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निवेश के नए प्रस्तावों को लेकर सीएम योगी से मिले Japanese Investors, जानिए किन प्रस्तावों पर बनी सहमति

उत्तर प्रदेश में औद्योगिक निवेश के प्रस्तावओं से प्रभावित होकर Japanese Investors ने नए प्रस्तावों पर विचार-विमर्श के लिए शुक्रवार को सीएम योगी से मुलाकात की. जापान के राजदूत हिरोशी सुजुकी के नेतृत्व में पहुंचे जापानी उद्यमियों के प्रतिनिधिमंडल ने यूपी में निवेश की नई संभावनाओं पर चर्चा की.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Nov 3, 2023, 7:02 PM IST

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लखनऊ : ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में हजारों करोड़ के निवेश प्रस्ताव मिलने के बाद उत्तर प्रदेश में एक बार फिर जापानी निवेशकों (Japanese Investors) ने नए औद्योगिक निवेश को लेकर रुचि दर्शायी है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से शुक्रवार को जापान के राजदूत हिरोशी सुजुकी के नेतृत्व में जापानी उद्यमियों के प्रतिनिधिमंडल ने भेंट कर नए प्रस्तावों पर विचार-विमर्श किया. विशेष बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत व जापान के संबंध सदा ही मैत्रीपूर्ण रहे हैं. दोनों देशों के बीच परस्पर सौहार्द और बढ़ते हुए द्विपक्षीय व्यापार तथा सर्वांगीण सहयोग विद्यमान हैं. दोनों देश बड़ी अर्थव्यवस्थाएं हैं तथा समान सामाजिक-आर्थिक विकास की प्राथमिकताओं के साथ लोकतांत्रिक, धर्मनिरपेक्ष एवं बहुलवादी प्रणालियों के साथ-साथ विश्व स्तरीय सामरिक दृष्टिकोण भी समान हैं.

जापान के राजदूत हिरोशी सुजुकी ने कही यह बात.
जापान के राजदूत हिरोशी सुजुकी ने कही यह बात.
सीएम योगी के साथ जापान के राजदूत  हिरोशी सुजुकी.
सीएम योगी के साथ जापान के राजदूत हिरोशी सुजुकी.


भारत जापान के प्राचीन सांस्कृतिक संबंध : मुख्यमंत्री ने कहा कि बौद्ध धर्म के प्रसार के कारण भारत एवं जापान के बीच सदियों से मजबूत सांस्कृतिक संबंध रहे हैं. जिसके परिणामस्वरूप भारतीय और जापानी लोगों के बीच मजबूत साझा पहचान सृजित हुई है. उत्तर प्रदेश में भगवान बुद्ध के जीवन से जुड़े अनेक आस्थास्थल हैं. कपिलवस्तु, सारनाथ, संकिसा, श्रावस्ती और कुशीनगर बौद्ध मतावलंबियों के लिए बड़े आस्था के केंद्र हैं. वाराणसी के विश्वस्तरीय कन्वेंशन सेंटर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और जापान के पूर्व प्रधानमंत्री स्व. शिंजो आबे के प्रगाढ़ संबंधों ने आधुनिक युग में भारत-जापान के राजनीतिक, आर्थिक और व्यावसायिक संबंधों की नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया है.

जापान निवेशक दल में शामिल लोग.
जापान निवेशक दल में शामिल लोग.
सीएम योगी के साथ जापानी निवेशक.
सीएम योगी के साथ जापानी निवेशक.


हर सेक्टर में निवेश के लिए यूपी में है अनुकूल अवसर : मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार जापानी कंपनियों के साथ सहयोग करने की इच्छुक है. वर्तमान में उत्तर प्रदेश में कार्यरत सात प्रमुख कंपनियों (मित्सुई टेक्नोलॉजीज, होंडा मोटर्स, यामाहा मोटर्स, डेंसो, टोयोड्रंक, निसिन एबीसी लॉजिस्टिक्स, सेकिसुई डीएलजेएम मोल्डिंग) सहित 1400 से अधिक जापानी कंपनियां भारत में हैं. जीआईएस-2023 के पार्टनर कंट्री के रूप में जापान का बड़ा सहयोग मिला. हमारी सरकार राज्य में तेजी से औद्योगिक पार्क, उत्कृष्टता केंद्र और अनुसंधान एवं विकास केंद्र विकसित कर रही है. ग्रेटर नोएडा में 750 एकड़ में विकसित जा रही इंटीग्रेटेड इंडस्ट्रियल टाउनशिप के अंतर्गत जापान इंडस्ट्रियल टाउनशिप सम्मिलित है. इसके अतिरिक्त राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में मेडिकल डिवाइस पार्क, फिल्म सिटी, टॉय पार्क, अपैरल पार्क, हैंडीक्राफ्ट पार्क, लॉजिस्टिक हब इत्यादि यमुना एक्सप्रेसवे के किनारे नोएडा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के निकट विकसित किए जा रहे हैं.

