लखनऊ: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्र के नाम संबोधन में रविवार 22 मार्च को जनता कर्फ्यू के अपील की थी. इसका साफ असर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में देखा जा रहा है. पूरे देश में रविवार 22 मार्च को सुबह 7 से रात 9 बजे तक जनता कर्फ्यू लगाया गया है. इसका असर लखनऊ में भी देखा जा रहा है.
राजधानी में सुबह से ही सन्नाटा पसरा हुआ है, सभी शहरवासी अपने घरों में ही है, कोई सड़क पर नहीं निकला. जिले की सड़को पर सिर्फ पुलिस दिखाई दे रही है, जो सभी हालातों पर नजर रखने के लिए मुस्तैद है. शहर का दिल कहे जाने वाले हजरतगंज में भी यही नजारा देखने को मिला है. यहां सिर्फ पुलिस ही दिखाई पड़ी है.
जिला प्रशासन ने जनता कर्फ्यू को सफल बनाने के लिए कमर कस ली है, जिसके तहत वह अलर्ट मोड पर नजर आ रहे हैं. जिलाधिकारी अभिषेक प्रकाश अधिकारियों संग लगातार बैठक कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि जनता कर्फ्यू को हर हाल में सफल बनाया जाएगा. जनता कर्फ्यू के दौरान सिर्फ और सिर्फ दैनिक जरूरतों की दुकानें ही खुलेंगी जैसे मेडिकल स्टोर, जनरल मर्चेंट, दूध की दुकानें. इन पर पाबंदी नहीं लगाई जाएगी.
वहीं पेट्रोलियम ट्रेडर्स ने भी जनता कर्फ्यू का समर्थन करते हुए कहा कि सुबह 7 से रात 9 बजे तक किसी भी पेट्रोल पंप पर कोई सुविधा उपलब्ध नहीं रहेगी. पेट्रोलियम ट्रेडर्स जनता कर्फ्यू का समर्थन करेगा. प्रदेश में लगातार कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं. अभी तक 28 मामले सामने आए हैं, जिसको लेकर राजधानी का जिला प्रशासन हरकत में है. इसी वजह से शहर में जनता कर्फ्यू का असर साफ दिखाई दे रहा है.
इसे भी पढ़ें- लखनऊ: कोरोना पॉजिटिव कनिका कपूर इलाज में नहीं कर रहीं डॉक्टरों का सहयोग