लखनऊ: मुनव्वर राना के निधन के बाद अंतिम दर्शन को पहुंचे समाजवादी पार्टी के मुखिया पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने बताया कि जैसे ही खबर मिली, दिल उदास हो गया. उनका जाना बहुत दुखद है, उनके जैसा शायर न कभी था न कभी होगा, वो बिल्कुल सच्चे शायर थे. उन्होंने अपनी लेखनी से समाज को जगाने का काम किया है. उनका जाना मुल्क के लिए बड़ी क्षति है.
उनकी शायरी बहुत लोकप्रिय हुई, जो उन्होंने मां के बारे में लिखा वो बहुत ही दिलचस्प था. समाज ने एक बड़े शायर को खोया है, वो स्पष्ट बात करते थे, जो उनके मन में होता था, वो बेखौफ होकर कहते थे. इस घर में मुझे सबसे पहले आजम खान लेकर आए थे. उसके बाद उनसे कई मुलाकात हुईं. हम उनके परिवार के साथ हैं. वो हमेशा हमारे दिल में रहेंगे.
जावेद अख्तर ने मुनव्वर राना को कांधा दिया और उनके बारे में कहा कि वो अजीम शायर थे. उनका जाना उर्दू को बड़ा नुकसान है. हकीकत ये है कि आज हिंदुस्तान की तहजीब को नुकसान हुआ है. हिंदुस्तान की तहजीब का ये एक अहम हिस्सा था जो गिर गया. एक पीढ़ी जा रही है. एक नस्ल जो धीरे-धीरे जा रही है. निदा फाजली, राहत साहब और अब मुन्नवर साहेब का जाना, इसकी भरपाई तो नहीं हो पाएगी. उनके परिवार को हिम्मत मिले. पर हकीकत है जो आता है वो जाता है. उन्हें हमेशा शायरी के लिए ही जाना जाएगा. मां को उन्होंने पहली बार शायरी का हिस्सा बनाया. उनका शेर कहने का अपना रंग था.
जाने माने शायर मुनव्वर राना को विदा देने मशहूर शायर गीतकार लेखक जावेद अख्तर, अंतरराष्ट्रीय शायर हसन काजमी, सैफ बाबर, तारीक कमर पहुंचे. सभी ने खिराजे अकीदत पेश की. सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव, ए आईम के प्रवक्ता आसिम वाकर भी पहुंचे. कांग्रेस के प्रतिनिधिमंडल ने श्रद्धा सुमन अर्पित किए.