सीएम योगी के साथ जापान के राजदूत  हिरोशी सुजुकी.
सीएम योगी के साथ जापान के राजदूत हिरोशी सुजुकी.

कई सीएम ने इन परियोजनाओं पर की चर्चा : सीएम ने कहा कि बरेली में मेगा फूड पार्क, उन्नाव में ट्रांस- गंगा सिटी, गोरखपुर में प्लास्टिक पार्क, गोरखपुर में गारमेंट पार्क और डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर सम्मिलित हैं. इसके अतिरिक्त, हमारी सरकार 20 से अधिक सेक्टोरल नीतियों के साथ ही अपनी नई औद्योगिक नीति के अंतर्गत आकर्षक सब्सिडी प्रदान करती है. हमने अनेक सेक्टर्स के लिए विशेष नीतियां बनाई है, जैसे- इलेक्ट्रॉनिक्स, सोलर, बायो-फ्यूल, फूड प्रोसेसिंग, लॉजिस्टिक्स, इलेक्ट्रिक वाहन, डेयरी आदि नीतियों में स्टाम्प ड्यूटी एवं इलेक्ट्रिसिटी ड्यूटी में छूट, भूमि के मूल्य में छूट, पूंजीगत सब्सिडी, नेट एसजीएसटी का रिफंड आदि जापानी निवेशकों के लिए आकर्षक प्रोत्साहन हैं. इसके अलावा प्रदेश सरकार ने फॉर्चून ग्लोबल 500 व फॉर्चून इंडिया 500 कंपनियों के लिए प्रोत्साहन नीति भी घोषित की है. मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश, भारत का सबसे बड़ी आबादी वाला राज्य है और यहां बड़ा मानव संसाधन, कुशल श्रम बल और बड़ा उपभोक्ता बाजार उपलब्ध है. भारत की 'फ़ूड बास्केट के रूप में विख्यात, उत्तर प्रदेश में कृषि व खाद्य प्रसंस्करण एवं डेयरी सेक्टर्स में असीम अवसर हैं. वाराणसी सिल्क क्लस्टर सहित भारत के प्रमुख टेक्सटाइल केंद्रों का हब है. पर्यटन भी एक प्राथमिक सेक्टर है जो उत्तर प्रदेश में निवेशकों के लिए एक अच्छा गंतव्य हो सकता है.





यह भी पढ़ें : UP GIS2023 : दूसरे दिन टूरिज्म सेक्टर को मिले बड़े निवेशक, UAE करेगा 70 हजार करोड़ का निवेश, जापानी होटल ग्रुप खोलेगा 30 शहरों में होटल

सीएम योगी बोले- उद्यमी बेहिचक प्रदेश में निवेश करें, सरकार उनके साथ खड़ी

लखनऊ : ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में हजारों करोड़ के निवेश प्रस्ताव मिलने के बाद उत्तर प्रदेश में एक बार फिर जापानी निवेशकों (Japanese Investors) ने नए औद्योगिक निवेश को लेकर रुचि दर्शायी है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से शुक्रवार को जापान के राजदूत हिरोशी सुजुकी के नेतृत्व में जापानी उद्यमियों के प्रतिनिधिमंडल ने भेंट कर नए प्रस्तावों पर विचार-विमर्श किया. विशेष बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत व जापान के संबंध सदा ही मैत्रीपूर्ण रहे हैं. दोनों देशों के बीच परस्पर सौहार्द और बढ़ते हुए द्विपक्षीय व्यापार तथा सर्वांगीण सहयोग विद्यमान हैं. दोनों देश बड़ी अर्थव्यवस्थाएं हैं तथा समान सामाजिक-आर्थिक विकास की प्राथमिकताओं के साथ लोकतांत्रिक, धर्मनिरपेक्ष एवं बहुलवादी प्रणालियों के साथ-साथ विश्व स्तरीय सामरिक दृष्टिकोण भी समान हैं.

जापान के राजदूत हिरोशी सुजुकी ने कही यह बात.
जापान के राजदूत हिरोशी सुजुकी ने कही यह बात.
सीएम योगी के साथ जापान के राजदूत  हिरोशी सुजुकी.
सीएम योगी के साथ जापान के राजदूत हिरोशी सुजुकी.


