त्यागी ने कहा कि आज मैं बहुत खुलकर इसलिए बात कर रहा हूं, क्योंकि मैं डिप्रेशन में भी हूं और मेरी जिंदगी में अब कुछ ठीक नहीं है. आगे बोलते हुए त्यागी ने कहा कि हो सकता है अपने दुश्मनों के हाथों मरने से पहले मैं खुद अपना जीवन समाप्त कर लूं. मैं सनातन धर्म में हूं और मरते दम तक सनातन में ही रहूंगा.

यह बोले जितेंद्र नारायण त्यागी.

हिंदू धर्म में आने के बाद बहुत से लोगों ने मेरा साथ दिया, लेकिन बहुत से लोगों ने शुरू में साथ दिया और बाद में अकेला छोड़ कर चले भी गए. आज मैं सबका शुक्रगुजार हूं जिन्होंने मेरा साथ दिया और जिन्होंने मेरा साथ छोड़ दिया. त्यागी ने कहा कि सनातन धर्म को मानने वाले लोग आपसी फूट का शिकार है. कुछ सियासी पार्टियां एक वोट बैंक को हासिल करने के लिए उनका साथ देती है. त्यागी ने कहा कि आपसी फूट अगर हमारे धर्म में नहीं होती तो एक हजार वर्ष तक हम गुलाम नहीं होते.


यह भी पढ़ें:जितेंद्र त्यागी को सुप्रीम कोर्ट का झटका, दो सितंबर तक सरेंडर करने का आदेश


गौरतलब है कि पिछले तीन महीनों से मेडिकल ग्राउंड पर मिली बेल पर बाहर रह रहे त्यागी को सुप्रीम कोर्ट ने दोबारा जेल का रास्ता दिखा दिया है. जितेन्द्र नारायण सिंह त्यागी ने बाहर आने पर हिंदू संगठन के नेता शिशिर चतुर्वेदी के साथ लखनऊ के हनुमान सेतु पर लेटकर अपने घर छीने जाने का विरोध भी दर्ज कराया था. हालांकि उनके बाहर रहने की मियाद अब पूरी हो चुकी है. वह खुद को अकेला महसूस कर रहे हैं.

यह भी पढ़ें:अजान की आवाज से बिगड़ रही जितेंद्र नारायण त्यागी उर्फ वसीम रिजवी की सेहत, सीएम योगी को लिखा खत

Last Updated : Sep 1, 2022, 8:01 PM IST
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