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जितेंद्र नारायण त्यागी का छलका दर्द, बोले-बिना अपराध किए भुगत रहा सजा

धर्म संसद हेट स्पीच मामले (Dharma Sansad Hate Speech Case) में जितेंद्र नारायण त्यागी (Jitendra Narayan Tyagi) (पूर्व नाम वसीम रिजवी) ने फिर से सफाई दी है. उनका मानना है कि उन्होंने कोई अपराध नहीं किया है, उन्हें बेवजह सजा भुगतनी पड़ रही है.

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जितेंद्र नारायण त्यागी
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Published : Sep 15, 2022, 10:40 PM IST

हरिद्वार: धर्म संसद हेट स्पीच मामले (Dharma Sansad Hate Speech Case) में सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिलने के बाद जेल से बाहर आए जितेंद्र नारायण त्यागी (पूर्व नाम वसीम रिजवी) (Jitendra Narayan Tyagi) ने अपना दर्द बयां किया. जितेंद्र नारायण त्यागी हरिद्वार में ही अखाड़ा परिषद अध्यक्ष के साथ एक कथा में शिरकत करने पहुंचे थे, वहीं से उन्होंने धर्म संसद हेट स्पीच मामले में अपनी सफाई दी.

जितेंद्र नारायण त्यागी ने कहा कि उन्होंने कोई अपराध नहीं किया, फिर भी उन्हें 4 महीने पहले और अब 12 दिन जेल में बिताने पड़े हैं. जितेंद्र नारायण त्यागी ने कहा कि उन्होंने पहले भी बोला था कि कई ऐसे सनातन धर्म से जुड़े लोग हैं, जो बिना कोई अपराध किए भी सजा काटने को मजबूर है. बिना अपराध के जेल में ही सही उन्हें धर्मनगरी हरिद्वार में रहने वाले को मौका मिला. इसे वे अपना सौभाग्य समझते हैं. इस कार्यक्रम में निरंजनी अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर कैलाशानंद गिरि और आनंद अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर बालकानंद भी मौजूद रहे.

जितेंद्र नारायण त्यागी
पढ़ें- मेरठ में बोले मंत्री संजय निषाद , मदरसों का सर्वे कराना जरूरी

बता दें कि धर्म संसद हेट स्पीच मामले (Dharma Sansad Hate Speech Case) जितेंद्र नारायण त्यागी 14 सितंबर को जमानत पर हरिद्वार जिला करागार से बाहर आए (Jitendra Narayan Tyagi released on bail) है, वो बीते 12 दिनों से जेल में बंद थे. जितेंद्र नारायण त्यागी ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर हरिद्वार कोर्ट में सरेंडर किया था, जिसके बाद उन्हें जेल भेज दिया गया था.

हालांकि कल जमानत पर वो फिर से बाहर आ गए हैं. इससे पहले धर्म संसद हेट स्पीच मामले (Dharma Sansad Hate Speech Case) में ही जितेंद्र नारायण त्यागी करीब 4 महीने तक हरिद्वार जेल में बंद थे, तभी भी सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिलने के बाद ही वो जेल से बाहर आए थे.
पढ़ें- सनातन धर्म में भी प्यार न मिलने पर जितेंद्र नारायण त्यागी ने जताई खुदकुशी की इच्छा

जानें पूरा मामला: गौरतलब हो कि हरिद्वार में 17 से 19 दिसंबर के बीच धर्म संसद का आयोजन किया गया था, जिसमें कथित रूप से एक विशेष समुदाय के खिलाफ कुछ आपत्तिजनक बयान दिए गए थे. ये बयान सोशल मीडिया पर काफी वायरल हुए थे. हरिद्वार धर्म संसद हेट स्पीच (Dharma Sansad Hate Speech Case) का वीडियो वायरल होने के बाद पूर्व सेना प्रमुखों, कार्यकर्ताओं और बहुत से अन्‍य लोगों ने विवादित भाषण की निंदा करते हुए कार्रवाई की मांग की गई थी.

आरटीआई कार्यकर्ता साकेत गोखले ने इस मामले में आयोजकों आौर वक्‍ताओं के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाई थी. जिसके बाद इन वायरल वीडियो के आधार एवं गुलबहार खान की तहरीर पर पुलिस ने शिया वक्फ बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष वसीम रिजवी उर्फ जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी के खिलाफ 23 दिसंबर को हरिद्वार शहर कोतवाली में मामला दर्ज कराया था. जिसके बाद पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार किया था.
पढ़ें- हेलो! मैं ऊर्जा मंत्री बोल रहा हूं, क्या आपके यहां चेक मीटर लग गया है?