भारत जापान के प्राचीन सांस्कृतिक संबंध : मुख्यमंत्री ने कहा कि बौद्ध धर्म के प्रसार के कारण भारत एवं जापान के बीच सदियों से मजबूत सांस्कृतिक संबंध रहे हैं. जिसके परिणामस्वरूप भारतीय और जापानी लोगों के बीच मजबूत साझा पहचान सृजित हुई है. उत्तर प्रदेश में भगवान बुद्ध के जीवन से जुड़े अनेक आस्थास्थल हैं. कपिलवस्तु, सारनाथ, संकिसा, श्रावस्ती और कुशीनगर बौद्ध मतावलंबियों के लिए बड़े आस्था के केंद्र हैं. वाराणसी के विश्वस्तरीय कन्वेंशन सेंटर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और जापान के पूर्व प्रधानमंत्री स्व. शिंजो आबे के प्रगाढ़ संबंधों ने आधुनिक युग में भारत-जापान के राजनीतिक, आर्थिक और व्यावसायिक संबंधों की नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया है.

जापान निवेशक दल में शामिल लोग.
जापान निवेशक दल में शामिल लोग.
सीएम योगी के साथ जापानी निवेशक.
सीएम योगी के साथ जापानी निवेशक.


हर सेक्टर में निवेश के लिए यूपी में है अनुकूल अवसर : मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार जापानी कंपनियों के साथ सहयोग करने की इच्छुक है. वर्तमान में उत्तर प्रदेश में कार्यरत सात प्रमुख कंपनियों (मित्सुई टेक्नोलॉजीज, होंडा मोटर्स, यामाहा मोटर्स, डेंसो, टोयोड्रंक, निसिन एबीसी लॉजिस्टिक्स, सेकिसुई डीएलजेएम मोल्डिंग) सहित 1400 से अधिक जापानी कंपनियां भारत में हैं. जीआईएस-2023 के पार्टनर कंट्री के रूप में जापान का बड़ा सहयोग मिला. हमारी सरकार राज्य में तेजी से औद्योगिक पार्क, उत्कृष्टता केंद्र और अनुसंधान एवं विकास केंद्र विकसित कर रही है. ग्रेटर नोएडा में 750 एकड़ में विकसित जा रही इंटीग्रेटेड इंडस्ट्रियल टाउनशिप के अंतर्गत जापान इंडस्ट्रियल टाउनशिप सम्मिलित है. इसके अतिरिक्त राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में मेडिकल डिवाइस पार्क, फिल्म सिटी, टॉय पार्क, अपैरल पार्क, हैंडीक्राफ्ट पार्क, लॉजिस्टिक हब इत्यादि यमुना एक्सप्रेसवे के किनारे नोएडा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के निकट विकसित किए जा रहे हैं.

सीएम योगी के साथ जापान के राजदूत  हिरोशी सुजुकी.
सीएम योगी के साथ जापान के राजदूत हिरोशी सुजुकी.

कई सीएम ने इन परियोजनाओं पर की चर्चा : सीएम ने कहा कि बरेली में मेगा फूड पार्क, उन्नाव में ट्रांस- गंगा सिटी, गोरखपुर में प्लास्टिक पार्क, गोरखपुर में गारमेंट पार्क और डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर सम्मिलित हैं. इसके अतिरिक्त, हमारी सरकार 20 से अधिक सेक्टोरल नीतियों के साथ ही अपनी नई औद्योगिक नीति के अंतर्गत आकर्षक सब्सिडी प्रदान करती है. हमने अनेक सेक्टर्स के लिए विशेष नीतियां बनाई है, जैसे- इलेक्ट्रॉनिक्स, सोलर, बायो-फ्यूल, फूड प्रोसेसिंग, लॉजिस्टिक्स, इलेक्ट्रिक वाहन, डेयरी आदि नीतियों में स्टाम्प ड्यूटी एवं इलेक्ट्रिसिटी ड्यूटी में छूट, भूमि के मूल्य में छूट, पूंजीगत सब्सिडी, नेट एसजीएसटी का रिफंड आदि जापानी निवेशकों के लिए आकर्षक प्रोत्साहन हैं. इसके अलावा प्रदेश सरकार ने फॉर्चून ग्लोबल 500 व फॉर्चून इंडिया 500 कंपनियों के लिए प्रोत्साहन नीति भी घोषित की है. मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश, भारत का सबसे बड़ी आबादी वाला राज्य है और यहां बड़ा मानव संसाधन, कुशल श्रम बल और बड़ा उपभोक्ता बाजार उपलब्ध है. भारत की 'फ़ूड बास्केट के रूप में विख्यात, उत्तर प्रदेश में कृषि व खाद्य प्रसंस्करण एवं डेयरी सेक्टर्स में असीम अवसर हैं. वाराणसी सिल्क क्लस्टर सहित भारत के प्रमुख टेक्सटाइल केंद्रों का हब है. पर्यटन भी एक प्राथमिक सेक्टर है जो उत्तर प्रदेश में निवेशकों के लिए एक अच्छा गंतव्य हो सकता है.





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