लखनऊ : ऐशबाग की ऐतिहासिक जमुना झील को बचाने के लिए बने झील बचाओ अभियान की सक्रियता के बावजूद ठेकेदारी से स्थानीय लोग आजिज आ चुके हैं. मंडलायुक्त डॉ. रौशन जैकब के प्रयास से झील के पानी को स्वच्छ करने का काम लखनऊ विकास प्राधिकरण द्वारा रंधावा इंटरप्राइजेज को दिया गया था. झील में सफाई का काम कराने के लिए व मशीनें चलाने के लिए एलडीए ने यहां बिजली का कनेक्शन भी करवा दिया था. रंधावा इंटरप्राइजेज ने नवंबर 2022 से झील में पानी साफ करने का कार्य शुरू किया गया था जो कि अब नाममात्र को हो रहा है. स्थानीय लोग अब इसको लेकर परेशान हैं. करीब 32 लाख रुपए का खर्चा सफाई को लेकर लखनऊ विकास प्राधिकरण कर रहा है.
झील बचाओ अभियान ने जब दावे की पड़ताल ईटीवी भारत ने की तो पता चला की फर्म ने जो चार मोटर चालित मशीनें झील में उतारी गई थीं. ये मशीनें कई महीने तक सिर्फ बिजली बिल बढ़ाने के बाद अब पूरी तरह बंद हो गई हैं और अब साइट पर रंधावा इंटरप्राइजेज का कोई भी जिम्मेदार व्यक्ति मौजूद नहीं रहता है. इस मुद्दे को लेकर पूर्व पार्षद गणेश कनौजिया का कहना है कि ऐसी उदासीनता के साथ जमुना झील का विकास कभी नहीं हो पाएगा. इस बाबत एलडीए उपाध्यक्ष को शिकायती पत्र लिख कर दिया गया है.
झील बचाओ अभियान के संयोजक गौरव वाजपेयी के अनुसार उम्मीद है कि लखनऊ विकास प्राधिकरण रंधावा इंटरप्राइजेज के इस प्रकार किए जा रहे असंतोषजनक कार्य पर कार्रवाई करेगा और झील की शीघ्र सफाई करने के आदेश देगा. यदि आगे जमुना झील की सफाई में व्यवधान आया तो हम सड़क से मुख्यमंत्री आवास तक शांतिपूर्ण आंदोलन कर झील को बचाने की लड़ाई लड़ेंगे. गौरव का कहना है कि झील की लड़ाई हमारी निजी लड़ाई नहीं है ये पूरे ऐशबाग क्षेत्र की लड़ाई है. स्थानीय नागरिक उमाशंकर सिंह और जितेंद्र गांधी ने कहा है कि बहुत मुश्किल से हम झील को अवैध कब्जे से मुक्त करा पाए हैं. अब यहां गंदगी से निजात नहीं मिल रही है. लखनऊ विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष डाॅ. राजेंद्र मणि त्रिपाठी ने बताया कि निश्चित तौर पर हम जमुना झील को साफ कराने का काम करा रहे हैं. इसमें किसी भी तरह की गड़बड़ी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.