जितेंद्र नारायण त्यागी कौन है: जितेंद्र नारायण त्यागी का पूर्व का नाम वसीम रिजवी है, वो उत्तर प्रदेश शिया वक़्फ़ बोर्ड के पूर्व चेयरमैन रह चुके है. उन्होंने 6 दिसंबर 2021 को इस्लाम छोड़कर सनातन धर्म अपना लिया था. सनातन धर्म अपनाने के बाद उन्होंने अपना नाम जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी रख लिया था.

हरिद्वार: धर्म संसद हेट स्पीच मामले (Dharma Sansad Hate Speech Case) में सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिलने के बाद जेल से बाहर आए जितेंद्र नारायण त्यागी (पूर्व नाम वसीम रिजवी) (Jitendra Narayan Tyagi) ने अपना दर्द बयां किया. जितेंद्र नारायण त्यागी हरिद्वार में ही अखाड़ा परिषद अध्यक्ष के साथ एक कथा में शिरकत करने पहुंचे थे, वहीं से उन्होंने धर्म संसद हेट स्पीच मामले में अपनी सफाई दी.

जितेंद्र नारायण त्यागी ने कहा कि उन्होंने कोई अपराध नहीं किया, फिर भी उन्हें 4 महीने पहले और अब 12 दिन जेल में बिताने पड़े हैं. जितेंद्र नारायण त्यागी ने कहा कि उन्होंने पहले भी बोला था कि कई ऐसे सनातन धर्म से जुड़े लोग हैं, जो बिना कोई अपराध किए भी सजा काटने को मजबूर है. बिना अपराध के जेल में ही सही उन्हें धर्मनगरी हरिद्वार में रहने वाले को मौका मिला. इसे वे अपना सौभाग्य समझते हैं. इस कार्यक्रम में निरंजनी अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर कैलाशानंद गिरि और आनंद अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर बालकानंद भी मौजूद रहे.

जितेंद्र नारायण त्यागी
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बता दें कि धर्म संसद हेट स्पीच मामले (Dharma Sansad Hate Speech Case) जितेंद्र नारायण त्यागी 14 सितंबर को जमानत पर हरिद्वार जिला करागार से बाहर आए (Jitendra Narayan Tyagi released on bail) है, वो बीते 12 दिनों से जेल में बंद थे. जितेंद्र नारायण त्यागी ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर हरिद्वार कोर्ट में सरेंडर किया था, जिसके बाद उन्हें जेल भेज दिया गया था.

हालांकि कल जमानत पर वो फिर से बाहर आ गए हैं. इससे पहले धर्म संसद हेट स्पीच मामले (Dharma Sansad Hate Speech Case) में ही जितेंद्र नारायण त्यागी करीब 4 महीने तक हरिद्वार जेल में बंद थे, तभी भी सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिलने के बाद ही वो जेल से बाहर आए थे.
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जानें पूरा मामला: गौरतलब हो कि हरिद्वार में 17 से 19 दिसंबर के बीच धर्म संसद का आयोजन किया गया था, जिसमें कथित रूप से एक विशेष समुदाय के खिलाफ कुछ आपत्तिजनक बयान दिए गए थे. ये बयान सोशल मीडिया पर काफी वायरल हुए थे. हरिद्वार धर्म संसद हेट स्पीच (Dharma Sansad Hate Speech Case) का वीडियो वायरल होने के बाद पूर्व सेना प्रमुखों, कार्यकर्ताओं और बहुत से अन्‍य लोगों ने विवादित भाषण की निंदा करते हुए कार्रवाई की मांग की गई थी.

आरटीआई कार्यकर्ता साकेत गोखले ने इस मामले में आयोजकों आौर वक्‍ताओं के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाई थी. जिसके बाद इन वायरल वीडियो के आधार एवं गुलबहार खान की तहरीर पर पुलिस ने शिया वक्फ बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष वसीम रिजवी उर्फ जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी के खिलाफ 23 दिसंबर को हरिद्वार शहर कोतवाली में मामला दर्ज कराया था. जिसके बाद पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार किया था.
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जितेंद्र नारायण त्यागी कौन है: जितेंद्र नारायण त्यागी का पूर्व का नाम वसीम रिजवी है, वो उत्तर प्रदेश शिया वक़्फ़ बोर्ड के पूर्व चेयरमैन रह चुके है. उन्होंने 6 दिसंबर 2021 को इस्लाम छोड़कर सनातन धर्म अपना लिया था. सनातन धर्म अपनाने के बाद उन्होंने अपना नाम जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी रख लिया था.

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